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पटनावासियों को बारिश के समय नहीं उठानी पड़ेगी परेशानी! निगम का फुल प्रुफ प्लान कर रहा काम

मानसून आने से पहले पटना के नालों की उड़ाही हो जानी है. छोटे से लेकर बड़े नालों तक की सफाई की जा रही है. मशीन, रोबोट के साथ मानव बल के माध्यम से नाला उड़ाही का कार्य तेज गति से शुरू हो गया है. निगम प्रशासन का दावा है कि 15 फरवरी से ही हम लोग नाला उड़ाही का कार्य कर रहे हैं. जो 30 अप्रैल तक पूरा हो जाएगा.

पटना के नाले की सफाई
पटना के नाले की सफाई
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Published : Apr 5, 2021, 5:12 PM IST

पटना: 30 अप्रैल तक पटना शहर के सभी छोटे-बड़े नालों की सफाई हो जाएगी. नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर निगम प्रशासन ने नाला उड़ाही का कार्य तेज कर दिया है. निगम प्रशासन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए निगम कर्मी लगातार नालों की सफाई करने में लग गए हैं. मशीन, रोबोट के साथ मानव बल के माध्यम से नाला उड़ाही का कार्य तेज गति से शुरू हो गया है. निगम प्रशासन का दावा है कि 15 फरवरी से ही हम लोग नाला उड़ाही का कार्य कर रहे हैं. जो 30 अप्रैल तक पूरा हो जाएगा.

यह भी पढ़ें- स्वच्छता सर्वेक्षण का सर्वे समाप्त, निगम प्रशासन का दावा- टॉप 10 में रहेगा पटना

कार्य में हुई थोड़ी देरी
पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा कि लगातार नाला उड़ाही का कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद विपरीत परिस्थितियों और कम संसाधनों के बावजूद, नाले की सफाई की वजह से शहर में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी. इस वर्ष भी ऐसे ही कार्य का प्रदर्शन हो रहा है. नगर विकास विभाग के निर्देश पर नगर निगम संबंधित एजेंसियों को मानसून की तैयारियों की प्राथमिकता देते हुए मिशन मोड में कार्य को पूर्ण करने का भी निर्देश दे दिया है.

नालों की हो रही उड़ाही
नालों की हो रही उड़ाही

ये भी पढ़ें - बिहार में 5 नगर निगम का विस्तार, लेकिन कर्मियों की घोर कमी से जूझ रहा कॉर्पोरेशन

हर साल शुरू हो जाता है नाला उड़ाही का काम
मानसून की बारिश में शहर में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो इसको लेकर नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर निगम प्रशासन को आदेश दे चुके हैं. 30 अप्रैल तक सभी बड़े छोटे नालों की सफाई का काम पूरा कर लें. इसके बाद निगम प्रशासन नाला उड़ाही के कार्य में तेजी ला चुकी है. 2019 की तरह पटना शहर में जलजमाव की स्थिति न हो, इसके लिए सरकार हर साल मानसून आने से पहले नाला उड़ाही का कार्य शुरू कर देती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- PM के आह्वान पर आत्मनिर्भर बनी लालसा, कई महिलाओं के साथ मिलकर कर रही ये काम

लगातार हो रहे हैं कार्य
'फरवरी माह के आखिरी सप्ताह में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर केंद्रीय टीम पटना आई थी. जिसकी वजह से नाला उड़ाही का कार्य थोड़ी धीमी गति से हुई थी. लेकिन एक बार फिर कार्य तेज हो गया है. लगातार निगम कर्मी नाला उड़ाही के कार्य में लगे हुए हैं.' -हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम

हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम
हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम

लगातार ले रहे हैं फीडबैक
नगर आयुक्त नाला उड़ाही के कार्यों को लेकर लगातार सफाई कर्मियों से फीडबैक भी ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि पटना शहर में कुल 46837 मेनहॉल में 10,001 एवं कुल 36241 कैचपिट में से 8,289 की उड़ाही का कार्य पूरा कर लिया गया है. पटना नगर निगम क्षेत्र में कुल 17,03,568 फीट खुले/सर्विस नाले हैं. जिनमें से 3,46,443 फीट तक का उड़ाही का कार्य पूरा कर लिया गया है. मशीनों के साथ-साथ 12 नए जेंटिंग मशीन एवं बैडीकूट मशीन से भी नाला उड़ाही का कार्य किया जा रहा है. नाला उड़ाही कार्य में लगी सभी मशीनें जीपीएस युक्त हैं.

पटना में कुल 535 नाले
बता दें कि पटना में नालों की संख्या कुल 535 हैं. शहर के 9 बड़े नालों की बात करें तो सर्पेंटाइन नाला, योगीपुर नाला, मंदिरी नाला, बाकरगंज नाला, आनंदपुरी नाला, कुर्जी नाला, बाईपास नाला (कंकड़बाग क्षेत्र), बाईपास नाला (नूतन राजधानी क्षेत्र) एवं सैदपुर के नाले की उड़ाही का कार्य किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक 1968 के बाद पटना शहर में कोई बड़े नालों का निर्माण नहीं हो पाया है. जनसंख्या की बात करें तो पटना में लगभग 20 लाख से अधिक आबादी हो गई है. जिसका घनत्व 11 सौ प्रति स्क्वायर किलोमीटर है.

यह भी पढ़ें- पटना: रूपेश हत्याकांड में शामिल तीसरे आरोपी ने कोर्ट में किया सरेंडर

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यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में खुलेगा मेगा फूड पार्क, 5000 लोगों को मिलेगा रोजगार- शाहनवाज हुसैन

पटना: 30 अप्रैल तक पटना शहर के सभी छोटे-बड़े नालों की सफाई हो जाएगी. नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव के आदेश पर निगम प्रशासन ने नाला उड़ाही का कार्य तेज कर दिया है. निगम प्रशासन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए निगम कर्मी लगातार नालों की सफाई करने में लग गए हैं. मशीन, रोबोट के साथ मानव बल के माध्यम से नाला उड़ाही का कार्य तेज गति से शुरू हो गया है. निगम प्रशासन का दावा है कि 15 फरवरी से ही हम लोग नाला उड़ाही का कार्य कर रहे हैं. जो 30 अप्रैल तक पूरा हो जाएगा.

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कार्य में हुई थोड़ी देरी
पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा ने कहा कि लगातार नाला उड़ाही का कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल कोरोना संक्रमण के खतरे के बावजूद विपरीत परिस्थितियों और कम संसाधनों के बावजूद, नाले की सफाई की वजह से शहर में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न नहीं हुई थी. इस वर्ष भी ऐसे ही कार्य का प्रदर्शन हो रहा है. नगर विकास विभाग के निर्देश पर नगर निगम संबंधित एजेंसियों को मानसून की तैयारियों की प्राथमिकता देते हुए मिशन मोड में कार्य को पूर्ण करने का भी निर्देश दे दिया है.

नालों की हो रही उड़ाही
नालों की हो रही उड़ाही

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हर साल शुरू हो जाता है नाला उड़ाही का काम
मानसून की बारिश में शहर में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो इसको लेकर नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर निगम प्रशासन को आदेश दे चुके हैं. 30 अप्रैल तक सभी बड़े छोटे नालों की सफाई का काम पूरा कर लें. इसके बाद निगम प्रशासन नाला उड़ाही के कार्य में तेजी ला चुकी है. 2019 की तरह पटना शहर में जलजमाव की स्थिति न हो, इसके लिए सरकार हर साल मानसून आने से पहले नाला उड़ाही का कार्य शुरू कर देती है.

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लगातार हो रहे हैं कार्य
'फरवरी माह के आखिरी सप्ताह में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर केंद्रीय टीम पटना आई थी. जिसकी वजह से नाला उड़ाही का कार्य थोड़ी धीमी गति से हुई थी. लेकिन एक बार फिर कार्य तेज हो गया है. लगातार निगम कर्मी नाला उड़ाही के कार्य में लगे हुए हैं.' -हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम

हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम
हिमांशु शर्मा, नगर आयुक्त, पटना नगर निगम

लगातार ले रहे हैं फीडबैक
नगर आयुक्त नाला उड़ाही के कार्यों को लेकर लगातार सफाई कर्मियों से फीडबैक भी ले रहे हैं. उन्होंने बताया कि पटना शहर में कुल 46837 मेनहॉल में 10,001 एवं कुल 36241 कैचपिट में से 8,289 की उड़ाही का कार्य पूरा कर लिया गया है. पटना नगर निगम क्षेत्र में कुल 17,03,568 फीट खुले/सर्विस नाले हैं. जिनमें से 3,46,443 फीट तक का उड़ाही का कार्य पूरा कर लिया गया है. मशीनों के साथ-साथ 12 नए जेंटिंग मशीन एवं बैडीकूट मशीन से भी नाला उड़ाही का कार्य किया जा रहा है. नाला उड़ाही कार्य में लगी सभी मशीनें जीपीएस युक्त हैं.

पटना में कुल 535 नाले
बता दें कि पटना में नालों की संख्या कुल 535 हैं. शहर के 9 बड़े नालों की बात करें तो सर्पेंटाइन नाला, योगीपुर नाला, मंदिरी नाला, बाकरगंज नाला, आनंदपुरी नाला, कुर्जी नाला, बाईपास नाला (कंकड़बाग क्षेत्र), बाईपास नाला (नूतन राजधानी क्षेत्र) एवं सैदपुर के नाले की उड़ाही का कार्य किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक 1968 के बाद पटना शहर में कोई बड़े नालों का निर्माण नहीं हो पाया है. जनसंख्या की बात करें तो पटना में लगभग 20 लाख से अधिक आबादी हो गई है. जिसका घनत्व 11 सौ प्रति स्क्वायर किलोमीटर है.

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