पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव की मतगणना (Bihar Legislative Council Election Counting) आज हो रही है. आमतौर पर समर्थकों से भरे रहने वाले राजद के ऑफिस में मतगणना की सुबह 8 बजे तक एकदम शांति दिखी. ऑफिस के मेन गेट पर भी ताला लगा हुआ था. अंदर ऑफिस के कुछ कर्मी अपनी कार्यों में लगे हुए दिखे. विधान परिषद की 24 सीटों के लिए आज मतगणना शुरू है. इस चुनाव में एनडीए और राजद के बीच सीधी टक्कर की बात कही जा रही है. राजद के 23, एनडीए की ओर से बीजेपी के 12, जदयू के 11, लोजपा (पारस गुट) के एक और लेफ्ट के एक उम्मीदवार के किस्मत का फैसला होगा.
ये भी पढ़ें-Bihar MLC Election: एमएलसी प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज, सुरक्षा के किये गये कड़े इंतजाम
185 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला: बता दें कि बिहार विधान परिषद के 24 सीटों पर वोटिंग 4 अप्रैल को हुई थी. चुनाव में 97.84% मतदान हुआ है. 12 सीटों पर 99 फीसदी या इससे अधिक वोटिंग हुई है. कुल 185 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज हो जाएगा. चुनाव बैलेट से हुआ है. काउंटिंग के लिए 14 टेबल बनाए गए हैं. सबसे पहले मतगणना केंद्र स्थल पर बैलेट बॉक्स से सभी मतपत्रों को निकालकर उसे मिलाया जाएगा और गिनती शुरू होगी. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना का काम होगा. इस बार लड़ाई आरजेडी और एनडीए के बीच है.
चुनावी मैदान में RJD के 21 उम्मीदवार
पटना से कार्तिकेय कुमार
भोजपुर से बक्सर से अनिल सम्राट
गया से रिंकू यादव
नालंदा से वीरेन यादव
रोहतास से कृष्ण सिंह
औरंगाबाद से अनुज सिंह
सारण से सुधांशु रंजन पांडे
सिवान से विनोद जायसवाल
दरभंगा से उदय शंकर यादव
पूर्वी चंपारण से राजेश रोशन उर्फ बबलू देव
पश्चिमी चंपारण से सौरभ कुमार
मुजफ्फरपुर से शंभू सिंह
वैशाली से सुबोध राय
सीतामढ़ी से कब्बू खिरहर
मुंगेर-जमुई-लखीसराय से अजय सिंह
कटिहार से कुंदन कुमार
सहरसा-मधेपुरा से डॉक्टर अजय सिंह
मधुबनी से मेराज आलम
गोपालगंज से दिलीप सिंह
बेगूसराय-खगड़िया से मनोहर यादव
भागलपुर से संजय यादव
विधान परिषद चुनाव की मतगणना: बिहार एमएलसी चुनाव में मतगणना की प्रक्रिया अन्य चुनाव की तुलना में थोड़ी अलग होगी. इसमें भी 14 टेबल बनाए गए हैं. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इसमें पहली पसंद का प्रत्याशी मतगणना में आगे रहकर भी हार सकता है और दूसरी पसंद के प्रत्याशी की किस्मत भी चमक सकती है. विधान परिषद की मतगणना विधानसभा चुनाव से बिल्कुल अलग है. इस चुनाव में किसी भी प्रत्याशी को वरीयता के कुल वोटो में से 50% से अधिक वोट लाने होते हैं तभी विजेता का फैसला होता है.
आम चुनाव की तरह नहीं होती काउंटिंग: विधान परिषद के इस चुनाव में एक से ज्यादा प्रत्याशियों को वोट देने का विकल्प रहता है. बैलेट पेपर पर वरीयता क्रम में अपनी पसंद का चुनाव करना होता है. पहले प्रथम वरीयता के वोट की गिनती होती है और प्रत्याशी को जीत के लिए कुल वोटों में से 50% से अधिक वोट लाना होता है. यदि 50% से अधिक वोट नहीं मिला तो फिर दूसरी वरीयता के वोटों की गिनती होती है और सबसे कम प्रथम वरीयता के वोट लाने वाले प्रत्याशी को हटा दिया जाता है. उसके बैलेट पेपर में मिले दूसरी वरीयता के वोट को संबंधित प्रत्याशी के वोट में जोड़ दिया जाता है. वोटों की गिनती की प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक 50% से एक भी अधिक वोट नहीं आ जाता है और इसके कारण मतगणना में अधिक समय लगता है. ऐसे आरा और बक्सर से सबसे पहले रिजल्ट आने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें-लखीसराय में MLC चुनाव का मतदान संपन्न, विधानसभा अध्यक्ष ने किया मतदान
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP