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ना खेलने के लिए मिला ग्राउंड, ना ही मिली सरकारी नौकरी, बेसबॉल खिलाड़ियों का यूं छलका दर्द

बिहार में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. बेसबॉल की बात करें तो इसके भी कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने बलबूते ना सिर्फ बेसबॉल खेला बल्कि भारत के साथ ही विदेशों में भी बिहार का प्रतिनिधित्व किया और प्रदेश का मान सम्मान बढ़ाया. लेकिन आज इनकी स्थिति बद से बदतर हो गई है.

Bihar Baseball news
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Published : Jul 8, 2021, 7:54 PM IST

Updated : Jul 8, 2021, 8:19 PM IST

पटना: बिहार के लोग हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर बिहार का नाम देश और दुनिया में ऊंचा कर रहे हैं. बिहार में बेसबॉल (Baseball Association Of Bihar) के भी ऐसे अनेक खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने बलबूते पर बेसबॉल (Baseball) खेला और केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जाकर बिहार का प्रतिनिधित्व किया. लेकिन आज इनकी हालत बदतर हो गई है. ऐसे ही कुछ बेसबॉल खिलाड़ियों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की है.

यह भी पढ़ें- बिहार में खेलः संसाधन के अभाव में भी इन खिलाड़ियों का नहीं टूटा हौसला, मैदान में लहराया परचम

बेसबॉल के प्रति सरकार उदासीन बनी हुई है. इसके खिलाड़ियों को भी किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं दी जाती है. राजधानी पटना के नाला रोड के रहने वाले राजेश कुमार ने बेसबॉल के कई गेम खेले हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के गेम में भी काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. लेकिन सरकार की ओर से इन्हें किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं दी गई. ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझ रहे राजेश ने आज अपनी दुकान खोल ली है.

देखें वीडियो

मैंने अपना काफी समय बेसबॉल के लिए दिया लेकिन बिहार में बेसबॉल को कोई जगह नहीं मिली. भले ही सरकार की तरफ से कोई मदद ना मिले लेकिन बेसबॉल खेलने का सिलसिला जारी रहेगा. 1996 से लगातार बेसबॉल खेल रहे हैं और आगे भी खेलते रहेंगे.- राजेश कुमार, बेसबॉल खिलाड़ी

इन खिलाड़ियों को मलाल बस इस बात का है कि इतना बेहतर प्रदर्शन करने के बाद भी सरकार बेसबॉल के प्रति कोई ध्यान नहीं दे रही. इन खिलाड़ियों ने सरकार से मांग की है कि इस ओर ध्यान दिया जाए. दूसरे खेलों में जिस तरह से खिलाड़ियों को नौकरी दी जाती है बेसबॉल खिलाड़ियों को भी नौकरी दी जाए.

'पहले हमें ग्राउंड उपलब्ध था लेकिन अब ग्राउंड (Baseball Ground In Bihar) भी नहीं है. हम अपने खर्च से ही गेम खेलते हैं और बिहार का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में हम सरकार से यह मांग करते हैं कि सरकार बेसबॉल पर ध्यान दे अगर इसके लिए कोई फंड नहीं है तो कम से कम मैदान ही उपलब्ध करा दे जहां पर खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सके.'- विपिन कुमार, सीनियर खिलाड़ी

'विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी तक मिल गई. हमने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेडल जीता है. यहां तक की बेसबॉल ओलंपिक में भी शामिल हैं. बिहार में इतने बेहतर खिलाड़ी हैं लेकिन फिर भी सरकार इस पर ध्यान नहीं देती. काफी समय पहले ही हमने बिहार सरकार में आई बहाली के लिए आवेदन दिया था लेकिन आज तक उस बहाली का कुछ नहीं हुआ.'- विजय कुमार ,सीनियर, बेसबॉल खिलाड़ी

फंड की कमी का असर खेल पर पड़ रहा है साथ ही ग्राउंड ही उपलब्ध ना होने के कारण खिलाड़ियों को अभ्यास करने में समस्या आ रही है. ऐसे में ये खिलाड़ी खुद प्रैक्टीस कर रहे हैं ताकि आने वाले ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन कर सके.

बिहार के बेसबॉल के खिलाड़ियों ने भारत के विभिन्न राज्यों के साथ मलेशिया, दुबई, पाकिस्तान के साथ ही अन्य 8 देशों में भी जाकर अपना परचम लहराया है. बिहार में करीब 40 से 50 खिलाड़ी हैं जो बेसबॉल खेलते हैं. हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार बेसबॉल को बचाने में हमारी सहायता करे. हमें ग्राउंड उपलब्ध कराए नहीं तो खिलाड़ी ग्राउंड ना होने के कारण सड़कों पर उतर कर बेसबॉल खेलना शुरू कर देंगे.-रूपक कुमार, कोषाध्यक्ष, बेसबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार

फिलहाल बेसबॉल खेल का हाल बिहार में काफी बुरा है. खिलाड़ी सरकारी उपेक्षा के कारण आर्थिक तंगी झेलने को मजबूर हैं. ये लोग बिना किसी सहायता के खुद के बलबूते मेहनत कर रहे हैं और बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. जरूरत है इन खिलाड़ियों की मदद करने की ताकि अन्य खेलों की तरह ही बेसबॉल में भी बिहार का नाम देश दुनिया में रोशन हो.

पटना: बिहार के लोग हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर बिहार का नाम देश और दुनिया में ऊंचा कर रहे हैं. बिहार में बेसबॉल (Baseball Association Of Bihar) के भी ऐसे अनेक खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने बलबूते पर बेसबॉल (Baseball) खेला और केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जाकर बिहार का प्रतिनिधित्व किया. लेकिन आज इनकी हालत बदतर हो गई है. ऐसे ही कुछ बेसबॉल खिलाड़ियों से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की है.

यह भी पढ़ें- बिहार में खेलः संसाधन के अभाव में भी इन खिलाड़ियों का नहीं टूटा हौसला, मैदान में लहराया परचम

बेसबॉल के प्रति सरकार उदासीन बनी हुई है. इसके खिलाड़ियों को भी किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं दी जाती है. राजधानी पटना के नाला रोड के रहने वाले राजेश कुमार ने बेसबॉल के कई गेम खेले हैं. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के गेम में भी काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. लेकिन सरकार की ओर से इन्हें किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं दी गई. ऐसे में आर्थिक तंगी से जूझ रहे राजेश ने आज अपनी दुकान खोल ली है.

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मैंने अपना काफी समय बेसबॉल के लिए दिया लेकिन बिहार में बेसबॉल को कोई जगह नहीं मिली. भले ही सरकार की तरफ से कोई मदद ना मिले लेकिन बेसबॉल खेलने का सिलसिला जारी रहेगा. 1996 से लगातार बेसबॉल खेल रहे हैं और आगे भी खेलते रहेंगे.- राजेश कुमार, बेसबॉल खिलाड़ी

इन खिलाड़ियों को मलाल बस इस बात का है कि इतना बेहतर प्रदर्शन करने के बाद भी सरकार बेसबॉल के प्रति कोई ध्यान नहीं दे रही. इन खिलाड़ियों ने सरकार से मांग की है कि इस ओर ध्यान दिया जाए. दूसरे खेलों में जिस तरह से खिलाड़ियों को नौकरी दी जाती है बेसबॉल खिलाड़ियों को भी नौकरी दी जाए.

'पहले हमें ग्राउंड उपलब्ध था लेकिन अब ग्राउंड (Baseball Ground In Bihar) भी नहीं है. हम अपने खर्च से ही गेम खेलते हैं और बिहार का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसे में हम सरकार से यह मांग करते हैं कि सरकार बेसबॉल पर ध्यान दे अगर इसके लिए कोई फंड नहीं है तो कम से कम मैदान ही उपलब्ध करा दे जहां पर खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सके.'- विपिन कुमार, सीनियर खिलाड़ी

'विभिन्न खेलों के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी तक मिल गई. हमने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेडल जीता है. यहां तक की बेसबॉल ओलंपिक में भी शामिल हैं. बिहार में इतने बेहतर खिलाड़ी हैं लेकिन फिर भी सरकार इस पर ध्यान नहीं देती. काफी समय पहले ही हमने बिहार सरकार में आई बहाली के लिए आवेदन दिया था लेकिन आज तक उस बहाली का कुछ नहीं हुआ.'- विजय कुमार ,सीनियर, बेसबॉल खिलाड़ी

फंड की कमी का असर खेल पर पड़ रहा है साथ ही ग्राउंड ही उपलब्ध ना होने के कारण खिलाड़ियों को अभ्यास करने में समस्या आ रही है. ऐसे में ये खिलाड़ी खुद प्रैक्टीस कर रहे हैं ताकि आने वाले ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन कर सके.

बिहार के बेसबॉल के खिलाड़ियों ने भारत के विभिन्न राज्यों के साथ मलेशिया, दुबई, पाकिस्तान के साथ ही अन्य 8 देशों में भी जाकर अपना परचम लहराया है. बिहार में करीब 40 से 50 खिलाड़ी हैं जो बेसबॉल खेलते हैं. हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार बेसबॉल को बचाने में हमारी सहायता करे. हमें ग्राउंड उपलब्ध कराए नहीं तो खिलाड़ी ग्राउंड ना होने के कारण सड़कों पर उतर कर बेसबॉल खेलना शुरू कर देंगे.-रूपक कुमार, कोषाध्यक्ष, बेसबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार

फिलहाल बेसबॉल खेल का हाल बिहार में काफी बुरा है. खिलाड़ी सरकारी उपेक्षा के कारण आर्थिक तंगी झेलने को मजबूर हैं. ये लोग बिना किसी सहायता के खुद के बलबूते मेहनत कर रहे हैं और बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं. जरूरत है इन खिलाड़ियों की मदद करने की ताकि अन्य खेलों की तरह ही बेसबॉल में भी बिहार का नाम देश दुनिया में रोशन हो.

Last Updated : Jul 8, 2021, 8:19 PM IST
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