पटना: बाढ़ को जिला बनाने की मांग फिर से तेज हो गई है. बाढ़ की जनता आर-पार के मूड में दिख रही है. जिला का दर्जा दिलाने के लिए लोग बाढ़ से दो दिवसीय पदयात्रा पर पटना रवाना हो गए हैं. पटना में ये लोग अपनी मांग का ज्ञापन सीएम को सौंपेंगे.
बाढ़ अनुमंडल को जिला बनाने की मांग वर्षो से लंबित है. सीएम नीतीश कुमार ने लोगों को बार-बार आश्वासन दिया. लेकिन अब तक बाढ़ को जिला नहीं बनाया जा सका. मांगें पूरी नहीं होने पर जिला बीजेपी उपाध्यक्ष राजेश कुमार राजू के नेतृत्व में इस बार आंदोलनकारी पैदल मार्च कर रहे हैं.
सीएम को सौंपेंगे ज्ञापन
राजेश कुमार राजू ने बताया कि अबतक बाढ़ की जनता की मांग पूरी नहीं हो सकी है. यह मांग किसी एक व्यक्ति की नहीं है बल्कि यहां के आवाम की है. पदयात्रा करते हुए पटना सचिवालय में सीएम से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपेंगे. सीएम को लोगों की भावनाओं से अवगत कराएंगे.
बाढ़ को जिला बनाने तक चलेगी लड़ाई
आंदोलनकारियों का जत्था बाढ़ के अनुग्रह नारायण सिंह कॉलेज मैदान से पैदल मार्च करते हुए 10 अगस्त को पटना पहुंचेगी. प्रोफेसर साधु शरण सिंह सुमन ने तिरंगा झंडा के साथ पदयात्रा की शुरूआत की. प्रोफेसर साधु शरण ने ईटीवी भारत को बताया कि जिला बनाने के लिए हर अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जायेगा. सीएम तक ज्ञापन पहुंचने के बाद आमरणअनशन करेंगे. हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक बाढ़ को जिला का हक मिल नहीं जाता.
जगह-जगह खाने-पीने की व्यवस्था
आंदोलनकारियों के काफिले के साथ आपातकालीन सुविधाएं साथ चल रही हैं. आंदोलनकारियों के साथ पानी, एंबुलेंस और खाली गाड़ियां चल रही हैं. राजधानी पटना पहुंचने तक काफिले में भारी बढ़ोतरी होने की संभावना है. अथमलगोला में नाश्ता और बख्तियारपुर में भोजन की व्यवस्था की गई है. वहीं खुसरूपुर में आंदोलनकारी विश्राम करेंगे. यहां भोजन की व्यवस्था की गई है. सभी आंदोलनकारी कल यानी 10 अगस्त को पटना पहुंचेंगे.
एक सप्ताह के लिए जिला बन चुका है बाढ़
बाढ़ को पटना से अलग कर जिला बनाने की मांग 1972 से उठ रही है. हर सरकार की तरफ से अबतक आश्वासन ही मिला है. 15 अगस्त 1993 को बाढ़ 1 सप्ताह के जिला जरूर बना था, लेकिन 1 सप्ताह के बाद जिला से संबंधित अधिसूचना को खारिज कर दिया गया. सीएम बनने के बाद नीतीश कुमार की पहली कैबिनेट की बैठक में जिला बनाने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन अबतक इसपर अमल नहीं किया गया.