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विलय के विरोध में देशव्यापी हड़ताल पर बैंककर्मी, सरकार के खिलाफ है आक्रोश

इलाहाबाद बैंक के महामंत्री उत्पल कांत ने कहा कि वित्त मंत्री की नीतियों के चलते बैंकों में एनपीए खाता धारकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जितने भी पूंजीपति हैं बैंकों से कर्जा लेकर देश छोड़ रहे हैं.

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Published : Oct 22, 2019, 2:27 PM IST

पटनाः बैंकों के विलय के विरोध में ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल किया गया है. राजधानी पटना में इलाहाबाद बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य गेट पर बैंक कर्मचारी तख्ती बैनर लेकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि बैंकों का विलय उनके साथ धोखा है. सरकार की नियत में खोट है.

हड़ताल को पूरे देश के मजदूरों का समर्थन
इलाहाबाद बैंक के महामंत्री उत्पल कांत ने कहा कि देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है और सरकार उस पर ध्यान न देकर सिर्फ बैंकों को एक दूसरे में विलय कर रही है. उन्होंने बताया कि इस हड़ताल का पूरे देश के मजदूरों ने समर्थन किया है. यह सरकार की जो दोहरी नीति और मजदूर विरोधी नीति है, हम सभी भारतीय मजदूर एकजुट होकर यह दिखाना चाहते हैं कि हम सरकार के नीतियों के खिलाफ हैं.

patna
जानकारी देते इलाहाबाद बैंक के महामंत्री उत्पल कांत

'सरकार दे रही कर्मचारियों को धोखा'
महामंत्री उत्पल कांत ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार जो बैंकों का विलय कर रही है, वह गलत है. विलय की नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं करके सरकार बैंकों के कर्मचारी को धोखा देने का काम कर रही है. वित्त मंत्री की नीतियों के चलते बैंकों में एनपीए खाता धारकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जितने भी पूंजीपति हैं बैंकों से कर्जा लेकर देश छोड़ रहे हैं. जिसका नतीजा है कि 6993 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय को बंद कर दिया गया है. अब इन सभी शाखा के कर्मचारी कहां जाएंगे.

नारे लगाते बैंक इम्पलाइज और बयान देते महामंत्री उत्पल कांत

नीतियों में सुधार नहीं तो जारी रहेगी हड़ताल
महामंत्री ने कहा कि इलाहाबाद बैंक 1865 से अब तक राष्ट्र की सेवा में लगातार अपनी भूमिका निभाते आ रहा है. लेकिन सरकार की नीतियों के खिलाफ कुछ बैंकों को एक दूसरे में विलय किया जा रहा है. जिसके विरोध में हम लोगों ने एक दिवसीय हड़ताल बुलाया है. यदि सरकार अपनी नीतियों में सुधार नहीं लाती है, तो हमारा हड़ताल आगे भी जारी रहेगा.

यह है बैंकर्स की मुख्य मांगे...

  • बैंकों का विलयकरण पर लगे रोक.
  • सभी बैंकों में सुनिश्चित भर्ती की जाए.
  • जन विरोधी बैंकिंग सुधारों को रोका जाए.
  • दंडात्मक शुल्क लगाकर ग्राहकों को परेशान न किया जाए.
  • खराब ऋण की वसूली सुनिश्चित कर ऋणियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
  • सेवा शुल्क में बढ़ोतरी न की जाए, साथ ही जमा राशियों पर ब्याज दर बढ़ाई जाए.

पटनाः बैंकों के विलय के विरोध में ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल किया गया है. राजधानी पटना में इलाहाबाद बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य गेट पर बैंक कर्मचारी तख्ती बैनर लेकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि बैंकों का विलय उनके साथ धोखा है. सरकार की नियत में खोट है.

हड़ताल को पूरे देश के मजदूरों का समर्थन
इलाहाबाद बैंक के महामंत्री उत्पल कांत ने कहा कि देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है और सरकार उस पर ध्यान न देकर सिर्फ बैंकों को एक दूसरे में विलय कर रही है. उन्होंने बताया कि इस हड़ताल का पूरे देश के मजदूरों ने समर्थन किया है. यह सरकार की जो दोहरी नीति और मजदूर विरोधी नीति है, हम सभी भारतीय मजदूर एकजुट होकर यह दिखाना चाहते हैं कि हम सरकार के नीतियों के खिलाफ हैं.

patna
जानकारी देते इलाहाबाद बैंक के महामंत्री उत्पल कांत

'सरकार दे रही कर्मचारियों को धोखा'
महामंत्री उत्पल कांत ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार जो बैंकों का विलय कर रही है, वह गलत है. विलय की नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं करके सरकार बैंकों के कर्मचारी को धोखा देने का काम कर रही है. वित्त मंत्री की नीतियों के चलते बैंकों में एनपीए खाता धारकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जितने भी पूंजीपति हैं बैंकों से कर्जा लेकर देश छोड़ रहे हैं. जिसका नतीजा है कि 6993 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय को बंद कर दिया गया है. अब इन सभी शाखा के कर्मचारी कहां जाएंगे.

नारे लगाते बैंक इम्पलाइज और बयान देते महामंत्री उत्पल कांत

नीतियों में सुधार नहीं तो जारी रहेगी हड़ताल
महामंत्री ने कहा कि इलाहाबाद बैंक 1865 से अब तक राष्ट्र की सेवा में लगातार अपनी भूमिका निभाते आ रहा है. लेकिन सरकार की नीतियों के खिलाफ कुछ बैंकों को एक दूसरे में विलय किया जा रहा है. जिसके विरोध में हम लोगों ने एक दिवसीय हड़ताल बुलाया है. यदि सरकार अपनी नीतियों में सुधार नहीं लाती है, तो हमारा हड़ताल आगे भी जारी रहेगा.

यह है बैंकर्स की मुख्य मांगे...

  • बैंकों का विलयकरण पर लगे रोक.
  • सभी बैंकों में सुनिश्चित भर्ती की जाए.
  • जन विरोधी बैंकिंग सुधारों को रोका जाए.
  • दंडात्मक शुल्क लगाकर ग्राहकों को परेशान न किया जाए.
  • खराब ऋण की वसूली सुनिश्चित कर ऋणियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
  • सेवा शुल्क में बढ़ोतरी न की जाए, साथ ही जमा राशियों पर ब्याज दर बढ़ाई जाए.
Intro:बैंकों के विलय के विरोध में आज देशव्यापी हड़ताल कर्मचारी बैंकों के गेट पर तख्ती बैनर के साथ बैंकों के दिल के विरोध में आज देश वापिस हड़ताल कर्मचारी सरकार विरोधी लगा रहे हैं नारे--


Body:पटना--- ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आवाहन पर आज बैंकों के विलय के विरोध में देशव्यापी हड़ताल किया गया है। राजधानी पटना में इलाहाबाद बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य गेट पर बैंक के कर्मचारी तख्ती बैनर लेकर सरकार विरोधी लगा रहे हैं ना रे सारे कर्मचारियों की एक ही मांग है की सरकार जो बैंकों काबिले कर रही है वह सही नहीं है सरकार के नियत में खोट है जिस तरह से देश में आर्थिक मंदी उपजी है और सरकार उस पर ध्यान न देकर सिर्फ बैंकों को एक दूसरे में बिल है कर रही है इलाहाबाद बैंक के महामंत्री उत्पल कांत ने बताया कि यह हड़ताल का समर्थन पूरा देश के मजदूर ने किया है और यह सरकार की जो दोहरी नीति और मजदूर विरोधी नीति है हम सभी भारतीय मजदूर एकजुट होकर यह दिखाना चाहते हैं कि हम सरकार के नीतियों के खिलाफ हैं हम अत्याचार नहीं सहेंगे इसे सफल बनाने के लिए सभी बैंकों के कर्मचारी देशभर में जगह-जगह निजी बैंकों को भी बंद करवा रहे हैं। हमारी मांग है की सरकार जो बैंकों को विलय कर रही है जिसे भारत सरकार बैंक के कर्मचारियों के साथ धोखा दे रही है एक बार दो बार नहीं बल्कि तीसरी बार भी नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं करते हुए सरकार ने बैंकों के कर्मचारी को धोखा देने का काम कर रही है। बैंक के महामंत्री उपवन कांत ने बताया कि वित्त मंत्री के नीतियों के चलते बैंकों में एनपीए खाता धारकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जितने भी पूंजीपति हैं बैंकों से कर्जा लेकर देश छोड़ रहे हैं जिससे एनपीए की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिसका नतीजा है कि 6993 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय को बंद कर दिया गया है अब इन सभी शाखा के कर्मचारी कहां जाएंगे इस पर सरकार की कोई नीति नहीं बन रही है तो इन सभी कर्मचारियों के बाल बच्चे का लालन-पालन कैसे होगा और आज काल के जो युवा बैंकों में भविष्य अपना तलाशते हैं जब रोजगार ही नहीं रहेगा तो यह पढ़े लिखे युवा कहां जाएंगे सरकार कहती है पकोड़ा तलने का लेकिन हम सरकार के इस भाषा का विरोध करते हैं। हमारा इलाहाबाद बैंक 1865 ईस्वी से अभी तक चलती आ रही है इलाहाबाद बैंक राष्ट्र की सेवा में लगातार अपनी भूमिका निभाते आ रहा है। लेकिन सरकार की नीतियों के खिलाफ कुछ बैंकों को एक दूसरे में विलय किया जा रहा है जिसके विरोध में हम लोगों ने आज एक दिवसीय हड़ताल बुलाया है यदि सरकार अपनी नीतियों में सुधार नहीं लाती है तो हमारा हड़ताल आगे भी जारी रहेगा।

बाइट-- उत्पल कांत ,महामंत्री इलाहाबाद बैंक पटना


Conclusion: यह है मुख्य मांगे

. बैंकों का बिलकरण पर रोक

. जन विरोधी बैंकिंग सुधारों को रोका जाए

. खराब ऋण की वसूली सुनिश्चित कर ऋण चुककर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए

. दंडात्मक शुल्क लगाकर ग्राहकों को परेशान न किया जाए सेवा शुल्क में बढ़ोतरी न की जाए साथ ही जमा राशियों पर ब्याज दर बढ़ाई जाए।

. नौकरी एवं नौकरियों की सुरक्षा पर हमले रोका जाए

. सभी बैंकों में सुनिश्चित भर्ती की जाए।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर
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