पटनाः बैंकों के विलय के विरोध में ऑल इंडिया बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल किया गया है. राजधानी पटना में इलाहाबाद बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य गेट पर बैंक कर्मचारी तख्ती बैनर लेकर सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि बैंकों का विलय उनके साथ धोखा है. सरकार की नियत में खोट है.
हड़ताल को पूरे देश के मजदूरों का समर्थन
इलाहाबाद बैंक के महामंत्री उत्पल कांत ने कहा कि देश में आर्थिक मंदी का दौर चल रहा है और सरकार उस पर ध्यान न देकर सिर्फ बैंकों को एक दूसरे में विलय कर रही है. उन्होंने बताया कि इस हड़ताल का पूरे देश के मजदूरों ने समर्थन किया है. यह सरकार की जो दोहरी नीति और मजदूर विरोधी नीति है, हम सभी भारतीय मजदूर एकजुट होकर यह दिखाना चाहते हैं कि हम सरकार के नीतियों के खिलाफ हैं.
'सरकार दे रही कर्मचारियों को धोखा'
महामंत्री उत्पल कांत ने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार जो बैंकों का विलय कर रही है, वह गलत है. विलय की नीतियों में कोई परिवर्तन नहीं करके सरकार बैंकों के कर्मचारी को धोखा देने का काम कर रही है. वित्त मंत्री की नीतियों के चलते बैंकों में एनपीए खाता धारकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जितने भी पूंजीपति हैं बैंकों से कर्जा लेकर देश छोड़ रहे हैं. जिसका नतीजा है कि 6993 स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय को बंद कर दिया गया है. अब इन सभी शाखा के कर्मचारी कहां जाएंगे.
नीतियों में सुधार नहीं तो जारी रहेगी हड़ताल
महामंत्री ने कहा कि इलाहाबाद बैंक 1865 से अब तक राष्ट्र की सेवा में लगातार अपनी भूमिका निभाते आ रहा है. लेकिन सरकार की नीतियों के खिलाफ कुछ बैंकों को एक दूसरे में विलय किया जा रहा है. जिसके विरोध में हम लोगों ने एक दिवसीय हड़ताल बुलाया है. यदि सरकार अपनी नीतियों में सुधार नहीं लाती है, तो हमारा हड़ताल आगे भी जारी रहेगा.
यह है बैंकर्स की मुख्य मांगे...
- बैंकों का विलयकरण पर लगे रोक.
- सभी बैंकों में सुनिश्चित भर्ती की जाए.
- जन विरोधी बैंकिंग सुधारों को रोका जाए.
- दंडात्मक शुल्क लगाकर ग्राहकों को परेशान न किया जाए.
- खराब ऋण की वसूली सुनिश्चित कर ऋणियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए.
- सेवा शुल्क में बढ़ोतरी न की जाए, साथ ही जमा राशियों पर ब्याज दर बढ़ाई जाए.