पटना : ऑल इंडिया बैंक इम्पलॉइज एसोसिएशन ने एक हफ्ते की हड़ताल को स्थगित कर दिया है. बता दें कि 4 दिसंबर से 10 दिसंबर तक एक सप्ताह के लिए ये हड़ताल होने वाली थी. केंद्रीय श्रम आयुक्त के साथ बातचीत के बाद एसोसिएशन ने इसे स्थागित कर दिया है. इसके तहत तक देश भर के तमाम सरकारी और गैर सरकारी बैंकों के क्लर्क हड़ताल पर जाने वाले थे.
देशभर के बैंकों की हड़ताल स्थगित : बैंकों में मैन पावर की कमी और आउटसोर्सिंग के जरिए हो रही बहाली से बैंक कर्मी परेशान हैं. अपनी मांगों को केंद्रीय श्रम आयुक्त के सामने एसोसिएशन ने रखा है. इसके बाद हड़ताल को स्थगित किया गया है. लेकिन आगामी नए वर्ष में 19 जनवरी और 20 जनवरी को 2 दिन देश भर के तमाम बैंकों के क्लर्क हड़ताल पर रहने वाले हैं.
केंद्रीय श्रम आयुक्त की बैठक के बाद फैसला : ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉय एसोसिएशन, बिहार के जनरल सेक्रेटरी विजय मिश्रा ने बताया कि उनकी दो प्रमुख मांगें हैं. पहली मांग है कि बैंकों में आउट सोर्सिंग के जरिए बहाली बंद की जाए. दूसरी मांग है कि बैंकों के अंदर मैन पावर बढ़ाया जाए, ताकि हम सक्षम ग्राहक सेवा दे पाएं. उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार और बैंक मैनेजमेंट मिलकर हमारी संप्रभुता पर हमला कर रही है. इसकी लड़ाई के लिए मैदान में हैं और केंद्रीय श्रम आयुक्त के साथ बैठक हुई है. इसमें आश्वासन दिया गया है कि मांग पूरी होगी, इसीलिए 4 दिसंबर 10 दिसंबर तक होने वाली हड़ताल टाल दी गई है.
''अभी 4 दिसंबर से 10 दिसंबर की हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है. 6 जनवरी से देशव्यापी कार्यक्रम चलेगा. उसके बाद 19 और 20 जनवरी को देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल होगी. इससे भी बात नहीं बनती है, मांग पूरी नहीं होती है, तो फरवरी महीने में ऑल इंडिया एम्प्लॉय एसोसिएशन की बैठक होगी. उसमें फिर आगे का निर्णय लिया जाएगा.'' - विजय मिश्रा, जनरल सेक्रेटरी, ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉय एसोसिएशन
'मैन पावर की कमी और आउट सोर्सिंग बहाली से बैंककर्मी परेशान' : विजय मिश्रा ने बताया कि बैंकों में मैन पावर की कमी और आउट सोर्सिंग के जरिए हो रही बहाली से बैंक कर्मी परेशान हैं. ठीक ढंग से बैंकों के अंदर काम काज नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते बैंक कर्मियों और ग्राहकों के बीच झड़प आम बात हो गई है. बिहार के अंदर बहुत सारे बैंक ऐसे हैं, जो एक क्लर्क के भरोसे चल रहे हैं.
10000 पद बिहार में रिक्त : पंजाब नेशनल बैंक की ही 80 से अधिक ब्रांच है, जो एक क्लर्क के भरोसे चल रहे हैं. लगभग 10000 हजार से अधिक पद केवल बिहार में रिक्त हैं. देशभर में बैंकिंग सेक्टर में एक लाख से अधिक वैकेंसी है. इसके अलावा आउटसोर्सिंग से जो लोग ले जा रहे हैं उसके कारण बैंकिंग फ्रॉड बढ़ रहे हैं. बैंकिंग रूटिंग जॉब है और रूटिंग जॉब आउटसोर्सिंग के जरिए नहीं बल्कि परमानेंट व्यवस्था के तहत होनी चाहिए.
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