पटना : बिहार की राजधानी पटना स्थित राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय में 5 नवंबर को बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्री कृष्णा सिंह की जयंती मनाई जाएगी. इसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. राजधानी की सड़कों पर बड़े-बड़े हार्डिंग भी लगाएं गए हैं. राजद कार्यालय में पहली बार बाबू श्री कृष्णा सिंह की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. तमिलनाडु की पूर्व डीजीपी करुणा सागर द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे.
बिहार में ए टू जेड की राजनीति: बिहार में जातीय गणना के आंकड़ा आने के बाद माना जा रहा था कि सभी पार्टी खासकर की महागठबंधन दल अपने ही दल के स्वरूप को तय करेगी. कहीं ना कहीं टिकट देने का स्वरूप भी इसी तरह का रहेगा. लेकिन तेजस्वी यादव शुरू से ही यह कहते आ रहे हैं कि वह बिहार में वह ए टू जेड की राजनीति करने आए हैं. ऐसे में जिस तरह से पहली बार बड़ी धूमधाम से श्री कृष्ण सिंह की जयंती राजद कार्यालय में कल मनाया जाएगा, इससे यह स्पष्ट है कि तेजस्वी यादव अपने बातों पर खड़े है.
धूमधाम से मनाने की तैयारी: राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय में पहली बार बिहार की प्रथम मुख्यमंत्री रह चुके श्री कृष्णा सिंह की जयंती इतनी धूमधाम से मनाने की तैयारी की गई है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस तरह से कांग्रेस में जब श्री कृष्णा सिंह की जयंती मनाई गई तो लालू प्रसाद यादव वहां जाकर शामि्ल हुए थे. राजद कार्यालय में भी जो कार्यक्रम होने वाला है उसमें लालू प्रसाद यादव भी शामिल होंगे.
2019 में आपस में भिड़ गए थे कांग्रेस और जदयू: वहीं, कुछ साल पहले बिहार के पहले मुख्यमंत्री और स्वतंत्रता सेनानी स्व. श्री कृष्ण सिंह की जयंती की चर्चा आज भी लोगों को याद है. जहां 21 अक्टूबर को इनकी 132वीं जयंती के मौके पर बीजेपी और जदयू ने खूब राजनीति की थी. एक ओर जहां कांग्रेस ने श्री बाबू को भारत रत्न देने की मांग की थी. तो वहीं, सत्ताधारी नेताओं ने इसे सिर्फ खानापूर्ति बताया.
'बाबू की विद्वता के कायल थे नेता': साल 2019 में राजधानी के मिलर हाई स्कूल मैदान में श्री बाबू की जयंती मनाते हुए कांग्रेस नेताओं ने उन्हें भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित किया था. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि उस वक्त के तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू और तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल सहित तमाम बड़े नेता श्री बाबू की विद्वता के कायल थे.
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