पटना: एसटीइटी परीक्षा रद्द करने को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ लगातार विरोध-प्रदर्शन जारी है. शुक्रवार को बाढ़ अनुमंडल में एसटीइटी परीक्षा रद्द करने, लॉकडाउन में छात्रों के रुम रेंट से लेकर शिक्षण शुल्क के मुद्दे पर एवीबीपी कार्यकर्ताओं ने बिहार सरकार के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन किया.
एवीबीपी कार्यकर्ताओं में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा परिणाम रद्द करने, छात्रों के रूम रेंट माफ नहीं करने, निजी शिक्षण संस्थानों के शिक्षण शुल्क पर विचार नहीं करने से लेकर अन्य शैक्षणिक मुद्दे पर सरकार की शिथिलता पर नाराजगी जताई. कार्यकर्ताओं ने बाढ़ में सद्बुद्धि महायज्ञ का आयोजन कर अपने तरीके से विरोध जताया.
दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
इस मौके पर उमेश कुमार ने कहा कि तानाशाही, हिटलर शाही और अदूरदर्शीता हठधर्मी सरकार की गलती का खामियाजा छात्र को अपने भविष्य को बलिदान देकर चुकाना पड़ता है. ऐसा कब तक चलेगा. आखिर परीक्षा में अनियमितता का दोषी कौन है. एवीबीपी कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि दोषी अधिकारियों को बचाने के बजाए उच्चस्तरीय जांच की जाए.
सरकार से स्टूडेंस की मदद की गुहार
वहीं, कोरोना संक्रमण काल में छात्रों, अभिभावकों के पास आर्थिक तंगी है. दूसरी तरफ मकान मालिक और निजी शिक्षण संस्थानों की तरफ से शुल्क जमा करने का दबाव. ऐसे में छात्र क्या करें. इससे छात्रों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहे हैं. मदद करने की बजाए सरकार इस पर चुप्पी साध रखी है. इस मौके पर मुरली मनोहर मंजुल, ऋषि कुमार, घनश्याम कुमार, अविनाश कुमार राजा, विक्की राज,सोनुप्रताप सिंह, दीपक कुमार सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे.