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भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने का जानें शुभ मुहूर्त, एक क्लिक में पूरी जानकारी - how celebrate raksha bandhan

रविवार को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा. इस बार बहनें सुबह से शाम तक भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी. रक्षाबंधन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त दोपहर 1:42 से शाम 4:18 बजे तक है. पढ़ें पूरी खबर...

rakshabandhan
रक्षाबंधन पर्व
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Published : Aug 21, 2021, 5:13 PM IST

पटना: राजधानी पटना (Patna) समेत पूरे बिहार में बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की तैयारी कर रहीं हैं. रंग-बिरंगी राखी और मिठाइयों से बाजार सजा हुआ है. इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के दिन महासंयोग भी बन रहा है. राखी बांधने का मुहूर्त रविवार सुबह 6:15 से शाम 5:31 बजे तक है. दोपहर 1:42 से शाम 4:18 बजे तक रक्षाबंधन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त है.

यह भी पढ़ें- भाइयाें की कलाई पर सजेगी गंगा, यमुना और महानदी की मिट्टी से बनी राखी

पंचांग के अनुसार दो विशेष शुभ मुहूर्त का योग इस बार रक्षाबंधन पर बन रहा है. पूर्णिमा की तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग रहेगा. इस दिन सावन महीना का समापन होगा. इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है. भद्रा काल 23 अगस्त 2021 को सुबह 5:34 बजे से 6:12 बजे तक है. पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त की शाम 3:45 बजे शुरू होगी और 22 अगस्त की शाम 5:58 बजे खत्म हो जाएगी.

इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है. इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी. इसके साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस कॉम्बिनेशन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. यह योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है. धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.

बता दें कि राखी बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए और सिर पर रुमाल रखना चाहिए. बहन पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उसपर कुछ अक्षत लगाएं. कुछ अक्षत भाई पर आशीर्वाद के रूप में छींटें. इसके बाद बहन नजर उतारने के लिए दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधे. इस दौरान बहन को मंत्र ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।’ बोलना चाहिए.

यह भी पढ़ें- जातीय जनगणना: CM नीतीश ने कहा- PM मोदी से मिलने वाले शिष्टमंडल में BJP भी होगी शामिल

पटना: राजधानी पटना (Patna) समेत पूरे बिहार में बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की तैयारी कर रहीं हैं. रंग-बिरंगी राखी और मिठाइयों से बाजार सजा हुआ है. इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के दिन महासंयोग भी बन रहा है. राखी बांधने का मुहूर्त रविवार सुबह 6:15 से शाम 5:31 बजे तक है. दोपहर 1:42 से शाम 4:18 बजे तक रक्षाबंधन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त है.

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पंचांग के अनुसार दो विशेष शुभ मुहूर्त का योग इस बार रक्षाबंधन पर बन रहा है. पूर्णिमा की तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग रहेगा. इस दिन सावन महीना का समापन होगा. इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है. भद्रा काल 23 अगस्त 2021 को सुबह 5:34 बजे से 6:12 बजे तक है. पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त की शाम 3:45 बजे शुरू होगी और 22 अगस्त की शाम 5:58 बजे खत्म हो जाएगी.

इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है. इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी. इसके साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस कॉम्बिनेशन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. यह योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है. धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.

बता दें कि राखी बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए और सिर पर रुमाल रखना चाहिए. बहन पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उसपर कुछ अक्षत लगाएं. कुछ अक्षत भाई पर आशीर्वाद के रूप में छींटें. इसके बाद बहन नजर उतारने के लिए दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधे. इस दौरान बहन को मंत्र ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।’ बोलना चाहिए.

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