पटना: किसान आंदोलन को मजबूती प्रदान करने और मनरेगा मजदूरों, गरीबों और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों की समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा ने पटना के गेट पब्लिक लाइब्रेरी से विधानसभा मार्च निकाला. इस मार्च में हजारों की संख्या लोग शामिल हुए.
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इस दौरान गर्दनीबाग धरना स्थल पर एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया, जिसमें सरकार के खिलाफ लोगों ने जमकर नारेबाजी की. अखिल भारतीय किसान महासभा और अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा के कई नेता सहित किसान मजदूर और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग मार्च में शामिल हुए.
गरीबों को उजाड़ रही सरकार
किसान नेता सह भाकपा माले के विधायक सुदामा प्रसाद ने कहा "बिहार में काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जो झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं. सरकार उन्हें उजाड़ने का काम कर रही है. उनके लिए कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की जा रही है. करीब पचास लाख से ज्यादा ऐसे गरीब परिवार हैं.
सुदामा प्रसाद ने कहा "आजादी के बाद 1948 में पीपी एक्ट बना था, जिसमें गरीबों को बासगीत पर्चा का प्रावधान लाया गया था, लेकिन उन्हें आज तक जमीन का कागज नहीं मिला. उन्हें अब बेघर किया जा रहा है. मनरेगा मजदूरों को काम काफी कम मिल रहा है और पैसे भी काफी कम दिए जा रहे हैं. हमारी मांग है कि मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम मिले और 500 रुपए दैनिक मजदूरी की व्यवस्था की जाए."
"विधानसभा में भी लगातार हमारे 12 विधायक गरीबों के हक की आवाज उठा रहे हैं. अगर सरकार ने हमारी मांगों को नहीं माना तो आने वाले समय में पूरे बिहार में हम सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे.- सुदामा प्रसाद, किसान नेता सह विधायक