पटना: केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने देश के सभी चिकित्सकों से अपील की है कि एनएमसी बिल को लेकर सरकार का विरोध न करें. ये बिल डॉक्टरों और चिकित्सा जगत की बेहतरी के लिए लाया गया है. इसके खिलाफ कुछ लोग गलत भ्रांतियां फैला रहे हैं. आप सभी चिकित्सक इस पर ध्यान न दें.
पटना में मीडिया से बात करते हुए अश्विनी चौबे ने एनएमसी बिल के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो नेशनल मेडिकल कमीशन लाया था वो दो दिन पहले राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट बन गया है. उन्होंने कहा कि देश में अच्छे चिकित्सक हो, अच्छी चिकित्सा व्यवस्था हो, अच्छे मेडिकल कॉलेज हो, इन सब के लिये ये बिल लाया गया है.
चिकित्सकों से अपील
स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने डॉक्टरों से अपील की कि जो भी एनएमसी को लेकर भ्रांति है उस पर ध्यान न दें. डॉक्टरों द्वारा ब्रिज कोर्स का विरोध किये जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ब्रिज कोर्स तो लाया ही नहीं गया है. उन्होंने सवाल पूछते लहजे में कहा कि क्या ऐसा हो सकता है कि झोला छाप लोगों को चिकित्सकों की श्रेणी में लाया जायेगा.
'डॉक्टर के पेशे को और बेहतर बनाने के लिए सरकार कटिबद्ध'
अश्विनी चौबे ने कहा कि डॉक्टरों का आकार बहुत बड़ा है. इनकी तुलना झोला छाप से नहीं की जा सकती. केंद्रीय मंत्री ने मीडिया के माध्यम से आईएमए और देश के सभी डॉक्टरों को संदेश देते हुए कहा कि इस बिल से आपके पेशे पर कोई आंच नहीं आएगी, बल्कि बिल के माध्यम से आपके पेशे को और बेहतर बनाने के लिए सरकार कटिबद्ध है.
'बिल का विरोध करने के बजाय सरकार का सहयोग करें'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में गरीबों के बच्चे भी अच्छे मेडिकल कॉलेजों में पढ़कर डॉक्टर बन सकें, इसके लिए भी इस बिल के प्रावधान किये गये हैं. बिल के अनुसार अब 50 प्रतिशत प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के फीस का निर्धारण केंद्र सरकार करेगी. एनएमसी बिल एमसीआई का ही विकल्प होगा. इसलिये बिल का विरोध करने के बजाय सरकार का सहयोग करें. ये बिल देश के चिकित्सकीय ढांचे को एक नया रूप प्रदान करने में सहायक साबित होगा. ये पूरी तरह से भ्रष्टाचार मुक्त विधेयक होगा.