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बिहार में NRC के समर्थन में उतरे अश्विनी चौबे, कहा- चार जिलों में इसकी जरूरत - bihar politics

सीमांचल की जनसंख्या में हुई वृद्धि का हवाला देते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया और अररिया जिले में खासतौर पर एनआरसी की जरूरत है.

अश्विनी चौबे
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Published : Sep 8, 2019, 5:05 PM IST

पटना: बिहार में एनआरसी मामले को लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच खींचतान जारी है. केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने भी बिहार में एनआरसी को सही ठहराया है. उन्होंने कहा है कि पूरे भारत में जहां-जहां घुसपैठिए हैं वहां-वहां एनआरसी लागू होनी चाहिए. फिर चाहे वह बिहार ही क्यों ना हो.

अश्विनी चौबे का बयान

4 जिलों में की एनआरसी की मांग
एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पटना पहुंचे मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि असम और बिहार के सीमांचल में कोई बुनियादी अंतर नहीं है. सीमांचल की जनसंख्या में हुई बढ़ोतरी का हवाला देते हुए चौबे ने कहा कि कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया और अररिया जिले में खासतौर पर एनआरसी की जरूरत है.

  • विधानसभा चुनाव में NRC को मुद्दा बनाएगी BJP! नेता बोले- समय के साथ पूरे देश में होगा लागू https://t.co/x40qO0HSeS

    — ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 8, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीजेपी राज्यसभा सदस्य ने उठाया मुद्दा
बता दें कि पूर्व आरएसएस पदाधिकारियों और वर्तमान में बीजेपी के राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने बिहार के सीमावर्ती इलाके में एनआरसी की मांग की थी. उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती जिलों में जिस प्रकार आबादी बढ़ती जा रही है इससे साबित होता है कि यहां पर बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक आकर बस गए होंगे. हालांकि, जेडीयू ने इस मामले पर कहा है कि बिहार में एनआरसी की जरूरत नहीं है.

पटना: बिहार में एनआरसी मामले को लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच खींचतान जारी है. केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने भी बिहार में एनआरसी को सही ठहराया है. उन्होंने कहा है कि पूरे भारत में जहां-जहां घुसपैठिए हैं वहां-वहां एनआरसी लागू होनी चाहिए. फिर चाहे वह बिहार ही क्यों ना हो.

अश्विनी चौबे का बयान

4 जिलों में की एनआरसी की मांग
एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पटना पहुंचे मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि असम और बिहार के सीमांचल में कोई बुनियादी अंतर नहीं है. सीमांचल की जनसंख्या में हुई बढ़ोतरी का हवाला देते हुए चौबे ने कहा कि कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया और अररिया जिले में खासतौर पर एनआरसी की जरूरत है.

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बीजेपी राज्यसभा सदस्य ने उठाया मुद्दा
बता दें कि पूर्व आरएसएस पदाधिकारियों और वर्तमान में बीजेपी के राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने बिहार के सीमावर्ती इलाके में एनआरसी की मांग की थी. उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती जिलों में जिस प्रकार आबादी बढ़ती जा रही है इससे साबित होता है कि यहां पर बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक आकर बस गए होंगे. हालांकि, जेडीयू ने इस मामले पर कहा है कि बिहार में एनआरसी की जरूरत नहीं है.

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नोट:-विजूअल लाइब्यू से गई है

बिहार में एनआरसी की जरूरत :-केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे


Body: एनआरसी के मामले को लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच इस मुद्दे पर आपस में ठंड गई है दरअसल पूर्व r.s.s. पदाधिकारियों और वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा सोमवार को बिहार के सीमावर्ती इलाके में एनआरसी की मांग की थी उन्होंने कहा कि बिहार के सीमावर्ती जिलों में जिस प्रकार आबादी बढ़ती जा रही है इससे साबित होता है कि यहां पर बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक आकर बस गए होंगे आना किस मामले में जेडीयू ने कहा था कि एनआरसी की जरूरत बिहार में नहीं है लेकिन आए दिन एनआरसी का बयान जारी है वहीं आज एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि बिहार के सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठिए आतंकवादी की खबरें आ रही है इसलिए एनआरसी की जरूरत है


Conclusion:उन्होंने कहा कि असम और बिहार के सीमांचल में कोई बुनियादी अंतर नहीं है यदि एनआरसी असम के लिए आवश्यक है तो उससे कम आवश्यक सीमांचल के लिए नहीं है सीमांचल की जनसंख्या में हुई वृद्धि का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कटिहार किशनगंज पूर्णिया और अररिया जिले में खासतौर पर एनआरसी की सख्त जरूरत है
वहीं गोमूत्र के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से अभी कहीं मीडिया में कोई भी बयान नहीं जारी किया गया है अब इस पर सरकार को फैसला लेना है कि आसमान के तहत गोमूत्र का क्या कुछ उपयोग होना है या नहीं इस बयान से वह बचते नजर आए

बाईट:-अश्विनी चौबे, केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार
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