पटना : चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना की जाती है. नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व बहुत अधिक होता है. इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है. मां महागौरी का रंग अंत्यत गोरा है. इनकी चार भुजाएं हैं और मां बैल की सवारी करती हैं. मां का स्वभाव शांत है. आइए जानते हैं मां महागौरी की पूजा विधि, महत्व, भोग, आरती और शुभ मुहूर्त.
चैत्र नवरात्र के आठवें दिन माता महागौरी की पूजन सभी मंदिरों में की जा रही है. मंदिरों में पूजा पारम्परिक रीति-रिवाज, वैदिक मंत्रों के साथ धार्मिक वातावरण में पुजारियों के देखरेख में किया जा रहा है. नवरात्र के मौके पर आज मध्य रात्रि में महानिशा पूजा वैदिक मंत्रों के साथ आरंभ होगा.
मां महागौरी पूजा विधि...
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं.
- मां को सफेद रंग के वस्त्र अर्पित करें.
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को सफेद रंग पसंद है.
- मां को स्नान कराने के बाद सफेद पुष्प अर्पित करें.
- मां को रोली कुमकुम लगाएं.
- मां को मिष्ठान, पंच मेवा, फल अर्पित करें.
- मां महागौरी को काले चने का भोग अवश्य लगाएं.
- मां महागौरी का अधिक से अधिक ध्यान करें.
- मां की आरती भी करें.
- अष्टमी के दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व होता है.
- इस दिन कन्या पूजन भी करें.
मां महागौरी इन मंत्रों का जाप करें
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
आठवें दिन होती है महागौरी की पूजा
ऐसी मान्यता है कि अष्टमी में महानिशा पूजा के दौरान जो भक्त सच्चे दिल से मन्नतें मांगते हैं, उन्हें मां पूरा करतीं हैं. इसलिए आज सभी भक्त महानिशा पूजा कर माता महागौरी से कोरोना जैसे भयंकर बीमारी से निजात पाने की कामना करेंगे और भक्तों पर अपना आशीर्वाद बनाये यही कामना करेंगे.