पटना: बिहार विधानसभा का शताब्दी वर्ष (Bihar Assembly centenary celebrations) चल रहा है. 21 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) भी शामिल होंगे. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी (Minister Ashok Chaudhary) ने कहा कि शताब्दी वर्ष समारोह को यादगार बनाने के लिए विधानसभा परिसर में अशोक स्तंभ का निर्माण कराने का फैसला हुआ है.
यह भी पढ़ें- बिहार विधानसभा शताब्दी समारोह में आएंगे राष्ट्रपति, पीएम को भी न्योता देंगे स्पीकर
विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Assembly Speaker Vijay Sinha) ने भी पिछले दिनों यह संकेत दिया था कि शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान अशोक स्तंभ का निर्माण कराया जाएगा. भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने भी साफ कर दिया कि अशोक स्तंभ का निर्माण कराया जाएगा. अशोक स्तंभ में क्या-क्या होगा इस पर फैसला अभी होना है, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्तर पर अंतिम रूप से बैठक होगी. तब उस पर मुहर लगेगी.
"बिहार विधानमंडल के भवन के सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं. समारोह में स्पीकर ने राष्ट्रपति को आमंत्रित किया है. राष्ट्रपति 20 तारीख को आएंगे और 21 को कार्यक्रम में शामिल होंगे. विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इच्छा थी कि राष्ट्रपति आ रहे हैं तो एक शताब्दी स्तंभ बनना चाहिए."- अशोक चौधरी,भवन निर्माण मंत्री, बिहार
शताब्दी समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने भी विधानसभा परिसर का जायजा लिया था. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति के साथ बैठक भी की थी. बैठक में संसदीय कार्य मंत्री के साथ भवन निर्माण मंत्री और आला अधिकारी भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने कई दिशा-निर्देश भी दिये. विधानसभा में उसको लेकर तैयारी भी शुरू हो गयी है.
यह भी पढ़ें- राष्ट्रपति की मौजूदगी में होगा विधानसभा का शताब्दी समारोह, कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए उच्चस्तरीय बैठक
बता दें कि बिहार विधानसभा का शताब्दी वर्ष समारोह 7 फरवरी से मनाया जा रहा है. इसके बाद इस समारोह के तहत 1 साल तक कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. बिहार विधानसभा भवन तैयार होने के बाद 7 फरवरी 1921 में पहली बैठक हुई थी. पिछले 100 साल में विधानसभा में कई बड़े प्रस्ताव आए हैं. कई विधेयक पास कराए गए हैं. विधानसभा का 100 साल उपलब्धियों भरा रहा है. अब उसे फिर से एक बार याद करने की कोशिश शताब्दी वर्ष समारोह के जरिए की गई है. 1 साल के कार्यक्रम के माध्यम से शताब्दी वर्ष समारोह को यादगार बनाया जा रहा है.
दरअसल, कोरोना काल के कारण बिहार विधानसभा का शताब्दी वर्ष समारोह भव्य तरीके से नहीं मनाया जा सका था. अब कोरोना के मामले धीरे-धीरे कम हुए हैं. ऐसे में सरकार शताब्दी वर्ष समारोह को यादगार बनाने में जुट गई है.
यह भी पढ़ें- शताब्दी समारोह में मांझी ने खेला दलित कार्ड, राज्यसभा और विधान परिषद में आरक्षण को लेकर पूछे सवाल