पटना: बिहार में दलितों को रिझाने की कोशिश जेडीयू की ओर से शुरु हो गई है. पिछले दिनों श्याम रजक ने आरजेडी का दामन थाम लिया था. अब इसकी भरपाई के लिए नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है और उसी के तहत आज अशोक चौधरी ने अपने आवास पर दलितों की बैठक की. इस बैठक में सभी दलित मंत्री शामिल हुए मंत्री महेश्वर हजारी भी शामिल हुए.
महेश्वर हजारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा नीतीश कुमार ने सबसे अधिक दलित को मंत्री बनाया. श्याम रजक के पार्टी छोड़ने पर भी महेश्वर हजारी ने कहा कि हर जगह कुछ होता है. लेकिन ऐसा नहीं है कि लोग पार्टी छोड़ दें.
'पार्टी छोड़कर श्याम रजक ने की गलती'
जदयू में रहते श्याम रजक की ओर से भी पिछले दिनों दलितों की बैठक आयोजित की जाती रही और उसमें भी महेश्वर हजारी शामिल होते रहे हैं. हालांकि सभी दलों के दलित नेता भी उसमें शामिल होते थे. श्याम रजक के राजद में जाने के बाद एक काट के रूप में नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को मैदान में उतारा है. लेकिन महेश्वर हजारी का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है. श्याम रजक पार्टी छोड़कर गलती की है. हमलोग तो अपने नेता के किए गए कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने में लगे हैं.
महेश्वर हजारी ने सुप्रीम कोर्ट की और से चुनाव टालने की याचिका रद्द किए जाने के फैसले को सही बताते हुए कहा कि हम लोग तो शुरु से चुनाव सही समय पर कराने के पक्ष में रहे हैं और डब्ल्यूएचओ का भी रिपोर्ट है कि कोरोना के साथ ही अभी जीना है.
10 दिन बाद फिर दलित जदयू नेताओं की होगी बैठक
6 सितंबर को मुख्यमंत्री की पहली वर्चुअल रैली है और पार्टी के दलित नेता रैली को सफल बनाने में लग गए हैं. मुख्यमंत्री की रैली को अधिक से अधिक लोग सुनें. इसकी भी तैयारी की जा रही है. सभी नेताओं को इसकी जिम्मेवारी भी मिली है. जदयू के दलित नेताओं की बैठक में यही तय हुआ कि हर 10 दिन पर जब तक चुनाव की घोषणा नहीं हो जाती है. तब तक सभी एक जगह इकट्ठा होंगे और चर्चा करेंगे.