पटना: केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है. इसी के तहत मंगलवार को फुलवारी शरीफ प्रखंड के पीएससी गेट पर धरना प्रदर्शन करते हुए स्वास्थ्य मंत्री का पुतला भी दहन किया गया है. वहीं, इस दौरान आशा कार्यकर्तायों ने 14 सितंबर को राज्य कार्यालय अदालतगंज केदार भवन से स्टेशन होते हुए डाक बंगला तक जुलूस निकाल कर जाने का एलान भी किया है.
मांगें पूरी ना होने पर हड़ताल पर जाने की धमकी
वहीं, इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने हमारी मांगों पर विचार नहीं किया, तो 15 सितंबर से सभी आशायें अनिश्चित समय के लिए हड़ताल पर चली जाएंगी. आशा कार्यकर्तायों ने कहा कि राज्य सरकार पिछले समझौता के तहत 1000 रुपये मानदेय का भुगतान करें, साथ ही 21000 रुपये का मानदेय दिया जाए.
सरकार लेनदेन पर लगाये रोक
आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि पूरे बिहार के तमाम जिला प्रखंड में प्रधान लिपिक, बीसीएम, चिकित्सा प्रभारी द्वारा 1000 से मानदेय भुगतान करने के अभाव मैपिंग के नाम पर 1000 से 3000 तक लिया जा रहा है, जिस पर राज्य सरकार के द्वारा जल्द पूरे बिहार में लेनदेन करने पर रोक लगाई जाये.
केयर इंडिया के अधिकारी की हो जांच
आशा कार्यकर्तायों ने कहा कि सासाराम जिला के नासरीगंज प्रखंड में केयर इंडिया के जितेंद्र कुमार के द्वारा आशा को हटाने की धमकी दी जा रही है, साथ ही टीकाकरण के पैसे और अन्य योजना का जितेंद्र के द्वारा गबन किया जा रहा है, जिसकी जांच कर उचित कार्रवाई कि जाये. आशा कार्यकर्तायों ने कहा कि कोरोना काल में आशा की मृत्यु के बाद उनके परिवार को 50,00,000 का मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि इन सभी मांगों पर जब तक विचार नहीं होगा तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.