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आशा कर्मियों का अल्टीमेटम- मांगें पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन तक करेंगे काम का बहिष्कार

आशा कर्मियों ने 4 दिनों के लिए कार्य का बहिष्कार किया है. मांग पूरी नहीं किए जाने पर उन्होंने आगे भी आंदोलन की चेतावनी दी है. अगर किसी तरह की कोई गड़बड़ी होती है तो उसकी जिम्मेदारी बिहार सरकार की होगी.

आशा कर्मी
आशा कर्मी
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Published : Aug 9, 2020, 12:51 PM IST

पटना: बिहार की तमाम आशा कर्मी, विद्यालय रसोईया और आंगनवाड़ी सेविका-सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. उन्होंने 6 अगस्त से 9 अगस्त तक कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजिका शशि यादव ने बताया कि बिहार के सभी जिला, अनुमंडल अस्पताल और पीएसी में कार्य बहिष्कार किया जा रहा है.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि फिलहाल कोरोना जांच को प्रभावित नहीं किया गया है. क्योंकि अभी बिहार में स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि सरकार आशा कर्मियों को सरकारी कर्मी घोषित करें और 21 हजार रुपये मासिक वेतन दे. साथ ही कोरोना वॉरियर्स के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाए.

सरकार को दिया अल्टीमेटम
शशि यादव ने बताया कि आशा कर्मियों की हालत बद से बदतर हो चुकी है क्योंकि सरकार इन्हें वेतन भी नहीं दे रही है. जबकि कोरोना महामारी के बीच लगातार सभी कार्यरत हैं और अपना काम बखूबी कर रहे हैं. जनवरी 2019 में हुए सरकारी समझौते के अनुसार 1000 रुपये मासिक राशि देने की बात हुई थी, वह भी इन्हें नहीं मिल रहा है. जिस कारण घर-परिवार चलाने में काफी समस्या हो रही है. सरकार हमारी मांगों को पूरा करें अन्यथा इस बार 4 दिन का कार्य बहिष्कार किया है. आने वाले समय में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे .

पटना: बिहार की तमाम आशा कर्मी, विद्यालय रसोईया और आंगनवाड़ी सेविका-सहायिकाओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. उन्होंने 6 अगस्त से 9 अगस्त तक कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है. फेडरेशन की राष्ट्रीय संयोजिका शशि यादव ने बताया कि बिहार के सभी जिला, अनुमंडल अस्पताल और पीएसी में कार्य बहिष्कार किया जा रहा है.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि फिलहाल कोरोना जांच को प्रभावित नहीं किया गया है. क्योंकि अभी बिहार में स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि सरकार आशा कर्मियों को सरकारी कर्मी घोषित करें और 21 हजार रुपये मासिक वेतन दे. साथ ही कोरोना वॉरियर्स के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिया जाए.

सरकार को दिया अल्टीमेटम
शशि यादव ने बताया कि आशा कर्मियों की हालत बद से बदतर हो चुकी है क्योंकि सरकार इन्हें वेतन भी नहीं दे रही है. जबकि कोरोना महामारी के बीच लगातार सभी कार्यरत हैं और अपना काम बखूबी कर रहे हैं. जनवरी 2019 में हुए सरकारी समझौते के अनुसार 1000 रुपये मासिक राशि देने की बात हुई थी, वह भी इन्हें नहीं मिल रहा है. जिस कारण घर-परिवार चलाने में काफी समस्या हो रही है. सरकार हमारी मांगों को पूरा करें अन्यथा इस बार 4 दिन का कार्य बहिष्कार किया है. आने वाले समय में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेंगे .

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