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नालंदा: प्रसव कराने के बाद पैसों के बंटवारे को लेकर आपस में भिड़ीं दो आशा कार्यकर्ता, जमकर हुई मारपीट - बिहारशरीफ अस्पताल में आशा कार्यकर्ता की लड़ाई

परिजनों ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के इस रवैये को देखकर काफी असमंजस की स्थिति रहती है. इतना ही नहीं आशा कार्यकर्ता यहां आने वाले मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक में भी कमीशन लेने के एवज में भेज देती हैं.

पैसे के बंटवारे को लेकर दो आशा कार्यकर्ता आपस में भिड़े
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Published : Oct 13, 2019, 8:43 PM IST

नालंदा: बिहारशरीफ सदर अस्पताल में एक अजीबो-गरीब नजारा देखने को मिला. सदर अस्पताल में मरीज के परिजन की तरफ से दिए गए पैसों को आपस में बांटने के लिए दो महिला आशा कार्यकर्ता आपस में ही मारपीट करने लगीं. इतना ही नहीं दोनों ने गाली-गलौज करते हुए काफी देर तक हाथापाई की, जिसकी वजह से दोनों घायल भी हो गईं.

500 से 1 हजार रुपये करती हैं डिमांड
काफी मुश्किल के बाद लोगों ने बीच-बचाव कर दोनों को किसी तरह शांत कराया. प्रसव कराने के लिए आने वाली महिलाओं के परिजन बताते हैं कि महिला आशा कार्यकर्ता हमेशा इसी तरह आपस में पैसे बंटवारे को लेकर भिड़ जाती हैं. उन्होंने बताया कि बेटी के जन्म पर 500 रुपये और बेटे के जन्म पर 1 हजार की डिमांड आशा कार्यकर्ता करती हैं.

मरीज के परिजन का बयान

अस्पताल प्रशासन ने साधी चुप्पी
परिजनों ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के इस रवैये को देखकर काफी असमंजस की स्थिति रहती है. इतना ही नहीं आशा कार्यकर्ता यहां आने वाले मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक में भी कमीशन लेने के एवज में भेज देती हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में चुप्पी साध ली है. फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया है.

नालंदा: बिहारशरीफ सदर अस्पताल में एक अजीबो-गरीब नजारा देखने को मिला. सदर अस्पताल में मरीज के परिजन की तरफ से दिए गए पैसों को आपस में बांटने के लिए दो महिला आशा कार्यकर्ता आपस में ही मारपीट करने लगीं. इतना ही नहीं दोनों ने गाली-गलौज करते हुए काफी देर तक हाथापाई की, जिसकी वजह से दोनों घायल भी हो गईं.

500 से 1 हजार रुपये करती हैं डिमांड
काफी मुश्किल के बाद लोगों ने बीच-बचाव कर दोनों को किसी तरह शांत कराया. प्रसव कराने के लिए आने वाली महिलाओं के परिजन बताते हैं कि महिला आशा कार्यकर्ता हमेशा इसी तरह आपस में पैसे बंटवारे को लेकर भिड़ जाती हैं. उन्होंने बताया कि बेटी के जन्म पर 500 रुपये और बेटे के जन्म पर 1 हजार की डिमांड आशा कार्यकर्ता करती हैं.

मरीज के परिजन का बयान

अस्पताल प्रशासन ने साधी चुप्पी
परिजनों ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के इस रवैये को देखकर काफी असमंजस की स्थिति रहती है. इतना ही नहीं आशा कार्यकर्ता यहां आने वाले मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक में भी कमीशन लेने के एवज में भेज देती हैं. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने इस मामले में चुप्पी साध ली है. फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया है.

Intro:बिहारशरीफ सदर अस्पताल की सुदृढ़ व्यवस्था की पोल उस वक्त सामने आ गई जब सदर अस्पताल में एक अजीबोगरीब सा नजारा देखने को मिला. आपको बताते चलें कि सदर अस्पताल बिहारशरीफ में रोगी के परिजनों द्वारा दिए गए रुपयों को आपस में बांटने के लिए जब दो महिला आशा कार्यकर्ता आपस में लात घुसे करना शुरू कर दीBody:व्यवस्था को धत्ता बताते हुए अस्पताल परिसर में ही आशा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए इतना ही नहीं दोनों आपस में गाली-गलौच करते हुए काफी मारपीट भी की जिससे दोनों घायल भी हो गए बीच-बचाव कर दोनों को किसी तरह शांत कराकर झगड़े को शांत किया गया. प्रसव कराने के लिए आने वाली महिलाओं के परिजन बताते हैं कि महिला आशा कार्यकर्ता हमेशा इसी तरह आपस में रुपया बंटवारे को लेकर भिड़ जाते हैं. उन्होंने बताया कि पुत्री के जन्म पर 500 रुपयेऔर पुत्र के जन्म पर 1 हजार की डिमांड आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा किया जाता है इतना ही नहीं रुपए बंटवारे के दौरान दो आशा कार्यकर्ता आपस में अपना-अपना रोगी बताकर झगड़ा भी कर लेते हैं।

बाइट--मरीज परिजन Conclusion:परिजनों ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं के इस रवैए को देखकर काफी असमंजस की स्थिति लगती है इतना ही नहीं आशा कार्यकर्ता यहां आने वाले रोगियों को प्राइवेट क्लीनिक में भी कमीशन खाने के एवज में भेज देते हैं।अस्पताल प्रसाशन इस मामले में मौन धारण किया हुए है।फिल्हाल मामले की जाँच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया है।

नालन्दा कुमार संवाददाता
बिहारशरीफ

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