पटना: राजधानी पटना में राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान (Phagu Chauhan) ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (Aryabhatta University) के दीक्षांत समारोह (Convocation) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आज की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रमों में संशोधन कर उन्हें अधिक प्रासंगिक बनाए, जिससे युवाओं की योग्यता का समुचित विकास हो सके.
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राज्यपाल ने गुणवत्ता पूर्ण नियमित शैक्षणिक कार्यों के अतिरिक्त नवाचारी शिक्षा में मौलिक अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने और नए-नए विषयों पर परिचर्चा को भी अत्यंत आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय ने लगभग 11 साल की अल्पावधि में ही शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है. इसका नया भवन अकादमिक गतिविधियों के लिए विश्व स्तर की सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम है.
विश्वविद्यालय में स्थापित आठ केंद्रों में से 4 शैक्षणिक केंद्र नैनो टेक्नोलॉजी, भौगोलिक अध्ययन, अर्थशास्त्र और पत्रकारिता एवं जनसंचार क्रियाशील है. खगोल विज्ञान, नदी अध्ययन, दर्शन और स्टीम सेल टेक्नोलॉजी से संबंधित केंद्रों को शीघ्र ही क्रियाशील किया जाएगा.
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राज्यपाल ने कहा कि इंजीनियरिंग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए इस विश्वविद्यालय का चयन संबंधी तकनीकी विश्वविद्यालय के रूप में तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम नामक परियोजना के लिए किया गया था. इसके तहत विगत 1 वर्ष में संबंध सरकारी और प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए कई शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया गया.
साथ ही विश्वविद्यालय में वर्चुअल स्टूडियो, डाटा सेंटर, रिसर्च हब और ई-लाइब्रेरी का निर्माण करवाया गया है. राज्यपाल ने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय ने बिहार में तकनीकी शिक्षा को नियमित किया है. कैलेंडर के अनुसार परीक्षाओं के आयोजन और उनके परीक्षाफल के प्रकाशन से बिहार के छात्र और छात्राओं को काफी राहत मिली है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस दीक्षांत समारोह को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर सुमित सिंह और कुलपति सुरेंद्र प्रताप सिंह ने भी संबोधित किया. इस मौके पर राजभवन सचिवालय के अधिकारी और विश्वविद्यालय के अधिकारी भी मौजूद थे.