पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जल जीवन हरियाली यात्रा समाप्त हो रही है. लेकिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 16 जनवरी से यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं. बिहार में इसको लेकर सियासत गरमाने लगी है. तेजस्वी यादव सीमांचल से यात्रा की शुरुआत करेंगे. इस पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी केंद्र और बिहार सरकार की पोल खोलेंगे. इसलिए उनकी यात्रा से एनडीए में बेचैनी बढ़ गई है. वहीं, एनडीए के नेता कह रहे हैं कि पहले तेजस्वी यात्रा पूरा करने का संकल्प लें, तब यात्रा पर निकलें.
'तेजस्वी अपनी यात्रा में खोलेंगे पोल'
तेजस्वी यादव पहले भी कई बार यात्रा पर निकल चुके हैं. उन्होंने साइकिल यात्रा भी शुरू की थी. लेकिन उन्होंने इसे बीच में ही रोक दिया और वापस लौट आए. अब एक बार फिर से नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी जैसे मुद्दों को लेकर मुस्लिम बहुल सीमांचल से यात्रा की शुरुआत करने वाले हैं. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि बीजेपी और जदयू के लोगों को लग रहा है कि तेजस्वी अपनी यात्रा में पोल खोलेंगे और इसी से इनकी बैचेनी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने लोगों के साथ जो छल किया है, उसका खुलासा तेजस्वी लोगों से करेंगे.
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'यात्रा पूरा करने का पहले लें संकल्प'
जदयू की ओर से भी तेजस्वी की यात्रा को लेकर तंज कसा जा रहा है. जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि तेजस्वी पहले भी यात्रा पर निकलने की कोशिश कर चुके हैं. लेकिन उसका क्या हाल हुआ, यह सबने देखा है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को पहले एक यात्रा को पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए. तब यात्रा शुरू करनी चाहिए. क्योंकि गया में मानसून के समय तेजस्वी ने यात्रा स्थगित की थी और इस बार भयंकर ठंड है. ठंड से बचने के लिये कहीं यात्रा फिर स्थगित ना कर दें. ऐसे में तेजस्वी की यात्रा से बिहार का कोई भला नहीं होने वाला है.
'लोगों को भड़काने जा रहे तेजस्वी'
अरविंद निषाद ने कहा कि सीमांचल का इलाका शांत है. लेकिन तेजस्वी यादव अपनी यात्रा में उन इलाकों के लोगों को भड़काने जा रहे हैं. जल जीवन हरियाली अभियान को लेकर मुख्यमंत्री के यात्रा के जवाब में आरजेडी के नेता सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर अपने तरीके से लोगों के बीच जा रहे हैं. इसी क्रम में अब तेजस्वी यादव यात्रा पर निकल रहे हैं. वो 16 जनवरी को किशनगंज, 17 जनवरी को अररिया और 18 जनवरी को कटिहार में प्रतिरोध सभा को संबोधित करेंगे. किशनगंज, अररिया और कटिहार मुस्लिम बहुल इलाका है. यही कारण है कि जदयू खेमे में सबसे ज्यादा बेचैनी है.