पटना: बिहार सरकार के लिए कोरोना संक्रमण बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की संख्या लगातार बढ़ने के बाद सरकार ने पल्स पोलियो की तर्ज पर डोर टू डोर सर्वे कराने का अभियान शुरू किया है. इसमें अभी तक 5 मरीज पॉजिटिव मिले हैं. बिहार के स्वास्थ्य सचिव लोकेश कुमार सिंह ने जानकारी देते हुये कहा कि कोरोना संक्रमित कुछ मरीजों ने ही बिहार में स्थिति विस्फोटक बना दी है. मुंगेर, सिवान, बक्सर, पटना और अन्य जगहों पर भी कुछ संक्रमित लोगों ने इस बीमारी को फैला दिया है.
गौरतलब है कि मुंगेर में एक व्यक्ति ने 30, सीवान में एक व्यक्ति ने 22, नालंदा में एक व्यक्ति ने 19, रोहतास में एक व्यक्ति ने 14, पटना में 1 ने 17 और बक्सर में भी एक से 7 लोगों तक कोरोना संक्रमण का प्रसार हुआ है. साथ ही संक्रमण का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. चिकित्सक भी इसे चिंताजनक स्थिति बताते हैं और कहते हैं कि सबको सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का सख्ती से पालन कर रहे हैं.
'हमारे लिए भी चुनौती'
बीजेपी विधायक अरुण सिन्हा ने कहा कि मरकज ने बिहार में स्थिति को चिंताजनक बना दिया है. इसलिए जमातियों पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है. वहींं, मामले में सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार का कहना है एक व्यक्ति कई लोगों को संक्रमित कर देता है. अपने परिवार को भी नहीं छोड़ता, यह जाति धर्म कुछ नहीं देख रहा है. इसलिए लोग सचेत रहें, यह हमारे लिए भी चुनौती है. साथ ही लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के स्तर पर समीक्षा हो रही है. मामले में मुख्यमंत्री भी लगातार समीक्षा कर रहे हैं.
सबसे बड़ी चिंता अप्रवासी बिहारी
अप्रवासी मजदूर और विदेश से आए लोग भी बड़ी चुनौती हैं. बिहार में मुट्ठी भर लोग कोरोना संक्रमण की स्थिति चिंताजनक बना दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पल्स पोलियो की तर्ज पर डोर टू डोर अभियान चलाने का फैसला लिया है. जिस पर काम भी शुरू हो गया है. प्रक्रिया में कुछ लोग पॉजिटिव भी पाये गये हैं. नीतीश सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता अप्रवासी बिहारी हैं. जो महाराष्ट्र और दिल्ली के साथ-साथ कई जगह से लॉकडाउन में बिहार लौटे हैं.