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अस्पताल में कैद मरीज: बिल ना चुकाने पर बेटे को बनाया बंधक, गेट पर गिड़गिड़ाता रहा पिता

नंद किशोर का बेटा पिछले 24 मई से अस्पताल में भर्ती है. उन्होंने हॉस्पिटल पर आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन ने बेटे का नाम काटने की बात पर साढ़े चार लाख रुपये की मांग की.

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Published : Jun 22, 2019, 11:05 PM IST

अस्पताल के बाहर हंगामा

पटना: जिले के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र स्थित निजी अस्पताल से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. बिल ना चुका पाने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे को बंधक बना लिया है. बेटे की रिहाई के लिए पिता घंटों तक हॉस्पिटल के गेट पर गिड़गिड़ाता रहा. लेकिन, प्रबंधन ने उसके बेटे को नहीं छोड़ा.

पिता नंदकिशोर का बयान

पूरा मामला
पीड़ित परिवार बेतिया के बगहा गांव के रहने वाला है. दरअसल, पीड़ित पिता नंद किशोर प्रसाद पेशे से शिक्षक है. उनका 15 वर्षीय बेटा 23 मई को छत से गिर गया. आनन-फानन में पिता ने बेतिया में उसका प्राथमिक इलाज करवाया. बाद में 24 मई को पटना के कुम्हरार स्थित जिटीएस अस्पताल में उसे भर्ती करवाया गया. कम पैसे में इलाज का हवाला देकर एक दलाल ने नंदकिशोर को वहां से हनुमान नगर स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल पहुंचा दिया.

patna
पीड़ित पिता

आयुष्मान भारत कार्ड को झूठलाया
बेटे का इलाज कम खर्च में हो जाने की बात सुन पिता उसे गैलेक्सी अस्पताल ले गया. जहां अस्पताल ने 4 लाख का बिल थमा दिया. नंद किशोर ने गैलेक्सी हॉस्पिटल पर आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन ने बेटे का नाम काटने की बात पर साढ़े चार लाख रुपये की मांग की.. जब उन्होंने प्रधानमंत्री की आयुष्मान भारत योजना के तहत बना स्वास्थ्य कार्ड दिखलाया, तो प्रबंधन ने उसे भी फाड़कर फेंक देने की बात कही.

patna
बच्चे का आयुष्मान भारत योजना कार्ड

पुलिस के हस्तक्षेप के बावजूद नहीं माना प्रबंधन
पीड़ित पिता नंद किशोर ने जब इतने पैसे देने में असमर्थता जाहिर की तो अस्पताल प्रशासन ने उसके बेटे को बंदी बना लिया. साथ ही उसके बच्चे को कचड़े में फेंकने की बात कही. नंद किशोर का बेटा पिछले 24 मई से अस्पताल में भर्ती है. बाद में इस घटना से आहत नंदकिशोर ने अस्पताल के मुख्यद्वार पर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे की सूचना मिलते ही पत्रकार नगर थाने की पुलिस हॉस्पिटल पहुंची. हालांकि हॉस्पिटल प्रबंधन ने पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी बच्चे को डिस्चार्ज नहीं किया.

पटना: जिले के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र स्थित निजी अस्पताल से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. बिल ना चुका पाने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे को बंधक बना लिया है. बेटे की रिहाई के लिए पिता घंटों तक हॉस्पिटल के गेट पर गिड़गिड़ाता रहा. लेकिन, प्रबंधन ने उसके बेटे को नहीं छोड़ा.

पिता नंदकिशोर का बयान

पूरा मामला
पीड़ित परिवार बेतिया के बगहा गांव के रहने वाला है. दरअसल, पीड़ित पिता नंद किशोर प्रसाद पेशे से शिक्षक है. उनका 15 वर्षीय बेटा 23 मई को छत से गिर गया. आनन-फानन में पिता ने बेतिया में उसका प्राथमिक इलाज करवाया. बाद में 24 मई को पटना के कुम्हरार स्थित जिटीएस अस्पताल में उसे भर्ती करवाया गया. कम पैसे में इलाज का हवाला देकर एक दलाल ने नंदकिशोर को वहां से हनुमान नगर स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल पहुंचा दिया.

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पीड़ित पिता

आयुष्मान भारत कार्ड को झूठलाया
बेटे का इलाज कम खर्च में हो जाने की बात सुन पिता उसे गैलेक्सी अस्पताल ले गया. जहां अस्पताल ने 4 लाख का बिल थमा दिया. नंद किशोर ने गैलेक्सी हॉस्पिटल पर आरोप लगाया है कि अस्पताल प्रबंधन ने बेटे का नाम काटने की बात पर साढ़े चार लाख रुपये की मांग की.. जब उन्होंने प्रधानमंत्री की आयुष्मान भारत योजना के तहत बना स्वास्थ्य कार्ड दिखलाया, तो प्रबंधन ने उसे भी फाड़कर फेंक देने की बात कही.

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बच्चे का आयुष्मान भारत योजना कार्ड

पुलिस के हस्तक्षेप के बावजूद नहीं माना प्रबंधन
पीड़ित पिता नंद किशोर ने जब इतने पैसे देने में असमर्थता जाहिर की तो अस्पताल प्रशासन ने उसके बेटे को बंदी बना लिया. साथ ही उसके बच्चे को कचड़े में फेंकने की बात कही. नंद किशोर का बेटा पिछले 24 मई से अस्पताल में भर्ती है. बाद में इस घटना से आहत नंदकिशोर ने अस्पताल के मुख्यद्वार पर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे की सूचना मिलते ही पत्रकार नगर थाने की पुलिस हॉस्पिटल पहुंची. हालांकि हॉस्पिटल प्रबंधन ने पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी बच्चे को डिस्चार्ज नहीं किया.

Intro:पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के ग्लैक्सी अस्पताल में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है बेतिया के बगहा गाँव के रहने वाले नंद किशोर प्रशाद जो पेशे से शिक्षक है उनका 15 वर्षीय बेटा प्रनजन कुमार 23 मई को छत से गिर गया आनन फानन में प्रनजन के पिता ने बेतिया में प्राथमिक इलाज करवाने के बाद उनको 24 मई को पटना के कुम्हरार स्थित जिटीएस अस्पताल में भर्ती करवाया वहां से नंदकिशोर को एक दलाल ने उनके बेटे के बेहतर और कम खर्च में इलाज का हवाला देकर पटना के हनुमान नगर स्थित ग्लैक्सी हॉस्पिटल पहुचा दिया ...


Body:पटना के हनुमान नगर स्थित ग्लैक्सी हॉस्पिटल पहुचे नंद किशोर को अस्प्ताल के लोगो ने नंद किशोर के बेटे का इलाज कम खर्च के करने की बाते कही और धीरे धीरे अस्प्ताल का बिल 4 लाख से ऊपर चला गया जब इस बात की जानकारी नंद किशोर को हुई तो उसने अपनी गरीबी का हवाला देकर अस्प्ताल में मौजूद लोगों से उसके बेटे का नाम काट देने की मिन्नत की ,नंद किशोर ने गैलेक्सि हॉस्पिटल पर आरोप लगाते हुए कहा कि अस्प्ताल के लोगो ने नाम काटने के सवाल पर साढ़े चार लाख रु की मांग की और जब उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना ये तहत बनने वाला स्वास्थ कार्ड दिखलाया तो उसे फाड़ कर फेंक देने की बाते अस्प्ताल प्रबंधन की ओर से कही गई और जब नंद किशोर ने इतने पैसे देने में असमर्थता जाहिर की तो अस्पताल प्रशाशन ने उन्हें बंदी बना दिया साथ ही उनके बच्चे को कचड़े में फेकने की बाते कही...


में बेटे का इलाज करवा रहे नंद किशोर में पिछले 24 मई से प्रनजन का इलाज शुरू किया गया


Conclusion:वही इस घटना से आहत नंदकिशोर ने अस्प्ताल के मुख्यद्वार पर हंगामा शुरू कर दिया ,हंगामे की सूचना मिलते ही पत्रकार नगर थाने की पुलिस हॉस्पिटल पहुची हालांकि हॉस्पिटल प्रबंधन ने पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी बच्चे को डिस्चार्ज नही किया ...


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