पटनाः ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया(DCGI) ने कोरोना की वैक्सीन को 2 से 18 साल के बच्चों के लिए स्वीकृति दे दी है. देश भर के एम्स और कुछ अन्य चिकित्सीय संस्थान ने मिलकर 800 के करीब बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल (Vaccine Trial) किया था. ट्रायल के बाद जो नतीजे सामने आए हैं वह काफी पॉजेटिव हैं. डीसीजीआई से स्वीकृति मिलने के बाद बिहार आईएमए और प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद ने केंद्र सरकार से बच्चों के लिए टीकाकरण (Vaccination For Children) शुरू करने की अपील की है.
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जिन बच्चों का ट्रायल हुआ है. उनमें एंटीबॉडी की मात्रा पाई गई है. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों के लिए वैक्सीनेशन को अब तक हरी झंडी नहीं दी है. ऐसे में बिहार आईएमए और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि अगर टेक्निकल अप्रूवल मिल गया है तो इसे बच्चों के लिए जल्द शुरू किया जाए.
शमायल अहमद ने कहा कि देशभर के सभी प्राइवेट स्कूल संचालकों से अपील करेंगे कि बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर अभी से ही प्रारूप तैयार करने में लग जाएं. जिलाधिकारी से मिलकर यह प्रयास करें कि उनके स्कूल में ही एक वैक्सीनेशन केंद्र बन जाए. इसके लिए योजना बनाएं ताकि जैसे ही केंद्र सरकार बच्चों के लिए वैक्सीनेशन की अनुमति दे तो उसके 2 महीने के अंदर देशभर के सभी स्कूलों के बच्चों को वैक्सीनेट कर लिया जाए.
वहीं, बिहार आईएमए के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहा कि किसी भी ड्रग और ड्रग को अप्रूवल देने के लिए टेक्निकल बॉडी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ही है. DCGI ने तमाम रिसर्च और डाटा के बाद ही इसे टेक्निकल अप्रूवल दी है. ऐसे में जब DCGI ने अनुमति दी है तो भारत सरकार को भी 2 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन की सुविधा शुरू कर देनी चाहिए.
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डॉ अजय कुमार ने कहा कि कोरोना का खतरा टला नहीं है और बच्चे अभी सर्वाधिक हाई रिस्क जोन पर हैं. बच्चों के लिए वैक्सीन को टेक्निकल अप्रूवल मिलना है एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. क्योंकि अभी पूरी दुनिया में तीसरे लहर में बच्चों में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार को चाहिए कि जो भी जरूरतें हैं उसे जल्द पूरा करके बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की सुविधा शुरू कर दी जाए.