पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के जनता दरबार के बाहर अपनी अलग-अलग समस्याओं को लेकर पहुंचने वाले लोगों की लगातार भीड़ देखने को मिल रही है. बिहार के विभिन्न जिलों से सैकड़ों की संख्या में रोजगार से जुड़ी शिकायतों को लेकर लोग वहां पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में बड़ी तादाद में एएनएम भी पहुंचीं है. इनका कहना है कि कोरोना काल में उनसे करीब 8 महीने तक काम कराया गया लेकिन उसके बाद काम से हटा दिया गया.
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मुख्यमंत्री से रोजगार की गुहार: सीएम के सामने फरियाद लेकर पहुंची प्रियंका का कहना है कि कोविड के समय उससे सात-आठ महीने तक काम लिया गया. उस समय महामारी के डर से कोई बाहर नहीं निकलता था, इसके बावजूद हम लोग घर-घर जाकर अपना काम कर रहे थे लेकिन 31 मार्च के बाद हम लोगों को काम से हटा दिया गया है. मुख्यमंत्री से रोजगार के लिए ही गुहार लगाने पहुंचे हैं.
कोरोना काल में ड्यूटी के बावजूद बेरोजगार: वहीं, बक्सर से आई रीता देवी का कहना है कि हमलोगों ने भी कोरोना काल में दिन-रात पूरी तन्मयता से काम किया लेकिन बाद में सबको हटा दिया गया. अब हमलोग बेरोजगार हो गए हैं. इस बारे में जिले के सिविल सर्जन और डीएम से गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसलिए मुख्यमंत्री से हम लोग एक साथ मिलने आए हैं.
सीएम से नहीं मिली मिलने की अनुमति: रीता का यह भी कहना है कि अब जो एग्जाम हो रहा है, वह रेलवे और अन्य परीक्षाओं की तरह हो रहा है. ऐसे में हम लोग कैसे सफल होंगे. प्रियंका और रीता की तरह ही विभिन्न जिलों से एएनएम रोजगार की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगा रही हैं. ये महिलाएं चाहती थीं कि मुख्यमंत्री से मिलने दिया जाए लेकिन प्रशासन से जुड़े लोगों ने जनता दरबार में महिलाओं को जाने नहीं दिया.
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