पटना: बिहार के अधिकांश जिले हर साल बाढ़ (Flood In Bihar) की चपेट में आती है. लेकिन इसके बाद भी इससे निपटने के लिये न तो बिहार सरकार (Bihar Government) कोई ठोस कदम उठा पायी है और न ही केंद्र की सरकार. साल 2020 में भी बाढ़ ने पटना (Flood In Patna) के साथ-साथ सारण जिले में खूब तबाही मचाई थी. बाढ़ के बाद प्रभावित लोगों को सरकार की ओर से सहायता राशि दी गयी लेकिन कुछ इलाकों के लोगों को आज तक जीआर की राशि नहीं मिली है.
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राज्य सरकार के द्वारा जिन इलाकों में बाढ़ से लोगों को नुकसान होता है. उनको सहायता राशि के रtप में छह हजार रुपये दी जाती है. 2020 में आई बाढ़ के बाद राज्य सरकार ने छह-छह हजार रुपये जीआर की राशि देने की घोषणा की थी. कई जिलों के प्रखंडों में राशि हस्तांतरित किया गया लेकिन आज भी ऐसे कई प्रखंड और पंचायत हैं जहां पर लोगों को जीआर की राशि नहीं मिल पाई है. जिससे लोगों में नाराजगी है.
छपरा के दरियापुर प्रखंड के मनीष कुमार दुबे ने बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि से वंचित रखने को लेकर की हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसपर हाईकोर्ट के द्वारा आदेश जारी किया गया कि जल्द से जल्द बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि दिया जाए. पर ऐसा अबतक नहीं हुआ है. लोगों के हाथ अब तक खाली हैं.
इस संबंध में दरियापुर से आए मनीष कुमार दुबे ने बताया कि दरियापुर भाग-1 में विशम्बपुर, पिरारी, फतेहपुर, हरिहरपुर, बेला पंचायत हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि दरियापुर के सीओ की ओर से जीआर की राशि के लिए एक हजार रुपये प्रति व्यक्ति मांग की जाती है. जो लोग पैसा दिये हैं उनका भुगतान कर दिया गया है और जो लोग नहीं दिए हैं उनका पैसा अभी तक नहीं आ पाया है.
मनीष कुमार दुबे ने कहा कि एक साल हो गया है. इसको लेकर दरियापुर से छपरा तक कई बार आंदोलन किया गया. जिसके बाद हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया गया लेकिन अभी तक जीआर की राशि लोगों को नहीं मिल पायी है. मनीष ने कहा कि सहायता राशि नहीं मिलने से लोगों में नाराजगी है. वहीं आसपास के पंचायतों में पैसा दे दिया गया. जबकि कई पंचायतों के लोगों को छोड़ दिया गया.
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