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EBC की स्थिति का अध्ययन करेगा AN सिन्हा इंस्टीट्यूट, रिपोर्ट के आधार पर होगा आरक्षण पर फैसला

एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट (AN Sinha Research Institute) की रिपोर्ट के आधार पर अति पिछड़ा वर्ग में किसे आरक्षण दिया जाए, इसका फैसला होगा. इंस्टीट्यूट की ओर से भेजे गए पत्र के बाद सभी डीएम की ओर से नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति हो रही है और जल्दी ही एक कार्यशाला का आयोजन होगा.

http://10.10.50.75:6060/reg-lowres/02-November-2022/bh-pat-01-ebc-study-7201750_02112022072833_0211f_1667354313_858.jpg
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Published : Nov 2, 2022, 8:09 AM IST

पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर खूब सियासत हुई है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी सरकार की ओर से आयोग नहीं बनाने के कारण हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव को रोक दिया. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने अति पिछड़ा आयोग का गठन (EBC Commission In Bihar) कर दिया है और आयोग अब ईबीसी के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पिछड़ेपन का अध्ययन (AN Sinha Institute to study status of EBC) का काम शुरू करवा रही है. इसके लिए आयोग ने एएन सिन्हा शोध संस्थान को जिम्मेवारी दी है. संस्थान ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है.

ये भी पढ़ें: नगर निकाय चुनाव में EBC आरक्षण मामलाः आयोग के अध्यक्ष ने कहा-जल्द से जल्द सौंप देंगे रिपोर्ट

बिहार में ईबीसी की स्थिति का अध्ययन करेगा एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट: अति पिछड़ा आयोग ने अति पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक-आर्थिक और राजनीतिक स्थिति क्या है, यह जानने के लिए एएन सिन्हा संस्थान को पत्र लिखा है और पत्र के बाद ही संस्थान ने अति पिछड़ा वर्ग की स्टडी के लिए सभी जिले के डीएम को पत्र भेजकर नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आग्रह किया है. सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार नगर निकाय चुनाव में आयोग गठन कर तीन स्तरीय जांच के बाद ही आरक्षण देना है और उसी को लेकर पटना हाईकोर्ट ने भी चुनाव रोका है. उसके बाद सरकार की ओर से आयोग का गठन किया गया और जेडीयू के उपाध्यक्ष नवीन आर्य को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.

रिपोर्ट के आधार पर होगा आरक्षण पर फैसला: आयोग की जिम्मेदारी संभालने के बाद अध्यक्ष अति पिछड़ा वर्ग की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक स्थिति के अध्ययन के लिए संस्थान से मदद ले रहे हैं. एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के आधार पर अति पिछड़ा वर्ग में किसे आरक्षण दिया जाए, इसका फैसला होगा. एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट की ओर से भेजे गए पत्र के बाद सभी डीएम की ओर से नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति हो रही है और जल्दी ही इंस्टीट्यूट की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन होगा. जिसमें नोडल पदाधिकारियों को अति पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति की कैसे स्टडी करना है, इसकी जानकारी दी जाएगी.

एएन सिन्हा शोध संस्थान की ओर से अध्ययन का काम सभी नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में होगा. अध्ययन के लिए रेंडम सैंपल लिए जाएंगे जो संस्थान की ओर से नोडल अधिकारियों को दिया जाएगा. नगर निगम के प्रत्येक अंचल, नगर परिषद और नगर पंचायत में भी 1-1 नोडल अधिकारी इस काम को करेंगे और इनकी स्टडी रिपोर्ट के आधार पर एएन सिन्हा शोध संस्थान फाइनल रिपोर्ट अति पिछड़ा आयोग को भेजेगा और आयोग उसी के आधार पर अति पिछड़ा वर्ग में किसे किसे आरक्षण दिया जाए, इसकी सरकार को अनुशंसा करेगी.

इसे भी पढ़ेंः 'अति पिछड़ा आयोग में कई खमियां, लालू के इशारे पर बने आयोग से नहीं होगा EBC का कल्याण'

पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर खूब सियासत हुई है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी सरकार की ओर से आयोग नहीं बनाने के कारण हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव को रोक दिया. हाईकोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने अति पिछड़ा आयोग का गठन (EBC Commission In Bihar) कर दिया है और आयोग अब ईबीसी के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पिछड़ेपन का अध्ययन (AN Sinha Institute to study status of EBC) का काम शुरू करवा रही है. इसके लिए आयोग ने एएन सिन्हा शोध संस्थान को जिम्मेवारी दी है. संस्थान ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है.

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बिहार में ईबीसी की स्थिति का अध्ययन करेगा एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट: अति पिछड़ा आयोग ने अति पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक-आर्थिक और राजनीतिक स्थिति क्या है, यह जानने के लिए एएन सिन्हा संस्थान को पत्र लिखा है और पत्र के बाद ही संस्थान ने अति पिछड़ा वर्ग की स्टडी के लिए सभी जिले के डीएम को पत्र भेजकर नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आग्रह किया है. सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुसार नगर निकाय चुनाव में आयोग गठन कर तीन स्तरीय जांच के बाद ही आरक्षण देना है और उसी को लेकर पटना हाईकोर्ट ने भी चुनाव रोका है. उसके बाद सरकार की ओर से आयोग का गठन किया गया और जेडीयू के उपाध्यक्ष नवीन आर्य को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है.

रिपोर्ट के आधार पर होगा आरक्षण पर फैसला: आयोग की जिम्मेदारी संभालने के बाद अध्यक्ष अति पिछड़ा वर्ग की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक स्थिति के अध्ययन के लिए संस्थान से मदद ले रहे हैं. एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के आधार पर अति पिछड़ा वर्ग में किसे आरक्षण दिया जाए, इसका फैसला होगा. एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट की ओर से भेजे गए पत्र के बाद सभी डीएम की ओर से नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति हो रही है और जल्दी ही इंस्टीट्यूट की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन होगा. जिसमें नोडल पदाधिकारियों को अति पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति की कैसे स्टडी करना है, इसकी जानकारी दी जाएगी.

एएन सिन्हा शोध संस्थान की ओर से अध्ययन का काम सभी नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्र में होगा. अध्ययन के लिए रेंडम सैंपल लिए जाएंगे जो संस्थान की ओर से नोडल अधिकारियों को दिया जाएगा. नगर निगम के प्रत्येक अंचल, नगर परिषद और नगर पंचायत में भी 1-1 नोडल अधिकारी इस काम को करेंगे और इनकी स्टडी रिपोर्ट के आधार पर एएन सिन्हा शोध संस्थान फाइनल रिपोर्ट अति पिछड़ा आयोग को भेजेगा और आयोग उसी के आधार पर अति पिछड़ा वर्ग में किसे किसे आरक्षण दिया जाए, इसकी सरकार को अनुशंसा करेगी.

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