पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर से बिहार के दौरे पर आने वाले हैं. मिथिलांचल के झंझारपुर में 16 सितंबर को उनका कार्यक्रम होने वाला है. अमित शाह के दौरे को लेकर बिहार में एक और फिर से सियासी हलचल बढ़ने लगी है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह का यह छठ दौरा होगा. इससे पहले पूर्णिया, नवादा, पश्चिम चंपारण के बाल्मीकि नगर, पटना और लखीसराय में कार्यक्रम अमित शाह का हो चुका है.
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महागठबंधन के लोग परेशान और बेचैन हैं: बीजेपी 2024 के चुनाव में बिहार में मिशन 40 को लेकर अभियान चला रही है. अमित शाह की इस पर नजर है और इसीलिए बिहार का दौरा बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से लगातार हो रहा है. भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है बीजेपी ने पूरे देश में 160 लोकसभा सीटों को चिह्नित किया है उसमें से 10 सीट बिहार की भी है जो बीजेपी के लिए कमजोर है. उसको जीतने के लिए अमित शाह रणनीति बनाने आ रहे हैं. उसी से महागठबंधन के लोग परेशान और बेचैन हैं.
"2019 में एनडीए ने 39 सीट पर जीत हासिल की थी और राजद को जीरो पर आउट किया था. इस बार 40 सीट पर एनडीए ही जीतेगी और महागठबंधन को जीरो पर आउट करेंगे."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता भाजपा
महागठबंधन की सभा के सवाल पर बिफरे जदयू अध्यक्षः सीमांचल में जब गृह मंत्री अमित शाह का पहली रैली हुई थी तो उस समय में महागठबंधन की तरफ से सीमांचल में ही जवाब देने की बात कही गई थी. हर प्रमंडल में रैली करने की घोषणा की गई थी. महागठबंधन की तरफ से सीमांचल में एक रैली जरूर हुई जिसमें घटक दल के सभी नेता शामिल हुए लेकिन उसके बाद से कोई कार्यक्रम नहीं हो सका है. इस सवाल के जवाब में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा का कहना था कि हम लोगों की पार्टी का कार्यक्रम चल रहा है. पार्टी अपने हिसाब से कार्यक्रम तय करती है. जरूरी नहीं है कि आपके हर सवाल का जवाब दिया जाए.
अमित शाह के दौरे का नहीं होगा असर- महागठबंधनः जदयू और राजद नेताओं का कहना है अमित शाह कितना भी दौरा कर लें बिहार में 40 में से 40 सीट महागठबंधन ही जीतेगा. जदयू कोटे के मंत्री श्रवण कुमार का तो यहां तक कहना है कि अमित शाह का बिहार में जितना दौरा होगा उसे बीजेपी को नुकसान ही होगा. वहीं आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि अमित शाह के दौरे से बिहार में कोई असर होने वाला नहीं है, क्योंकि जनता मन बन चुकी है.
मिथिलांचल में सीटों का गणित: बिहार में लोकसभा की 40 सीटे हैं. 2019 में जब नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे तो 39 सीटों पर जीत मिली थी. अब नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ हैं, तो भाजपा पूरी ताकत लगाना चाहती है. कई तरह के बड़े फैसले लिए हैं. इसलिए, महागठबंधन खेमे में अमित शाह के हर दौर से बेचैनी बढ़ रही है. इस बार अमित शाह मिथिलांचल आ रहे हैं. मिथिलांचल के 6 सीटों को अमित शाह साधने की कोशिश करेंगे. ये सीटें हैं मधुबनी, दरभंगा, मधेपुरा, सीतामढ़ी और सुपौल. इसमें से अभी दो सीटों पर बीजेपी का कब्जा है और चार जदयू के पास है.