पटना: बिहार बीजेपी के विधायक और विधान पार्षद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जिताऊ कैंडिडेट चुनेंगे. लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता का सेमीफाइनल समझे जाने वाले तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए बिहार के एमएलए और एमएलसी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है. बिहार बीजेपी के कुल 106 विधायकों और विधान पार्षदों को एक-एक सीट का जिम्मा दिया गया है. ये लोग हर विधानसभा सीट से दावेदारों का पैनल तैयार कर रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे. रिपोर्ट के आधार पर न सिर्फ टिकटों का बंटवारा होगा, बल्कि उस क्षेत्र में चुनाव कैसे लड़ना है, यह भी तय किया जाएगा.
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मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में बीजेपी का हाल: मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी के सामने सत्ता बचाने की चुनौती है, वहीं छत्तीसढ़ में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से दो-दो हाथ करना है. बिहार राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण राज्य माना जाता है. यहां के राजनीतिज्ञों की राजनीतिक समझ का भी लोहा माना जाता है. इस बात भारतीय जनता पार्टी भी बखूबी समझती है. शायद यह भी बड़ी वजह रही होगी कि जमीनी हकीकत और जनप्रतिनिधियों की छवि और कार्यों के फीडबैक जानने के लिए बिहार के विधायकों और विधान पार्षदों को ये जिम्मादारी मिली है.
बिहार बीजेपी के विधायकों का मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ दौरा: बिहार बीजेपी के तमाम विधायकों और विधान पार्षदों को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है. इसके बाद अगली कड़ी में नेताओं को राजस्थान भी भेजा जाना है. 47 विधायक मध्य प्रदेश और 31 विधायक छत्तीसगढ़ में 6 दिनों के प्रवास पर रहेंगे. इसके अलावे 25 विधान पार्षदों को भी विधायकों के साथ इन दोनों राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
4 राज्यों के विधायक तय करेंगे टिकट!: मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं और छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटें हैं. ऐसे में बिहार समेत चार राज्यों के विधायकों और विधान पार्षदों को इन दोनों राज्यों के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में लगाया जा रहा है. बिहार में बीजेपी के कुल 78 विधायक हैं. इसके अलावे 25 विधान पार्षद भी हैं. ये सभी विधायक और विधान पार्षद दोनों राज्यों में 6 दिनों के प्रवास पर रहेंगे. तमाम इनपुट और रिपोर्ट लेकर केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे. अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसका बारीकी से अध्ययन करेंगे और फिर टिकट पर निर्णय लेंगे.
6 दिनों के प्रवास पर रहेंगे विधायक: बीजेपी विधान पार्षद अनिल शर्मा को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी मिली है. वह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के विधानसभा क्षेत्र राजनांदगांव में 6 दिनों का प्रवास करेंगे. अनिल शर्मा ने कहा कि पार्टी की ओर से बूथ स्तर तक काम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. 6 दिनों के प्रवास के दौरान जो भी जानकारी इकट्ठा होगी, उसे केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखेंगे.
"जिस विधायक और विधान पार्षद को जिस विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली है, वह वहां जाकर एक सप्ताह रहेंगे. कार्यकर्ताओं से मिलकर फीड बैक लेंगे और चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करेंगे. मुझे 20 अगस्त को राजनांदगांव जाना है, 21 को वर्कशॉप है. 27-28 अगस्त तक वहीं रहूंगा"- अनिल शर्मा, विधान पार्षद, बीजेपी
फीडबैक लेकर केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे: वहीं, बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि किसी भी राज्य के विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने नेताओं को भेजती है. इस बार भी बिहार बीजेपी के नेताओं को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ भेजा जा रहा है. भविष्य में राजस्थान भी भेजा जाएगा. विधानसभा चुनाव में भी हम बेहतर प्रदर्शन करेंगे और विपक्षियों को शिकस्त देंगे. उन्होंने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि उन दोनों राज्यों में हमारी सरकार बनेगी.
"हमारे यहां परिपाटी है कि जहां भी चुनाव होते हैं, वहां दूसरे राज्यों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी लगाया जाता है. चुनाव की दृष्टि से जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे निभाएंगे. कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और वहां के बारे में गंभीरता से इनपुट लेंगे"- संजय टाइगर, प्रवक्ता, बीजेपी