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शाह की चुनौती- संविधान की जिस धारा के तहत बहस कर लें, 370 को एक सेकंड भी रहने का हक नहीं

गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आज़ाद को दी चुनौती दी है. अमित शाह ने कहा कि संविधान की जिस धारा के तहत चाहें बहस कर लें, लेकिन अनुच्छेद 370 को एक सेकंड भी रहने का हक नहीं. 370 अस्थाई है और इसने हमेशा जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बनने से रोका.

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Published : Aug 5, 2019, 1:02 PM IST

Updated : Aug 5, 2019, 1:13 PM IST

नई दिल्ली/पटना: केन्द्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किया. इस विधेयक के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया. इसमें जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा. वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प पेश किया. यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है.

संकल्प पेश होते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया. अमित शाह के बयान से पहले गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, कश्मीर में तीन तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं, वहां युद्ध जैसे हालात हैं पहले उस पर चर्चा होनी चाहिए.

  • HM Amit Shah in Rajya Sabha: Under the umbrella of Article 370 three families looted J&K for yrs. Leader of Opposition (GN Azad) said Article 370 connected J&K to India, it's not true. Maharaja Hari Singh signed J&K Instrument of Accession on 27 Oct 1947, Article 370 came in 1954 pic.twitter.com/qCkP1bdivv

    — ANI (@ANI) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शाह की चुनौती
जिसपर, गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आज़ाद को दी चुनौती दी. अमित शाह ने कहा कि संविधान की जिस धारा के तहत चाहें बहस कर लें, लेकिन अनुच्छेद 370 को एक सेकंड भी रहने का हक नहीं. 370 अस्थाई है और इसने हमेशा जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बनने से रोका.

'संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई थी'
अमित शाह ने कहा, संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई थी, इसका मतलब ही यह था कि इसे किसी न किसी दिन हटाया जाना था लेकिन अभी तक किसी में राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी, लोग वोट बैंक की राजनीति करते थे लेकिन हमें वोट बैंक की परवाह नहीं है.

गृहमंत्री ने सदन में आगे कहा कि मुझे बड़ा अच्छा लगता कि सारे सदस्य सरकार से जान लेते कि हम किस पद्धति से ऐसा करने जा रहे हैं. आर्टिकल 370 के आर्टिकल के अंदर ही इसका प्रावधान है. इसमें राष्ट्रपति के पास ऐसा प्रावधान है जिसके जरिए इसमें कुछ धाराओं को हटाया जा सकता है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ, इस सदन में इससे पहले कांग्रेस खुद भी ऐसा कर चुकी है.

  • HM Amit Shah: This is not the first time, Congress in 1952 and 1962 amended article 370 through similar process. So instead of protesting please let me speak and have a discussion, all your doubts and misunderstandings will be cleared, I am ready to answer all your questions. pic.twitter.com/jUcoLvbNFN

    — ANI (@ANI) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

संविधान फाड़ने की कोशिश
इस बीच, धारा 370 पर सरकार के प्रस्ताव के बाद पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद और एमएम फैयाज ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. दोनों के ओर से संविधान फाड़ने की कोशिश करने के बाद चेयरमैन ने दोनों सांसदों को सदन से बाहर जाने के लिए कहा. एमएम फैयाज ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए अपना कुर्ता फाड़ लिया.

  • PDP's RS MPs Nazir Ahmad Laway&MM Fayaz protest in Parliament premises after resolution revoking Article 370 from J&K moved by HM in Rajya Sabha; The 2 PDP MPs were asked to go out of the House after they attempted to tear the constitution. MM Fayaz also tore his kurta in protest pic.twitter.com/BtalUZMNCo

    — ANI (@ANI) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सर संघचालक मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख सर संघचालक मोहन भागवत ने धारा 370 पर मोदी सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करता हुए कहा कि संघ सरकार के इस कदम का स्वागत करता हूं.

धारा 370 खत्म करना 'विनाशकारी' होगा : महबूबा
वहीं मोदी सरकार के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इसे भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताया. पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, '1947 में 2 राष्ट्र के सिद्धांत खारिज करने और भारत के साथ मिलाने के जम्मू एवं कश्मीर नेतृत्व के फैसले का उल्टा असर हुआ. धारा 370 को भंग करने के लिए भारत सरकार का एकतरफा निर्णय गैरकानूनी और असंवैधानिक है.'

उन्होंने कहा, 'उपमहाद्वीप के लिए इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं. वे लोगों को आतंकित कर जम्मू एवं कश्मीर का क्षेत्र चाहते हैं. कश्मीर से किए वादे निभाने में भारत नाकाम रहा है.'

  • Today marks the darkest day in Indian democracy. Decision of J&K leadership to reject 2 nation theory in 1947 & align with India has backfired. Unilateral decision of GOI to scrap Article 370 is illegal & unconstitutional which will make India an occupational force in J&K.

    — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरकार के प्रस्ताव का समर्थन : BSP
राज्यसभा में मायावती की पार्टी के सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने जम्मू कश्मीर पर सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने कहा- हमारी पार्टी इसका पूरी तरह से समर्थन करती है और हम चाहते हैं कि ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए.

  • Satish Chandra Mishra, BSP MP, in Rajya Sabha: Our party gives complete support. We want that the Bill be passed. Our party is not expressing any opposition to Article 370 Bill & the other Bill. pic.twitter.com/ajRNKwsUlf

    — ANI (@ANI) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

नई दिल्ली/पटना: केन्द्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किया. इस विधेयक के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया. इसमें जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा. वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प पेश किया. यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है.

संकल्प पेश होते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया. अमित शाह के बयान से पहले गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, कश्मीर में तीन तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं, वहां युद्ध जैसे हालात हैं पहले उस पर चर्चा होनी चाहिए.

  • HM Amit Shah in Rajya Sabha: Under the umbrella of Article 370 three families looted J&K for yrs. Leader of Opposition (GN Azad) said Article 370 connected J&K to India, it's not true. Maharaja Hari Singh signed J&K Instrument of Accession on 27 Oct 1947, Article 370 came in 1954 pic.twitter.com/qCkP1bdivv

    — ANI (@ANI) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

शाह की चुनौती
जिसपर, गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आज़ाद को दी चुनौती दी. अमित शाह ने कहा कि संविधान की जिस धारा के तहत चाहें बहस कर लें, लेकिन अनुच्छेद 370 को एक सेकंड भी रहने का हक नहीं. 370 अस्थाई है और इसने हमेशा जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बनने से रोका.

'संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई थी'
अमित शाह ने कहा, संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई थी, इसका मतलब ही यह था कि इसे किसी न किसी दिन हटाया जाना था लेकिन अभी तक किसी में राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी, लोग वोट बैंक की राजनीति करते थे लेकिन हमें वोट बैंक की परवाह नहीं है.

गृहमंत्री ने सदन में आगे कहा कि मुझे बड़ा अच्छा लगता कि सारे सदस्य सरकार से जान लेते कि हम किस पद्धति से ऐसा करने जा रहे हैं. आर्टिकल 370 के आर्टिकल के अंदर ही इसका प्रावधान है. इसमें राष्ट्रपति के पास ऐसा प्रावधान है जिसके जरिए इसमें कुछ धाराओं को हटाया जा सकता है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ, इस सदन में इससे पहले कांग्रेस खुद भी ऐसा कर चुकी है.

  • HM Amit Shah: This is not the first time, Congress in 1952 and 1962 amended article 370 through similar process. So instead of protesting please let me speak and have a discussion, all your doubts and misunderstandings will be cleared, I am ready to answer all your questions. pic.twitter.com/jUcoLvbNFN

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संविधान फाड़ने की कोशिश
इस बीच, धारा 370 पर सरकार के प्रस्ताव के बाद पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद और एमएम फैयाज ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. दोनों के ओर से संविधान फाड़ने की कोशिश करने के बाद चेयरमैन ने दोनों सांसदों को सदन से बाहर जाने के लिए कहा. एमएम फैयाज ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए अपना कुर्ता फाड़ लिया.

  • PDP's RS MPs Nazir Ahmad Laway&MM Fayaz protest in Parliament premises after resolution revoking Article 370 from J&K moved by HM in Rajya Sabha; The 2 PDP MPs were asked to go out of the House after they attempted to tear the constitution. MM Fayaz also tore his kurta in protest pic.twitter.com/BtalUZMNCo

    — ANI (@ANI) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सर संघचालक मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख सर संघचालक मोहन भागवत ने धारा 370 पर मोदी सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करता हुए कहा कि संघ सरकार के इस कदम का स्वागत करता हूं.

धारा 370 खत्म करना 'विनाशकारी' होगा : महबूबा
वहीं मोदी सरकार के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इसे भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताया. पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, '1947 में 2 राष्ट्र के सिद्धांत खारिज करने और भारत के साथ मिलाने के जम्मू एवं कश्मीर नेतृत्व के फैसले का उल्टा असर हुआ. धारा 370 को भंग करने के लिए भारत सरकार का एकतरफा निर्णय गैरकानूनी और असंवैधानिक है.'

उन्होंने कहा, 'उपमहाद्वीप के लिए इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं. वे लोगों को आतंकित कर जम्मू एवं कश्मीर का क्षेत्र चाहते हैं. कश्मीर से किए वादे निभाने में भारत नाकाम रहा है.'

  • Today marks the darkest day in Indian democracy. Decision of J&K leadership to reject 2 nation theory in 1947 & align with India has backfired. Unilateral decision of GOI to scrap Article 370 is illegal & unconstitutional which will make India an occupational force in J&K.

    — Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सरकार के प्रस्ताव का समर्थन : BSP
राज्यसभा में मायावती की पार्टी के सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने जम्मू कश्मीर पर सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने कहा- हमारी पार्टी इसका पूरी तरह से समर्थन करती है और हम चाहते हैं कि ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए.

  • Satish Chandra Mishra, BSP MP, in Rajya Sabha: Our party gives complete support. We want that the Bill be passed. Our party is not expressing any opposition to Article 370 Bill & the other Bill. pic.twitter.com/ajRNKwsUlf

    — ANI (@ANI) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
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शाह की चुनौती- संविधान की जिस धारा के तहत बहस कर लें, 370 को एक सेकंड भी रहने का हक नहीं

नई दिल्ली/पटना: केन्द्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किया. इस विधेयक के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया. इसमें जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा. वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प पेश किया. यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है.

संकल्प पेश होते ही सदन में हंगामा शुरू हो गया. अमित शाह के बयान से पहले गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, कश्मीर में तीन तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हैं, वहां युद्ध जैसे हालात हैं पहले उस पर चर्चा होनी चाहिए.

शाह की चुनौती

जिसपर, गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में नेता विपक्ष गुलाम नबी आज़ाद को दी चुनौती दी. अमित शाह ने कहा कि संविधान की जिस धारा के तहत चाहें बहस कर लें, लेकिन अनुच्छेद 370 को एक सेकंड भी रहने का हक नहीं. 370 अस्थाई है और इसने हमेशा जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा बनने से रोका.

'संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई थी'

अमित शाह ने कहा, संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई थी, इसका मतलब ही यह था कि इसे किसी न किसी दिन हटाया जाना था लेकिन अभी तक किसी में राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी, लोग वोट बैंक की राजनीति करते थे लेकिन हमें वोट बैंक की परवाह नहीं है.

गृहमंत्री ने सदन में आगे कहा कि मुझे बड़ा अच्छा लगता कि सारे सदस्य सरकार से जान लेते कि हम किस पद्धति से ऐसा करने जा रहे हैं. आर्टिकल 370 के आर्टिकल के अंदर ही इसका प्रावधान है. इसमें राष्ट्रपति के पास ऐसा प्रावधान है जिसके जरिए इसमें कुछ धाराओं को हटाया जा सकता है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ, इस सदन में इससे पहले कांग्रेस खुद भी ऐसा कर चुकी है.

संविधान फाड़ने की कोशिश

इस बीच, धारा 370 पर सरकार के प्रस्ताव के बाद पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद और एमएम फैयाज ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया. दोनों के ओर से संविधान फाड़ने की कोशिश करने के बाद चेयरमैन ने दोनों सांसदों को सदन से बाहर जाने के लिए कहा. एमएम फैयाज ने प्रस्ताव का विरोध करते हुए अपना कुर्ता फाड़ लिया.

सर संघचालक मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख सर संघचालक मोहन भागवत ने धारा 370 पर मोदी सरकार के फैसले पर खुशी जाहिर करता हुए कहा कि संघ सरकार के इस कदम का स्वागत करता हूं.

धारा 370 खत्म करना 'विनाशकारी' होगा : महबूबा

वहीं मोदी सरकार के फैसले के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने इसे भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताया. पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, '1947 में 2 राष्ट्र के सिद्धांत खारिज करने और भारत के साथ मिलाने के जम्मू एवं कश्मीर नेतृत्व के फैसले का उल्टा असर हुआ. धारा 370 को भंग करने के लिए भारत सरकार का एकतरफा निर्णय गैरकानूनी और असंवैधानिक है.'

उन्होंने कहा, 'उपमहाद्वीप के लिए इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं. वे लोगों को आतंकित कर जम्मू एवं कश्मीर का क्षेत्र चाहते हैं. कश्मीर से किए वादे निभाने में भारत नाकाम रहा है.'

सरकार के प्रस्ताव का समर्थन : BSP

राज्यसभा में मायावती की पार्टी के सांसद सतीश चंद्र मिश्र ने जम्मू कश्मीर पर सरकार के प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने कहा- हमारी पार्टी इसका पूरी तरह से समर्थन करती है और हम चाहते हैं कि ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए.




Conclusion:
Last Updated : Aug 5, 2019, 1:13 PM IST
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