पटनाः बिहार में सभी दल चुनाव की तैयारी में जोर-शोर से जुटे हुए हैं. अब इस बात को लेकर चर्चा है कि एनडीए या महागठबंधन में किस दल को कितनी सीटें मिलेगी. साथ ही कौन प्रत्याशी कहां से चुनाव लड़ेगा, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल में इस बात की चिंता है कि कहीं पिछली बार की तरह इस बार भी सीटों को लेकर बवाल न हो जाए.
हार गए थे आरजेडी विधायक
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक तरफ जहां महागठबंधन के दलों में सीटों को लेकर बैठक हो रही थी, वहीं दूसरी तरफ तेज प्रताप यादव जहानाबाद और वैशाली समेत कुछ सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने में लगे थे. तेज प्रताप ने चुनाव में जहानाबाद, वैशाली और शिवहर में अपना प्रत्याशी उतारा था, जिससे पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. जहानाबाद से महज कुछ सौ वोटों आरजेडी विधायक सुरेंद्र यादव चुनाव हार गए.
लालू के सामने रखी अपनी डिमांड
आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही आरजेडी के अंदर चर्चा है कि कहीं फिर लोकसभा चुनाव जैसी स्थिति न बन जाए. सूत्रों के मुताबिक तेज प्रताप यादव हाल ही में लालू प्रसाद से मिलने गए थे. जहां उन्होंने अपनी डिमांड लालू के सामने रखी. आरजेडी सुप्रीमो से मिलने के बाद तेज प्रताप यादव पिछले दिनों पार्टी ऑफिस पहुंचे और वहां मौजूद कार्यकर्ताओं से बायोडाटा भी लिया.
दुनिया देख चुकी है तमाशा
बीजेपी नेता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि आरजेडी में एक नहीं बल्कि 5 लोगों तक नेताओं और कार्यकर्ताओं को हाजिरी लगानी पड़ती है. पिछली बार यह तमाशा दुनिया देख चुकी है और एक बार फिर यही होने वाला है. हालांकि आरजेडी नेता इस बात से इंकार करते हैं. राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि पिछली बार क्या हुआ इस पर चर्चा करने की बजाय यह जानना जरूरी है कि अब क्या हो रहा है.
एनडीए को करारी शिकस्त
मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि कहीं कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा कि तेजप्रताप हो या तेजस्वी सब मिलकर 243 सीटों पर अपनी स्थिति मजबूत करने में लगे हुए हैं ताकि इस चुनाव में एनडीए को करारी शिकस्त दे पाएं. पिछले साल तेज प्रताप यादव लगातार कभी पार्टी के दफ्तर में जनता दरबार लगा रहे थे तो कभी अपने सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने उम्मीदवारों के साथ ताल ठोक रहे थे. हालांकि इस बार उनके तेवर कुछ बदले बदले से हैं.
लालू और राबड़ी की तस्वीर
विधानसभा चुनाव के समय अगर अपनी पसंद की सीटों को लेकर फिर से तेज प्रताप के तेवर देखने को मिले तो पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. कहा जा रहा है कि किसी तरह के विवाद से बचने के लिए ही पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सिर्फ लालू और राबड़ी की तस्वीर लगाई गई है.