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CM योगी को गोली मारने की धमकी देने वाले सिपाही की जमानत मंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीएम योगी को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी देने वाले आरोपी सिपाही की जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने आरोपी को मुकदमे का फैसला होने तक या दो साल तक सोशल मीडिया का प्रयोग करने पर रोक लगा दी है.

CM योगी
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Published : Jun 4, 2020, 11:34 PM IST

प्रयागराज/पटना : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोली मारने की पोस्ट डालने वाले नालंदा में तैनात पुलिस कांस्टेबल की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने आरोपी के मुकदमे का फैसला होने तक या दो साल तक सोशल मीडिया का प्रयोग करने पर रोक लगा दी है.

गवाहों पर नहीं डालेगा दबाव
कोर्ट ने कहा है कि जमानत पर रिहा होने के दौरान वह विचारण में सहयोग करेगा, साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेगा और गवाहों पर दबाव नहीं डालेगा, आपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं होगा. कोर्ट ने कहा है कि यदि शर्तों का उल्लंघन होता है तो वह जमानत निरस्त करने का आधार होगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कांस्टेबल तनवीर अहमद खान की जमानत अर्जी पर दिया है. याची के खिलाफ गाजीपुर के दिलदारनगर थाने में आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है. उसे 3 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

याची की जमानत मंजूर
याची का कहना था कि उसने पोस्ट नहीं डाली है. जैसे ही उसे पता चला, उसने बिना किसी के पढ़े डिलीट कर दिया. घटना के समय वह बिहार में ड्यूटी पर था. कोर्ट ने मामले को लेकर दाताराम केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर याची की जमानत मंजूर कर ली है.

प्रयागराज/पटना : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोली मारने की पोस्ट डालने वाले नालंदा में तैनात पुलिस कांस्टेबल की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने आरोपी के मुकदमे का फैसला होने तक या दो साल तक सोशल मीडिया का प्रयोग करने पर रोक लगा दी है.

गवाहों पर नहीं डालेगा दबाव
कोर्ट ने कहा है कि जमानत पर रिहा होने के दौरान वह विचारण में सहयोग करेगा, साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेगा और गवाहों पर दबाव नहीं डालेगा, आपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं होगा. कोर्ट ने कहा है कि यदि शर्तों का उल्लंघन होता है तो वह जमानत निरस्त करने का आधार होगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कांस्टेबल तनवीर अहमद खान की जमानत अर्जी पर दिया है. याची के खिलाफ गाजीपुर के दिलदारनगर थाने में आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है. उसे 3 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.

याची की जमानत मंजूर
याची का कहना था कि उसने पोस्ट नहीं डाली है. जैसे ही उसे पता चला, उसने बिना किसी के पढ़े डिलीट कर दिया. घटना के समय वह बिहार में ड्यूटी पर था. कोर्ट ने मामले को लेकर दाताराम केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर याची की जमानत मंजूर कर ली है.

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