पटना: कोरोना संकट काल में बिहार में लगभग सभी उद्योग धंधे ठप है. इसको लेकर बड़े पैमाने पर देश के अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूर लगातार बिहार वापस आ रहे हैं. मजदूर रोजगार को लेकर परेशान है. इसको लेकर ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि बिहार के पास संसाधनों का अभाव है. हम मजदूरों को कृषि कार्य से जोड़कर उन्हें रोजगार देंगे. उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण यह चुनौती उत्पन्न हुई है. बिहार सरकार इस चुनौती को अवसर के रूप में लेकर कार्य कर रही है.
'विपक्ष को जमीनी हकिकत से कोई मतलब नहीं'
बिहार से पलायन के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद ने बिहार पर लंबे समय तक राज किया. राजद शासन काल में बिहार कृषि प्रधान राज्य से पिछड़ा राज्य बन गया. पिछले 15 साल से बिहार में एनडीए के शासन काल में बिहार में काफी कुछ बदल गया. उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार पर मजदूरों के बहाने बेबुनियाद आरोप लगा रहा है. विपक्ष को जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है.
'कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार कार्यरत'
उन्होंने कहा कि राज्य में 80 प्रतिशत लोगों की आजीविका कृषि है. इसे ध्यान में रखते हुए कृषि रोड मैप बनाया गया है. जो पूरी तरह सफल है. उन्होंने कहा कि कृषि को बढ़ावा देने और कृषकों की आय दोगुना करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार कृत संकल्पित है. राज्य के अलग-अलग जिलों के जलवायु के हिसाब से खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. विपरीत परिस्थिति में भी किसान उत्पादन बढ़ाने का काम कर रहे हैं. बिहार वापस आ रहे सभी मजदूरों को कृषि कार्य से जोड़ा जाएगा. होमगार्ड के जावान को उठक-बैठक कराने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले पर जांच के बाद विभाग ने अधिकारी को निलंबित किया.
कृषि मंत्री से बातचीत के खास अंश:-
- बिहार वापस आ रहे सभी मजदूरों को मिलेगा रोजगार
- इस चुनौती को अवसर के रूप में ले रही सरकार
- सभी मजदूरों को कृषि कार्य से जोड़कर उपलब्ध करवाया जाएगा रोजगार
- मजदूरों को जल-जीवन-हरियाली और मनरेगा में मिलेगा रोजगार
- बड़े पैमाने पर हुई गेंहू की खेती
- राज्य सरकार ने लॉकडाउन से कृषि कार्य को किया अलग
- विपक्ष को जमीनी हकिकत से कोई लेना-देना नहीं
- बिहार को प्रकृति का वरदान
- अलग-अलग इलाके में कई तरह की खेती
- बिहार के 17 जिले में शुरू हुई पान की खेती
- लॉकडाउन में किसानों को हुआ है नुकसान
- आम और लीची के स्पलाई के लिए एयरकार्गों से चल रही बात
- लीची और आम किसानों को नहीं होने देंगे नुकसान
- किसानों की हरसंभव मदद करेगी राज्य सरकार
- 20 प्रतिशत बीजों का बिहार में होता है उत्पादन
- 80 प्रतिशत बीज बाहर के राज्यों से आते हैं
- इसे बढ़ाकर 32 प्रतिशत करने की कवायद शुरू
- किसानों के लिए कृषि एप
- घर बैठे मिलेगा किसानो को उन्नत बीज
- ग्रमीण इलाके में उद्योगों को किया जाएगा चालू
- 15 साल से शासन में काफी बदला बिहार