पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) कल यानी 5 जनवरी 2023 से समाधान यात्रा पर बिहरा के दौरे पर (CM Nitish Kumar Bihar Yatra) निकलेंगे. 7 फरवरी तक समाधान यात्रा करेंगे. 29 जनवरी तक की यात्रा का पूरा शेड्यूल जारी हो गया है. मुख्यमंत्री लोगों की समस्याओं को सुनेंगे उसका समाधान करेंगे. तो योजनाओं की समीक्षा भी करेंगे और कई स्थानों पर रात्रि विश्राम करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह 14 वीं यात्रा है. यात्रा का मुख्यमंत्री ने रिकॉर्ड बनाया है. मुख्यमंत्री की यात्रा में पूरा सरकारी अमला लग गया है. पिछले कई दिनों से तैयारी हो रही है. मुख्यमंत्री जहां जाएंगे यात्रा में मुख्य सचिव, डीजीपी और अन्य वरीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
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5 जनवरी से बिहार यात्रा पर निकलेंगे सीएम नीतीश : मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा ऐसे तो सरकारी यात्रा है लेकिन यात्रा को सफल बनाने के लिए जदयू की तरफ से भी पूरी ताकत लगाई जा रही है. जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी मानते हैं कि 2024 की तैयारी के रूप में इस यात्रा को देखा जा सकता है. नीतीश कुमार ने बहुत काम किया है. उपेंद्र कुशवाहा का यह भी कहना है कि यह तो अच्छी बात है कि जनता के बीच सभी लोग जा रहे हैं और जनता की बात सुन रहे हैं. लेकिन जनता उन्हीं पर विश्वास करेगी जिन्होंने पहले काम करके दिखाया है. सीएम नीतीश कुमार की समाधान यात्रा को लेकर बीजेपी हमलावर है. तंज कस रही है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा समाधान यात्रा के स्थान पर व्यवधान यात्रा बता रहे हैं. वहीं बीजेपी के फायरब्रांड विधायक हरि भूषण ठाकुर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शर्म यात्रा निकालने की सलाह दे रहे हैं. और यह भी कह रहे हैं कि कोई भी यात्रा निकाल लें उनकी अंतिम यात्रा ही होगी.
'2024 की तैयारी के रूप में इस यात्रा को देखा जा सकता है. नीतीश कुमार ने बहुत काम किया है. यह तो अच्छी बात है कि जनता के बीच सभी लोग जा रहे हैं और जनता की बात सुन रहे हैं. लेकिन जनता उन्हीं पर विश्वास करेगी जिन्होंने पहले काम करके दिखाया है.' - उपेंद्र कुशवाहा, जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष
'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शर्म यात्रा निकालनी चाहिए. बिहार में कोई भी यात्रा निकाल लें उनकी अंतिम यात्रा ही होगी.' - हरि भूषण ठाकुर, बीजेपी विधायक
'आरजेडी वैचारिक रूप से सभी यात्राओं में शामिल है लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकारी यात्रा कर रहे हैं. ऐसे में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया जा चुका है. यात्राओं में हरसंभव सहयोग करें.' - एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी
5 जनवरी से कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा : 5 जनवरी से कांग्रेस की भी भारत जोड़ो यात्रा निकल रही है. बिहार में बांका से यात्रा की शुरुआत होगी. गया में यात्रा का समापन होगा. लगभग 60 दिनों तक यात्रा चलेगी. यात्रा की शुरुआत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे (Congress National President Mallikarjun Kharge) कर रहे हैं. बिहार के सभी दिग्गज नेता यात्रा में शामिल होंगे और यात्रा को सफल बनाने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है. गया में यात्रा का समापन होगा. लेकिन इन यात्राओं से आरजेडी ने दूरी बना ली है. मुख्यमंत्री की यात्रा में तेजस्वी यादव नजर नहीं आएंगे और ना ही कांग्रेस की यात्रा में ही आरजेडी के नेता नजर आएंगे. वहीं, प्रशांत किशोर की यात्रा पर आरजेडी के नेता तंज कसते हुए कह रहे हैं कि वो अपने बिजनेस के लिए यात्रा कर रहे हैं.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जनसुराज यात्रा : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election strategist Prashant Kishor) की पद यात्रा चंपारण से ही शुरू हुई थी. वो 95 दिन की यात्रा पूरी कर चुके हैं और 1100 किलोमीटर से अधिक पद यात्रा हो चुकी है. प्रशांत किशोर भी नीतीश कुमार को पैदल जनता के बीच आने की चुनौती दे रहे हैं. प्रशांत किशोर जन सुराज के नाम से पदयात्रा कर रहे हैं और आने वाले दिनों में पार्टी भी बनाएंगे. यह भी तय है. 2024 लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमा सकते हैं. लेकिन तैयारी 2025 चुनाव की हो रही है.
बिहार में यात्राओं से चढ़ा सियासी पारा : बिहार में नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद से बीजेपी आक्रमक है. बीजेपी कई जनसभा भी कर चुकी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभा हो चुकी है और आने वाले दिनों में कई जनसभा की तैयारी हो रही है, तो एक तरफ नीतीश कुमार और कांग्रेस अपनी यात्राओं से 2024 को साधने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं, बीजेपी जनसभा के माध्यम से 2024 की तैयारी कर रही है. 2024 चुनाव में भले ही 1 साल से अधिक समय बचा हो लेकिन बिहार में फिलहाल यात्राओं के कारण जिस प्रकार से बयानबाजी हो रही है. उससे ठंड में भी बिहार का राजनीतिक पारा जरूर चढ़ गया है.