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Panchayat Parishad Meeting: देश भर के पंचायत प्रतिनिधियों ने की ग्राम पंचायतों को मजबूत करने की मांग - Bihar State Panchayat Council Building

पटना में सभी राज्यों के पंचायत प्रतिनिधि जुटे (All India Panchayat Parishad meeting in Patna) थे. अखिल भारतीय पंचायत परिषद की दो दिवसीय कार्य समिति एवं महा समिति की बैठक बिहार राज्य पंचायत परिषद भवन में हुई. बैठक में 15 राज्यों से लोकल बॉडी रिप्रेजेंटेटिव आए हुए थे. पढ़िये किस राज्य में पंचायत की स्थिति बेहतर है.

Panchayat Parishad meeting
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Published : Jan 21, 2023, 7:42 PM IST

अखिल भारतीय पंचायत परिषद की बैठक.

पटना: अखिल भारतीय पंचायत परिषद की दो दिवसीय कार्य समिति एवं महा समिति की बैठक पटना के बिहार राज्य पंचायत परिषद भवन में हुई. शनिवार को दूसरे दिन की बैठक शुरू होने से पहले डॉ लाल सिंह त्यागी का 118 वां जयंती समारोह मनाया गया. डॉ त्यागी अखिल भारतीय पंचायत परिषद के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. बैठक की अध्यक्षता बिहार राज्य पंचायती परिषद के अध्यक्ष विंदेश्वरी प्रसाद सिंह ( Vindeshwari Prasad Singh) ने की.

इसे भी पढ़ेंः पटना के मसौढ़ी में धान की खरीद नहीं होने से किसान परेशान, किसानों ने पैक्स अध्यक्ष पर लगाया ये आरोप

बैठक का एजेंडा: आंध्र प्रदेश पंचायत परिषद के अध्यक्ष और ऑल इंडिया पंचायत परिषद के राष्ट्रीय सचिव डॉ जस्ती वीरंजनेयुलु ने कहा कि बैठक का प्रमुख एजेंडा था कि भारत में पंचायती राज के सुदृढ़ीकरण के लिए ग्राम पंचायतों की मजबूती के लिए, जो संविधान का 73 वां और 74 वां संशोधन हुआ उसे सही तरीके से लागू नहीं किया गया. ऐसे में सभी राज्य सरकारों पर दबाव डाला जाए कि इसे लागू किया जाए. बैठक में अखिल भारतीय पंचायती परिषद के बजट पर चर्चा हुई. 15 राज्यों से लोकल बॉडी रिप्रेजेंटेटिव आए हुए थे.

पंचायती राज व्यवस्था की कमियांः डॉ जस्ती वीरंजनेयुलु ने कहा कि आंध्र प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था में काफी कमियां है. 13344 ग्राम पंचायतें हैं, लेकिन उनके पास पैसे की कमी है. सरपंचों के पास पैसा नहीं रहने से काफी दिक्कतें आ रही हैं. भारत सरकार आंध्र प्रदेश को 15वें वित्त कमीशन के अनुसार जो राशि देनी है वह नहीं दे रही है. भारत सरकार का आंध्र प्रदेश की पंचायत परिषद पर 1005 करोड़ रुपए का बकाया है. इन पैसों के नहीं मिलने से ग्राम पंचायतों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

'सभी ग्राम पंचायत भवन बिजली बिल की समस्या का सामना कर रहे हैं. बिजली बिल चुकाने को पैसा नहीं है. बिल अधिक होने की वजह से कई पंचायत भवन के बिजली भी काटे जा चुके हैं. आंध्र प्रदेश के पंचायत भवनों पर लगभग 3500 करोड़ रुपए से अधिक का बिजली बिल का बकाया है'- डॉ जस्ती विरंजनेयुलु, अध्यक्ष, आंध्र प्रदेश पंचायत परिषद

अलग-अलग कानून: मुल्लांगई रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि देश के सभी राज्यों में सरपंच, प्रधान या मुखिया के लिए अलग-अलग कानून है. आंध्र प्रदेश में सरपंच को कोई काम नहीं है. वहां वॉलिंटियर्स भी हैं. गांव में प्रत्येक 50 घर पर एक वॉलिंटियर है. घर वालों को क्या चाहिए इसके लिए वॉलिंटियर काम कर रहा है. सरपंच के पास कोई फंड भी नहीं है. सरपंच की स्थिति ऐसी है कि कोई काम गांव में करानी होती है तो उसके लिए डीएम के पास बोलना होता है. एमपी, एमएलए और मिनिस्टर के पास जाकर बोलना पड़ता है. सरपंच को पंचायत भवन में खुद झाड़ू लगानी पड़ती है. अन्य सारे काम भी करने पड़ते हैं. कई बार घर से पैसे खर्च करने पड़ते हैं लेकिन इसकी भरपाई नहीं होती.

पंचायती राज व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं: मुल्लांगई रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि इस इंडिया फोरम की बैठक में सभी राज्यों की पंचायती राज व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा हो रही है. जिसमें बंगाल, उड़ीसा, केरल और थोड़ा बहुत तमिलनाडु में पंचायती राज व्यवस्था अच्छे तरीके से कार्य कर रहा है. बाकी सभी राज्यों में पंचायती राज व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है. मुल्लांगई रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि संविधान में 243 में एक आर्टिकल है जिसके 11 शेड्यूल में 29 डिपार्टमेंट पंचायती व्यवस्था के अंदर काम करने पड़ेंगे. लेकिन प्रदेश के अधिकांश राज्यों में ऐसा नहीं होता है. संविधान का 73 वां संशोधन फेल हो चुका है. 73वां और 74वां संशोधन सभी राज्यों ने पंचायती राज व्यवस्था के लिए लागू नहीं किया है.

राशि की मांगः आंध्र प्रदेश राज्य पंचायत परिषद के जनरल सेक्रेटरी मुनी रेड्डी ने कहा कि देश में पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जो संविधान का 73 वां और 74वां संशोधन हुआ उसे प्रदेश के सभी राज्यों में पूरी तरह लागू नहीं किया गया. अधिकांश राज्यों में संविधान संशोधन के 2-4 पहलुओं को ही लागू किया गया. आंध्र प्रदेश में पंचायती भवनों में बिजली बिल की बड़ी राशि बकाया है. उन्होंने केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मांग की कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को 15वें वित्त कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार जो राशि दी जानी है वह अविलंब भुगतान करें.

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'मुनीरेड्डी ने कहा कि उन्होंने बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों के लिए एक सम्मानजनक वेतन और मेडिकल भत्ता दिए जाने की मांग को उठाएं हैं. यह मांग सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने की है और उम्मीद करते हैं कि अखिल भारतीय पंचायत परिषद आने वाले दिनों में पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानजनक वेतन उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करेगा. आज इस भीषण महंगाई के दौर में पंचायत प्रतिनिधियों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है' - मुनी रेड्डी, जनरल सेक्रेटरी, आंध्र प्रदेश राज्य पंचायत परिषद

अखिल भारतीय पंचायत परिषद की बैठक.

पटना: अखिल भारतीय पंचायत परिषद की दो दिवसीय कार्य समिति एवं महा समिति की बैठक पटना के बिहार राज्य पंचायत परिषद भवन में हुई. शनिवार को दूसरे दिन की बैठक शुरू होने से पहले डॉ लाल सिंह त्यागी का 118 वां जयंती समारोह मनाया गया. डॉ त्यागी अखिल भारतीय पंचायत परिषद के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. बैठक की अध्यक्षता बिहार राज्य पंचायती परिषद के अध्यक्ष विंदेश्वरी प्रसाद सिंह ( Vindeshwari Prasad Singh) ने की.

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बैठक का एजेंडा: आंध्र प्रदेश पंचायत परिषद के अध्यक्ष और ऑल इंडिया पंचायत परिषद के राष्ट्रीय सचिव डॉ जस्ती वीरंजनेयुलु ने कहा कि बैठक का प्रमुख एजेंडा था कि भारत में पंचायती राज के सुदृढ़ीकरण के लिए ग्राम पंचायतों की मजबूती के लिए, जो संविधान का 73 वां और 74 वां संशोधन हुआ उसे सही तरीके से लागू नहीं किया गया. ऐसे में सभी राज्य सरकारों पर दबाव डाला जाए कि इसे लागू किया जाए. बैठक में अखिल भारतीय पंचायती परिषद के बजट पर चर्चा हुई. 15 राज्यों से लोकल बॉडी रिप्रेजेंटेटिव आए हुए थे.

पंचायती राज व्यवस्था की कमियांः डॉ जस्ती वीरंजनेयुलु ने कहा कि आंध्र प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था में काफी कमियां है. 13344 ग्राम पंचायतें हैं, लेकिन उनके पास पैसे की कमी है. सरपंचों के पास पैसा नहीं रहने से काफी दिक्कतें आ रही हैं. भारत सरकार आंध्र प्रदेश को 15वें वित्त कमीशन के अनुसार जो राशि देनी है वह नहीं दे रही है. भारत सरकार का आंध्र प्रदेश की पंचायत परिषद पर 1005 करोड़ रुपए का बकाया है. इन पैसों के नहीं मिलने से ग्राम पंचायतों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

'सभी ग्राम पंचायत भवन बिजली बिल की समस्या का सामना कर रहे हैं. बिजली बिल चुकाने को पैसा नहीं है. बिल अधिक होने की वजह से कई पंचायत भवन के बिजली भी काटे जा चुके हैं. आंध्र प्रदेश के पंचायत भवनों पर लगभग 3500 करोड़ रुपए से अधिक का बिजली बिल का बकाया है'- डॉ जस्ती विरंजनेयुलु, अध्यक्ष, आंध्र प्रदेश पंचायत परिषद

अलग-अलग कानून: मुल्लांगई रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि देश के सभी राज्यों में सरपंच, प्रधान या मुखिया के लिए अलग-अलग कानून है. आंध्र प्रदेश में सरपंच को कोई काम नहीं है. वहां वॉलिंटियर्स भी हैं. गांव में प्रत्येक 50 घर पर एक वॉलिंटियर है. घर वालों को क्या चाहिए इसके लिए वॉलिंटियर काम कर रहा है. सरपंच के पास कोई फंड भी नहीं है. सरपंच की स्थिति ऐसी है कि कोई काम गांव में करानी होती है तो उसके लिए डीएम के पास बोलना होता है. एमपी, एमएलए और मिनिस्टर के पास जाकर बोलना पड़ता है. सरपंच को पंचायत भवन में खुद झाड़ू लगानी पड़ती है. अन्य सारे काम भी करने पड़ते हैं. कई बार घर से पैसे खर्च करने पड़ते हैं लेकिन इसकी भरपाई नहीं होती.

पंचायती राज व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं: मुल्लांगई रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि इस इंडिया फोरम की बैठक में सभी राज्यों की पंचायती राज व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा हो रही है. जिसमें बंगाल, उड़ीसा, केरल और थोड़ा बहुत तमिलनाडु में पंचायती राज व्यवस्था अच्छे तरीके से कार्य कर रहा है. बाकी सभी राज्यों में पंचायती राज व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है. मुल्लांगई रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि संविधान में 243 में एक आर्टिकल है जिसके 11 शेड्यूल में 29 डिपार्टमेंट पंचायती व्यवस्था के अंदर काम करने पड़ेंगे. लेकिन प्रदेश के अधिकांश राज्यों में ऐसा नहीं होता है. संविधान का 73 वां संशोधन फेल हो चुका है. 73वां और 74वां संशोधन सभी राज्यों ने पंचायती राज व्यवस्था के लिए लागू नहीं किया है.

राशि की मांगः आंध्र प्रदेश राज्य पंचायत परिषद के जनरल सेक्रेटरी मुनी रेड्डी ने कहा कि देश में पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जो संविधान का 73 वां और 74वां संशोधन हुआ उसे प्रदेश के सभी राज्यों में पूरी तरह लागू नहीं किया गया. अधिकांश राज्यों में संविधान संशोधन के 2-4 पहलुओं को ही लागू किया गया. आंध्र प्रदेश में पंचायती भवनों में बिजली बिल की बड़ी राशि बकाया है. उन्होंने केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मांग की कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को 15वें वित्त कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार जो राशि दी जानी है वह अविलंब भुगतान करें.

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'मुनीरेड्डी ने कहा कि उन्होंने बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों के लिए एक सम्मानजनक वेतन और मेडिकल भत्ता दिए जाने की मांग को उठाएं हैं. यह मांग सभी पंचायत प्रतिनिधियों ने की है और उम्मीद करते हैं कि अखिल भारतीय पंचायत परिषद आने वाले दिनों में पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानजनक वेतन उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य करेगा. आज इस भीषण महंगाई के दौर में पंचायत प्रतिनिधियों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है' - मुनी रेड्डी, जनरल सेक्रेटरी, आंध्र प्रदेश राज्य पंचायत परिषद

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