पटनाः पीएम मोदी ने नए कृषि कानून वापस (Farm Law Withdrawal) लेने की घोषणा कर दी है. ऐसे में 12 महीने से चल रहे किसान महासभा आंदोलन अब रुक गया है. लेकिन किसान एमएसपी लागू करने, किसानों के मुआवजे और लखीमपुर घटना को लेकर अभी भी आक्रोशित हैं. इसी को लेकर मसौढ़ी में अखिल भारतीय किसान महासभा (All India Kisan Mahasabha) के तत्वाधान में किसानों ने धरना प्रदर्शन किया.
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एमएसपी लागू करने और लखीमपुर घटना में मारे गए किसानों को मुआवजा देने के की मांग को लेकर आज मसौढ़ी के तारेगना रेलवे स्टेशन प्रांगण में किसानों ने धरना दिया. धरने के माध्यम से किसानों ने कहा कि पीएम मोदी ने भले ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है. लेकिन अभी भी उन पर भरोसा नहीं है. वह कभी भी बदल दे सकते हैं.
अखिल भारतिय किसान महासभा के सचिव सोनेलाल प्रसाद ने कहा कि पीएम की कथनी और करनी में बहुत ही अंतर दिख रहा है. क्योंकि सरकार कंपनी राज में चल रहा है. इस देश में कॉर्पोरेट घरानों की सरकार चल रही है. सरकार किसानों की उचित मुआवजा दे और लखीमपुर घटना में आरोपी मंत्री को बर्खास्त करे.
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सोनेलाल प्रसाद ने कहा कि यह लड़ाई उस वक्त तक चलती रहेगी जब तक सरकार किसानों की एमएसपी लागू नहीं कर देती. आगामी 26 नवंबर को पूरे आंदोलन का 1 साल हो जाएगा. ऐसे में सभी 4 बोर्डरों पर लाखों किसान एकजुट होंगे और विजय जुलूस निकालेंगे. मसौढ़ी में भी गांव गांव से किसान एकजुट होकर पूरे मुख्यालय पर पहुंचेंगे और डीएम को अपना ज्ञापन सौंपेंगे.
3 नए कृषि कानून के वापस लेने की मांग को लेकर एक तरफ जहां कुछ किसानों में खुशी है. वहीं अखिल भारतीय किसान महासभा अभी भी सरकार पर भरोसा नहीं जता रही है. किसान महासभा ने एमएसपी और मुआवजा की मांग को लेकर अपना आंदोलन अनवरत चलाने की बात कर रही है.
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