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दुर्गा पूजा के मूर्ति विसर्जन और विजयदशमी के रावण वध को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट - Durga idol immersion in Patna

विजयदशमी और रावण वध को लेकर पटना में पुलिस प्रशासन अलर्ट (Alert in Patna regarding Vijayadashami and Ravana slaughter) है. सुरक्षा के मद्देनजर बिहार पुलिस बल के अलावा बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की 20 कंपनियों और अर्धसैनिक बल की पांच कंपनियों को राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में सुरक्षा को लेकर तैनात किया है. एक बार बिहार पुलिस की ट्रेनिंग ले रहे दारोगा और डीएसपी रैंक के अधिकारियों को भी तैनात किया गया है.

Durga idol immersion in Patna
Durga idol immersion in Patna
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Published : Oct 5, 2022, 10:56 AM IST

पटना: सत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. एक तरफ जहां पटना में दुर्गा मूर्ति विसर्जन (Durga idol immersion in Patna) हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ रावण वध (Ravana Vadh in Patna) की तैयारी हो रही है. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर है. दशहरे के कार्यक्रम को लेकर राजधानी पटना के गांधी मैदान में सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतेजामात किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: पटना के गांधी मैदान में आज होगा रावण दहन, जानें क्या है मुहूर्त

पटना में पुलिस प्रशासन अलर्ट: रावण वध को लेकर गांधी मैदान में चार सेक्टर मजिस्ट्रेट के अधीन सब सेक्टर में पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों को सुरक्षा बलों के साथ मैदान खाली होने तक डटे रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे से पूरे मैदान पर नजर रखी जाएगी. इनके अलावा महिला बल, लाठी बल एवं अन्य पुलिस बल को भी ड्यूटी पर तैनात किया गया है. मैदान में अस्थायी कंट्रोल रुम भी बनाया गया है. वहीं वाच टावरों से भीड़ पर निगरानी रखी जाएगी. इस दौरान यातायात मैनेजमेंट की जिम्मेदारी ट्रैफिक एसपी की होगी. राजधानी पटना के गांधी मैदान की ओर जाने वाली सभी वाहनों पर शाम के 3:00 बजे के बाद प्रतिबंध रहेगा.

बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा बिहार के 222 जनों को संवेदनशील घोषित किया गया है. इसमें पटना के 18 इलाके शामिल हैं. विजयदशमी को लेकर किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए गांधी मैदान में पूरी व्यवस्था की गई है. 10 एम्बुलेंस सभी आवश्यक दवाओं और मेडिकल टीम के साथ तैनात रहेगी. गांधी मैदान स्थित अस्थायी नियंत्रण कक्ष में वरीय चिकित्सक के नेतृत्व में चिकित्सा दल आवश्यक औषधियों के साथ प्रतिनियुक्त रहेंगे. सिविल सर्जन अस्पतालों से समन्वय करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां उत्तम इमर्जेंसी सुविधा उपलब्ध रहे.

आपातकालीन स्थिति से निपटने हेतु एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच, इन्दिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इमर्जेन्सी नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा. ऑपरशन थियेटर 24 घंटे खुले रहेंगे. रावण दहन कार्यक्रम स्थल के आस-पास 4 फायर यूनिट तैनात रहेगा।पटना डीएम ने नगर निगम एवं पीएचईडी को जन-समूह हेतु जगह-जगह पर पर्याप्त संख्या में वाटर एटीएम/पेयजल टैंकर की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया. भवन निर्माण विभाग एवं विद्युत विभाग के अभियंताओं को बैरिकेडिंग, मंच, वाच टावर एवं विद्युत व्यवस्था से संबंधित फिटनेस प्रमाण-पत्र समर्पित करने का निदेश दिया गया है ताकि कोई भी अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न न हो.

डीएम और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने सभी पदाधिकारियों को सूचना तंत्र को सुदृढ़ और सक्रिय रखने के साथ-साथ अफवाहों का त्वरित खंडन करने का निर्देश दिया है. अधिकारी ने जिले में आयोजित सभी रावण वध कार्यक्रमों के लिए आवश्यक व्यवस्था करने और विधि-व्यवस्था संधारण करने का निर्देश दिया है.

आपको बता दें कि आजादी से पहले बिहार में रावण दहन की ऐसी कोई परंपरा नहीं थी. 1954 तक पटना में कहीं रावण दहन नहीं होता था. गांधी मैदान में पहली बार इसका आयोजन 1955 में हुआ. बेहद छोटे पैमाने पर हुए इस आयोजन में करीब दो-दो सौ लोग शामिल हुए थे. रावण दहन का यह आयोजन देश विभाजन के बाद पाकिस्तान के पंजाब से पटना आये परिवारों ने किया था. उस वक्त करीब 350 परिवार पटना में आये थे, उन्हीं में से कुछ लोगों ने इस परंपरा की गांधी मैदान में शुरुआत की थी.

ये भी पढ़ें- पटना गांधी मैदान में पहुंचे कमिश्नर और SSP, रावण दहन स्थल का किया निरीक्षण


पटना: सत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. एक तरफ जहां पटना में दुर्गा मूर्ति विसर्जन (Durga idol immersion in Patna) हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ रावण वध (Ravana Vadh in Patna) की तैयारी हो रही है. ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर है. दशहरे के कार्यक्रम को लेकर राजधानी पटना के गांधी मैदान में सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतेजामात किए गए हैं.

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पटना में पुलिस प्रशासन अलर्ट: रावण वध को लेकर गांधी मैदान में चार सेक्टर मजिस्ट्रेट के अधीन सब सेक्टर में पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों को सुरक्षा बलों के साथ मैदान खाली होने तक डटे रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे से पूरे मैदान पर नजर रखी जाएगी. इनके अलावा महिला बल, लाठी बल एवं अन्य पुलिस बल को भी ड्यूटी पर तैनात किया गया है. मैदान में अस्थायी कंट्रोल रुम भी बनाया गया है. वहीं वाच टावरों से भीड़ पर निगरानी रखी जाएगी. इस दौरान यातायात मैनेजमेंट की जिम्मेदारी ट्रैफिक एसपी की होगी. राजधानी पटना के गांधी मैदान की ओर जाने वाली सभी वाहनों पर शाम के 3:00 बजे के बाद प्रतिबंध रहेगा.

बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा बिहार के 222 जनों को संवेदनशील घोषित किया गया है. इसमें पटना के 18 इलाके शामिल हैं. विजयदशमी को लेकर किसी भी आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए गांधी मैदान में पूरी व्यवस्था की गई है. 10 एम्बुलेंस सभी आवश्यक दवाओं और मेडिकल टीम के साथ तैनात रहेगी. गांधी मैदान स्थित अस्थायी नियंत्रण कक्ष में वरीय चिकित्सक के नेतृत्व में चिकित्सा दल आवश्यक औषधियों के साथ प्रतिनियुक्त रहेंगे. सिविल सर्जन अस्पतालों से समन्वय करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां उत्तम इमर्जेंसी सुविधा उपलब्ध रहे.

आपातकालीन स्थिति से निपटने हेतु एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच, इन्दिरा गाँधी हृदय रोग संस्थान, इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इमर्जेन्सी नियंत्रण कक्ष कार्यरत रहेगा. ऑपरशन थियेटर 24 घंटे खुले रहेंगे. रावण दहन कार्यक्रम स्थल के आस-पास 4 फायर यूनिट तैनात रहेगा।पटना डीएम ने नगर निगम एवं पीएचईडी को जन-समूह हेतु जगह-जगह पर पर्याप्त संख्या में वाटर एटीएम/पेयजल टैंकर की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया. भवन निर्माण विभाग एवं विद्युत विभाग के अभियंताओं को बैरिकेडिंग, मंच, वाच टावर एवं विद्युत व्यवस्था से संबंधित फिटनेस प्रमाण-पत्र समर्पित करने का निदेश दिया गया है ताकि कोई भी अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न न हो.

डीएम और एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने सभी पदाधिकारियों को सूचना तंत्र को सुदृढ़ और सक्रिय रखने के साथ-साथ अफवाहों का त्वरित खंडन करने का निर्देश दिया है. अधिकारी ने जिले में आयोजित सभी रावण वध कार्यक्रमों के लिए आवश्यक व्यवस्था करने और विधि-व्यवस्था संधारण करने का निर्देश दिया है.

आपको बता दें कि आजादी से पहले बिहार में रावण दहन की ऐसी कोई परंपरा नहीं थी. 1954 तक पटना में कहीं रावण दहन नहीं होता था. गांधी मैदान में पहली बार इसका आयोजन 1955 में हुआ. बेहद छोटे पैमाने पर हुए इस आयोजन में करीब दो-दो सौ लोग शामिल हुए थे. रावण दहन का यह आयोजन देश विभाजन के बाद पाकिस्तान के पंजाब से पटना आये परिवारों ने किया था. उस वक्त करीब 350 परिवार पटना में आये थे, उन्हीं में से कुछ लोगों ने इस परंपरा की गांधी मैदान में शुरुआत की थी.

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