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बिहार में शराब पीने वालों की अब खैर नहीं, आधार के जरिए तुरंत हो जाएगी पहचान

बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law In Bihar) लागू होने के बाद भी वाइन का नशा करने वालों की कोई कमी नहीं है. लेकिन अब अगर आप शराब का सेवन करते हैं तो हो जाइए सावधान. क्योंकि शराबियों की पहचान सत्यापित करने के लिए (Verification of alcoholics in bihar) सरकार आधार से आपका सार डाटा जोड़ने जा रही है. इसकी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से मंजूरी भी मिल गई है. पढ़ें पूरी खबर...

शराब पीने वालों की अब खैर नहीं
शराब पीने वालों की अब खैर नहीं
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Published : Nov 4, 2022, 6:25 PM IST

Updated : Nov 4, 2022, 6:49 PM IST

पटना: बिहार में अब शराब पीने वालों की खैर नहीं होगी. शराब पीकर पकड़े गए शख्स के लिए अब पहचान छुपाना मुश्किल होगा. उसने पहली बार शराब पी है या दूसरी बार, इसका पता तुरंत चल जाएगा. ऐसे लोगों की पहचान के लिए बिहार सरकार जल्द ही आधार प्रमाणीकरण की (Alcoholics Identify With Aadhar Card In Bihar) व्यवस्था करने वाली है. पहली बार शराब पीकर पकड़े गए आरोपियों को जुर्माने पर छोड़ने से पहले उनका नाम-पता अब आधार डेटाबेस से रजिस्टर्ड किया जाएगा. एक बार रजिस्टर्ड होने के बाद यदि कोई दोबारा शराब के नशे में पकड़ाता है तो वह लाख कोशिशों के बाद भी अपनी पहचान नहीं छुपा पाएगा.

ये भी पढ़ें- पियक्कड़ों के खिलाफ अभियान: बेगूसराय में पुलिस के हत्थे चढ़े 102 शराबी

शराब पीने वालों की अब खैर नहीं : मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार शराब पीकर पकड़े जाने वाले लोगों की आधार से पहचान सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिले के मद्यनिषेध कार्यालयों में आधार प्रमाणीकरण केंद्र (Alcoholics registered with aadhaar in bihar) खोला जाएगा. राज्य सरकार ने इसके लिए पूर्व में ही भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को पत्र लिख दिया था. प्राधिकरण द्वारा अब इसकी मंजूरी भी दे दी गई है. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. इसके बाद शराबियों के आधार वेरीफाई का काम शुरू हो जाएगा.

पहली बार शराब पीने वालों के घर लगाए जा रहे पोस्टर : बिहार में शराबबंदी के बावजूद लोग शराब पीने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसलिए पहली बार शराब के नशे में पकड़े जाने वाले शख्स के घर पर पोस्टर लगाए जा रहे हैं. इस पोस्टर में आरोपी का नाम और साथ में शपथ पत्र है, जिसमें लिखा है कि वह आगे से शराब का सेवन नहीं करेगा. अगर दोबारा पकड़ा गया तो जेल होगी. बताते चलें कि शराबबंदी के नियमों के मुताबिक पहली बार शराब पीते पकड़े जाने वाले आरोपी जुर्माना भरकर छूट सकते हैं.

क्या कहना है मद्य निषेध विभाग का? : मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पोस्टर चिपकाने का उद्देश्य चेतावनी देना है. विभागीय अधिकारी ऐसे लोगों की जांच भी करेंगे तथा संदेह होने पर ब्रेथ एनलाइजर से उसकी जांच भी कर सकेंगे. बिहार के तमाम एक्साइज इंस्पेक्टरों को निर्देश जारी किया गया है. उन्हें कहा गया है कि वे सरकारी रिकार्ड देखें कि कौन-कौन से लोग पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने के बाद जुर्माना देकर छूटे हैं. एक्साइज इंस्पेक्टर वैसे तमाम लोगों के घर बाहर पोस्टर चिपकायें. पोस्टर के जरिये न सिर्फ उन्हें चेतावनी दें, बल्कि आस-पास के लोगों को भी जानकारी दें कि वह व्यक्ति शराब पीने के जुर्म में पकड़ा जा चुका है.

आंकड़े बता रहे बिहार में शराबबंदी की हकीकत : उत्पाद विभाग के अपने ही आंकड़े बिहार में शराबबंदी की पोल होते नजर आते हैं. शराबबंदी से संबंधित विभागीय आंकड़ों को देखा जाए तो अब तक बिहार के गया में ही अकेले 17430 प्राथमिकी शराब के मामलों की दर्ज की जा चुकी है. यह आंकड़े वर्ष 2016 यानि की शराबबंदी की शुरुआत से अब तक की है. अब तक कुल गिरफ्तारियां शराब के मामलों में 23086 लोगों की है. वहीं सजा की बात करें तो सिर्फ 27 लोगों को ही सजा हो सकी है.

मुंह चिढ़ा रहा आंकड़ा : इसके अलावा बरामद शराब की बात करें तो देसी शराब 5 लाख 57 हजार लीटर बरामद की गई है. वहीं विदेशी शराब 2 लाख 81 हजार 547 लीटर बरामदगी हुई है. यानि गया जिले में 8 लाख 38 हजार 550 लीटर शराब की बरामद की जा चुकी है. वहीं अवैध जावा महुआ 6 लाख 68 हजार 391 किलोग्राम बरामद किए जा चुके हैं. यह आंकड़ों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है, जो बता रहा है कि बिहार में शराबबंदी में कमी आने के बजाय शराब की तस्करी और पीने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

मद्य निषेध कानून में संशोधनः इस साल 1 अप्रैल 2022 से संशोधित मध्य निषेध कानून लागू होने के बाद धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीने वालों को पकड़े जाने पर जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है. विभागीय अधिकारी के मुताबिक, पहली बार शराब पीने के मामले में पकड़े गए अभियुक्त को शपथपत्र और तीन से पांच हजार रुपये का जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान किया गया है. प्रावधान के तहत अब तक 50 हजार से अधिक लोग जुर्माना देकर छूट चुके हैं.

पटना: बिहार में अब शराब पीने वालों की खैर नहीं होगी. शराब पीकर पकड़े गए शख्स के लिए अब पहचान छुपाना मुश्किल होगा. उसने पहली बार शराब पी है या दूसरी बार, इसका पता तुरंत चल जाएगा. ऐसे लोगों की पहचान के लिए बिहार सरकार जल्द ही आधार प्रमाणीकरण की (Alcoholics Identify With Aadhar Card In Bihar) व्यवस्था करने वाली है. पहली बार शराब पीकर पकड़े गए आरोपियों को जुर्माने पर छोड़ने से पहले उनका नाम-पता अब आधार डेटाबेस से रजिस्टर्ड किया जाएगा. एक बार रजिस्टर्ड होने के बाद यदि कोई दोबारा शराब के नशे में पकड़ाता है तो वह लाख कोशिशों के बाद भी अपनी पहचान नहीं छुपा पाएगा.

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शराब पीने वालों की अब खैर नहीं : मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार शराब पीकर पकड़े जाने वाले लोगों की आधार से पहचान सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिले के मद्यनिषेध कार्यालयों में आधार प्रमाणीकरण केंद्र (Alcoholics registered with aadhaar in bihar) खोला जाएगा. राज्य सरकार ने इसके लिए पूर्व में ही भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को पत्र लिख दिया था. प्राधिकरण द्वारा अब इसकी मंजूरी भी दे दी गई है. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी. इसके बाद शराबियों के आधार वेरीफाई का काम शुरू हो जाएगा.

पहली बार शराब पीने वालों के घर लगाए जा रहे पोस्टर : बिहार में शराबबंदी के बावजूद लोग शराब पीने से बाज नहीं आ रहे हैं. इसलिए पहली बार शराब के नशे में पकड़े जाने वाले शख्स के घर पर पोस्टर लगाए जा रहे हैं. इस पोस्टर में आरोपी का नाम और साथ में शपथ पत्र है, जिसमें लिखा है कि वह आगे से शराब का सेवन नहीं करेगा. अगर दोबारा पकड़ा गया तो जेल होगी. बताते चलें कि शराबबंदी के नियमों के मुताबिक पहली बार शराब पीते पकड़े जाने वाले आरोपी जुर्माना भरकर छूट सकते हैं.

क्या कहना है मद्य निषेध विभाग का? : मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पोस्टर चिपकाने का उद्देश्य चेतावनी देना है. विभागीय अधिकारी ऐसे लोगों की जांच भी करेंगे तथा संदेह होने पर ब्रेथ एनलाइजर से उसकी जांच भी कर सकेंगे. बिहार के तमाम एक्साइज इंस्पेक्टरों को निर्देश जारी किया गया है. उन्हें कहा गया है कि वे सरकारी रिकार्ड देखें कि कौन-कौन से लोग पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने के बाद जुर्माना देकर छूटे हैं. एक्साइज इंस्पेक्टर वैसे तमाम लोगों के घर बाहर पोस्टर चिपकायें. पोस्टर के जरिये न सिर्फ उन्हें चेतावनी दें, बल्कि आस-पास के लोगों को भी जानकारी दें कि वह व्यक्ति शराब पीने के जुर्म में पकड़ा जा चुका है.

आंकड़े बता रहे बिहार में शराबबंदी की हकीकत : उत्पाद विभाग के अपने ही आंकड़े बिहार में शराबबंदी की पोल होते नजर आते हैं. शराबबंदी से संबंधित विभागीय आंकड़ों को देखा जाए तो अब तक बिहार के गया में ही अकेले 17430 प्राथमिकी शराब के मामलों की दर्ज की जा चुकी है. यह आंकड़े वर्ष 2016 यानि की शराबबंदी की शुरुआत से अब तक की है. अब तक कुल गिरफ्तारियां शराब के मामलों में 23086 लोगों की है. वहीं सजा की बात करें तो सिर्फ 27 लोगों को ही सजा हो सकी है.

मुंह चिढ़ा रहा आंकड़ा : इसके अलावा बरामद शराब की बात करें तो देसी शराब 5 लाख 57 हजार लीटर बरामद की गई है. वहीं विदेशी शराब 2 लाख 81 हजार 547 लीटर बरामदगी हुई है. यानि गया जिले में 8 लाख 38 हजार 550 लीटर शराब की बरामद की जा चुकी है. वहीं अवैध जावा महुआ 6 लाख 68 हजार 391 किलोग्राम बरामद किए जा चुके हैं. यह आंकड़ों का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है, जो बता रहा है कि बिहार में शराबबंदी में कमी आने के बजाय शराब की तस्करी और पीने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

मद्य निषेध कानून में संशोधनः इस साल 1 अप्रैल 2022 से संशोधित मध्य निषेध कानून लागू होने के बाद धारा 37 के तहत पहली बार शराब पीने वालों को पकड़े जाने पर जुर्माना लेकर छोड़ने का प्रावधान किया गया है. विभागीय अधिकारी के मुताबिक, पहली बार शराब पीने के मामले में पकड़े गए अभियुक्त को शपथपत्र और तीन से पांच हजार रुपये का जुर्माना देकर छोड़े जाने का प्रावधान किया गया है. प्रावधान के तहत अब तक 50 हजार से अधिक लोग जुर्माना देकर छूट चुके हैं.

Last Updated : Nov 4, 2022, 6:49 PM IST
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