पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सासाराम और बिहार शरीफ की घटना को लेकर एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी द्वारा दिए गए बयान पर हमला करते हुए उन्हें बीजेपी का एजेंट बताया है. दरअसल असदुद्दीन ओवैसी ने पिछले दिनों बंगाल और बिहार में रामनवमी के बाद हुए दंगों को लेकर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. उन्होंने कहा था कि हिंसा के मामलों को रोकने में सरकार विफल साबित हुई है. ऐसे मामलों की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. अब नीतीश कुमार की ओर से एजेंट बताए जाने पर एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
'सीएम नीतीश की बातों का नहीं लेते नोटिस': अख्तरुल इमान ने कहा कि हमें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. जो ओवेसी को एजेंट कहेगा उन्हें पता होना चाहिए ओबीसी की नस्लें सेक्युलर रही है और कभी भी कम्युनल फोर्स से हाथ नहीं मिलाया. जो लोग 20 साल से बीजेपी के साथ हैं उन्हें ऐसे जुमले बोलना शोभा नहीं देता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा है कि बीजेपी के एजेंट होने के कारण ही ओवेसी सबसे अधिक देश में मीडिया में दिख रहे हैं. इस पर अख्तरुल इमान ने कहा अकलियतों के एकमात्र लीडर हैं. ओवैसी को ये लोग गुलाम बनाकर रखना चाहते हैं और अगर मीडियो में दिख रहे हैं तो अखर रहा है.
"जिसने बिहार में बीजेपी को स्थापित किया हो वह यदि हमें एजेंट बताएं तो ऐसी बातों को नोटिस भी लेते हैं. लोगों की समस्याओं को लेकर हम लोग मिलना चाहते थे लेकिन हम लोगों से क्यों मिलेंगे. नीतीश ने हमें समय नहीं दिया. आरएसएस वालों से मोहन भागवत से और मोदी से सीएम नीतीश मिलेंगे. लेकिन माइनॉरिटी के लीडर से नहीं मिल सकते हैं."- अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष एआईएमआईएम