पटनाः ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) से जुड़े छात्रों ने आज राज्यव्यापी प्रतिरोध के तहत राजेंद्र नगर स्थित पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय(Patliputra University) गेट पर जमकर हंगामा किया. बता दे कि एआईएसएफ के जुड़े छात्रों ने विश्वविद्यालयों (University) की परीक्षाओं में छात्रों को प्रमोट करने की मांग को लेकर दो दिवसीय राज्यव्यापी प्रतिरोध (Statewide Resistance) का एलान किया है.
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सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
AISF से जुड़े छात्र राज्यव्यापी प्रतिरोध के दौरान अपनी मांगों से जुड़ी तख्तियां लेकर पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय गेट पर खड़े दिखाई दिए. इन तख्तियों पर सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की तर्ज पर विश्वविधालयों में प्रमोट करने, पीएचडी में आरक्षित छात्रों का कटऑफ मगध विश्वविद्यालय की तर्ज पर कम करने जैसी मांगों के साथ ही कोरोना काल में कॉलेजों के बंद रहने पर भी परीक्षा लेने को लेकर सरकार से किए गए सवाल लिखे हुए थे. छात्र इस दौरान जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दिखाई दिए.
पटना विश्वविद्यालय के बाहर करेंगे प्रदर्शन
इस मौके पर मौजूद ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार ने कहा कि हमने पहले ही अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा था. इसे लेकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य और केन्द्र के शिक्षा मंत्री को पत्र भी लिखा था.
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि-'सीबीएसई(CBSE) एवं आईसीएसई(ICSE) बोर्ड के विद्यार्थियों की तर्ज पर विश्वविद्यालयों के छात्रों को भी परीक्षाओं में प्रमोट किया जाए. अपने इन्हीं मांगों को लेकर हमने दो दिवसीय राज्यव्यापी प्रतिरोध का आवाहन किया है.'
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से हमने आज प्रदर्शन किया है, उसी तरीके से कल भी राज्यव्यापी प्रतिरोध कर पटना विश्वविद्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे. यदि तब भी सरकार ने हमारी मांगों को नहीं माना तो आने वाले समय में सभी छात्र सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे. जिसकी पूरी जवाबदेही सरकार की होगी.
पीएम ने कहा था - तनाव भरे माहौल में छात्रों पर दबाव नहीं डाल सकते
बताते चलें कि कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कारण साल 2021 में 2020 की तरह ही स्कूलों के साथ ही कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई लिखाई बाधित हुई है. ऐसे में अब स्टूडेंट यूनियनों की ओर से मांग उठने लगी है कि विश्वविद्यालयों (University) की परीक्षाओं में भी छात्रों को प्रमोट किया जाए.
कोरोना की दूसरी लहर के कहर को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 1 जून को सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा (CBSE Board Class XII) को रद्द करने का फैसला लिया था. तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि ऐसे तनाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने को लेकर दबाव नहीं डाला जाना चाहिए.