पटना: कोरोना संक्रमण काल में आम से लेकर खास लोगों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है. ऐसे में ऐपवा ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कर्ज माफ करने की मांग की है. ऐपवा राज्य सचिव मीना तिवारी ने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में कई कंपनियों का कर्ज माफ कर दिया. तो फिर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कर्ज माफ क्यों नहीं कर रही है. लॉकडाउन के कारण कामकाज ठप है. महिलाएं काफी परेशान है लेकिन सरकार ने उनके लिए कुछ भी नहीं किया.
ऐपवा राज्य सचिव मीना तिवारी ने कहा कि जीविका समूह में कार्य करने वाली महिलाओं का मानदेय काफी कम है. बावजूद सरकार बढ़ाना उचित नहीं समझा. ऐसे हालात में काफी मुश्किल से स्वयं सहायता समूह और जीविका की महिलाएं अपना घर परिवार चला रही हैं. इनकी समस्याओं को लेकर ऐपवा 10 जुलाई को जिला मुख्यालयों पर जाकर जिलाधिकारी को मांग पत्र सौंपेंगी. उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए.
मानदेय बढ़ाने की मांग
मीना तिवारी ने सरकार के समक्ष मांग रखते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कर्ज माफ करना चाहिए. इसके साथ ही हर समूह को उसकी क्षमता के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराएं या क्लस्टर का निर्माण करवाये. जीविका कार्यकर्ताओं का न्यूनतम 15 हजार मासिक मानदेय दिया जाए. ऐपवा सचिव ने कहा कि स्वयं सहायता समूह को उत्पादन साधन उपलब्ध कराकर उनके उत्पादों की खरीद सरकार सुनिश्चित करे. इन सारी मांगों को लेकर 10 जुलाई को सभी जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा.