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सभी छोटे कर्ज की वसूली पर 31 मार्च तक रोक लगाए सरकार - ऐपवा

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Published : Aug 13, 2020, 6:15 PM IST

भाकपा (माले) नेता जंगी यादव ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मार्च 2021 तक सभी तरह के कर्जों को माफ किया जाए.

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दरभंगा: जिले में ऐपवा और स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया. इस मौके पर ऐपवा नेता मंजू देवी ने कहा कि कर्जमाफी की मांग को पिछले तीन महीने से ऐपवा उठा रही हैं. रिजर्व बैंक ने निर्देश जारी किया कि 31 अगस्त तक कर्ज वसूली पर रोक रहेगी, लेकिन इस दौर में भी माइक्रो फायनांस संस्थान और प्राइवेट बैंक कर्ज के किस्त वसूल रहे है.

प्रदर्शनकारियों की मांग:

  • सभी छोटे कर्जों की वसूली पर 31 मार्च 2021 तक रोक लगाने
  • स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाओं के सामूहिक कर्ज माफ करने
  • स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार और उनके उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने
  • एक लाख रुपये तक के कर्ज को ब्याज मुक्त बनाने, शिक्षा लोन को ब्याज मुक्त करने
  • सामूहिक कर्ज के नियमन के लिए राज्य स्तर पर एक ऑथोरिटी बनाने
  • स्वरोजगार के लिए 10लाख रुपये तक के कर्ज पर 0-4% ब्याज दर पर करने
  • जिस छोटे कर्ज का ब्याज मूलधन के बराबर या उससे अधिक दे दिया गया हो उस कर्ज को समाप्त करने की मांग

बैंक वाले किस्त के लिए करते हैं परेशान
ऐपवा नेता मंजू देवी ने कहा कि लॉकडाउन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. छोटे रोजगार, काम धंधे बंद हैं, लेकिन फिर भी प्राइवेट बैंक वाले किस्त के लिए परेशान करते हैं, जो हम तमाम महिलाएं लॉकडाउन की स्थिति में बर्दास्त नहीं करेंगे.

स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाओ का कर्ज माफ करें सरकार
वहीं, भाकपा (माले) नेता जंगी यादव ने कहा कि 15 अगस्त को हम अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति का जश्न मनाते हैं. लेकिन, अब हम नए किस्म के महाजनों के गुलाम बन गए हैं. पूंजीपती अगर अपने कर्ज नहीं चुका पाते हैं तो सरकार अपने खजाने से भर देती है. लेकिन आम लोग जो हमेशा अपना कर्ज चुकता करते हैं, उन्हें सरकार संकट के समय मे भी मदद नहीं करती है.

दरभंगा: जिले में ऐपवा और स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया. इस मौके पर ऐपवा नेता मंजू देवी ने कहा कि कर्जमाफी की मांग को पिछले तीन महीने से ऐपवा उठा रही हैं. रिजर्व बैंक ने निर्देश जारी किया कि 31 अगस्त तक कर्ज वसूली पर रोक रहेगी, लेकिन इस दौर में भी माइक्रो फायनांस संस्थान और प्राइवेट बैंक कर्ज के किस्त वसूल रहे है.

प्रदर्शनकारियों की मांग:

  • सभी छोटे कर्जों की वसूली पर 31 मार्च 2021 तक रोक लगाने
  • स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाओं के सामूहिक कर्ज माफ करने
  • स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार और उनके उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने
  • एक लाख रुपये तक के कर्ज को ब्याज मुक्त बनाने, शिक्षा लोन को ब्याज मुक्त करने
  • सामूहिक कर्ज के नियमन के लिए राज्य स्तर पर एक ऑथोरिटी बनाने
  • स्वरोजगार के लिए 10लाख रुपये तक के कर्ज पर 0-4% ब्याज दर पर करने
  • जिस छोटे कर्ज का ब्याज मूलधन के बराबर या उससे अधिक दे दिया गया हो उस कर्ज को समाप्त करने की मांग

बैंक वाले किस्त के लिए करते हैं परेशान
ऐपवा नेता मंजू देवी ने कहा कि लॉकडाउन पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. छोटे रोजगार, काम धंधे बंद हैं, लेकिन फिर भी प्राइवेट बैंक वाले किस्त के लिए परेशान करते हैं, जो हम तमाम महिलाएं लॉकडाउन की स्थिति में बर्दास्त नहीं करेंगे.

स्वयं सहायता समूह से जुड़ी सभी महिलाओ का कर्ज माफ करें सरकार
वहीं, भाकपा (माले) नेता जंगी यादव ने कहा कि 15 अगस्त को हम अंग्रेजों की गुलामी से मुक्ति का जश्न मनाते हैं. लेकिन, अब हम नए किस्म के महाजनों के गुलाम बन गए हैं. पूंजीपती अगर अपने कर्ज नहीं चुका पाते हैं तो सरकार अपने खजाने से भर देती है. लेकिन आम लोग जो हमेशा अपना कर्ज चुकता करते हैं, उन्हें सरकार संकट के समय मे भी मदद नहीं करती है.

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