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AIIMS Patna ने दी फाइटोरिलीफ दवा को मंजूरी, सेवन से 100 कोरोना मरीज हुए स्वस्थ

एम्स पटना के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. योगेश ने कहा कि फाइटोरिलीफ दवा से कोरोना के 100 मरीज ठीक हुए हैं. यह खांसी, सर्दी और फ्लू का कारण बनने वाले वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा को 4 गुना तक बढ़ाने में प्रभावी है.

Phytorelief medicine
फाइटोरिलीफ दवा
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Published : Jun 10, 2021, 8:16 PM IST

पटना: एम्स पटना ने फाइटोरिलीफ (Phytorelief) दवा को मंजूरी दे दी है. इसके इस्तेमाल से कोरोना के मरीज स्वस्थ हुए हैं. इससे मरीजों को काफी लाभ मिला है. पटना एम्स के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट और एडिशनल प्रोफेसर डॉ. योगेश ने कहा, "रिसर्च में पता चला कि फाइटोरिलीफ दवा इम्यूनिटी बढ़ाता है. इससे कोरोना मरीजों को जल्द रिकवर करने में मदद मिलती है."

यह भी पढ़ें- रामदेव का यू-टर्न: 'डॉक्टर धरती के भगवान, जल्द लगवाऊंगा वैक्सीन'

डॉ योगेश ने कहा, "शुरुआती दौर में बिना किसी साइड इफेक्ट के यह दवा कारगर साबित हुई है. इसलिए हमने इसे कोरोना के इलाज लिए मंजूरी दी है. एल्कैम लाइफ कंपनी ने इसे बनाया है. यह दवा एक नेचुरल एंटीवायरल है. यह कोरोना के हल्के और शुरुआती लक्षणों को ठीक करने में कारगर है."

100 मरीजों को दी गई दवा
डॉ. योगेश ने कहा, "एम्स में करीब 100 मरीजों को यह दवा दी गई, जिनमें कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षण थे. 10 दिन बाद जब मरीजों का टेस्ट किया गया तो उनका रिपोर्ट नेगेटिव आया. सभी मरीज जिन्हें बुखार, खांसी या गले में दर्द की परेशानी थी वे इस दवा के सेवन से ठीक हो गए. फाइटोरिलीफ चूसने वाली दवा है."

चार गुना बढ़ जाती है रोग से लड़ने की ताकत
"फाइटोरिलीफ में हल्दी के करक्यूमिनोइड्स फाइटोएक्टिविट्स, अनार के एलाजिक एसिड, अदरक के जिंजोरल और शोगोल को मिलाया गया है. फाइटोरिलीफ को US और UE पेटेंट मिला है. विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि यह खांसी, सर्दी और फ्लू का कारण बनने वाले वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा को 4 गुना तक बढ़ाने में प्रभावी है."- डॉ. योगेश, डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट, एम्स पटना

यह भी पढ़ें- CM नीतीश की अपील- 'मास्क लगाएं और 2 गज की दूरी बनाए रखें'

पटना: एम्स पटना ने फाइटोरिलीफ (Phytorelief) दवा को मंजूरी दे दी है. इसके इस्तेमाल से कोरोना के मरीज स्वस्थ हुए हैं. इससे मरीजों को काफी लाभ मिला है. पटना एम्स के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट और एडिशनल प्रोफेसर डॉ. योगेश ने कहा, "रिसर्च में पता चला कि फाइटोरिलीफ दवा इम्यूनिटी बढ़ाता है. इससे कोरोना मरीजों को जल्द रिकवर करने में मदद मिलती है."

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डॉ योगेश ने कहा, "शुरुआती दौर में बिना किसी साइड इफेक्ट के यह दवा कारगर साबित हुई है. इसलिए हमने इसे कोरोना के इलाज लिए मंजूरी दी है. एल्कैम लाइफ कंपनी ने इसे बनाया है. यह दवा एक नेचुरल एंटीवायरल है. यह कोरोना के हल्के और शुरुआती लक्षणों को ठीक करने में कारगर है."

100 मरीजों को दी गई दवा
डॉ. योगेश ने कहा, "एम्स में करीब 100 मरीजों को यह दवा दी गई, जिनमें कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षण थे. 10 दिन बाद जब मरीजों का टेस्ट किया गया तो उनका रिपोर्ट नेगेटिव आया. सभी मरीज जिन्हें बुखार, खांसी या गले में दर्द की परेशानी थी वे इस दवा के सेवन से ठीक हो गए. फाइटोरिलीफ चूसने वाली दवा है."

चार गुना बढ़ जाती है रोग से लड़ने की ताकत
"फाइटोरिलीफ में हल्दी के करक्यूमिनोइड्स फाइटोएक्टिविट्स, अनार के एलाजिक एसिड, अदरक के जिंजोरल और शोगोल को मिलाया गया है. फाइटोरिलीफ को US और UE पेटेंट मिला है. विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि यह खांसी, सर्दी और फ्लू का कारण बनने वाले वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा को 4 गुना तक बढ़ाने में प्रभावी है."- डॉ. योगेश, डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट, एम्स पटना

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