पटना: जिले में शुक्रवार को एम्स पटना में ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया. इसमें विशेष रूप से महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने और उपचार के बारे में जागरूक किया गया. निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पिछले वर्षों में यह लगातार बढ़ रही है. यह कार्यक्रम ‘गीव होप सेव लाईफ’ की थीम पर आधारित थी.
ब्रेस्ट कैंसर जागरुकता अभियान का आयोजन
इस अयोजन का मुख्य उद्देश्य यह था कि सभी को स्वास्थ्य देखभाल संसाधनों के समुचित उपयोग के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक अवस्था मे पहचान करके उचित समन्वय के साथ मिलकर काम करना है. एम्स पटना के डायरेक्टर डॉ प्रभात कुमार सिंह ने कहा कि कैंसर मामले का पहले ही पता लगाने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों के विभिन्न विभागों और स्क्रीनिंग सुविधाओ के समन्वय के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा की दुनियाभर में कैंसर के मामलों को कम करने के लिए कैंसर और उसके कारणों के प्रति लोगों को जागरूक किए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, जिससे वे इस बीमारी, इसके लक्षणों और इसके भयावह खतरे के प्रति जागरूक रहें.
एकजुट होकर समन्वय के साथ करें काम
एम्स निदेशक ने कहा की कैंसर के करीब दो तिहाई मामलों का बहुत देर से पता चलता है और कई बार तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. इसी उद्देश्य से दुनियाभर में लोगों को कैंसर होने के संभावित कारणों के प्रति जागरूक करने, प्राथमिक स्तर पर कैंसर की पहचान करने और इसके शीघ्र निदान और रोकथाम के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सबको एकजुट होकर समन्वय के साथ काम करना होगा.
शल्य चिकित्सा के विभिन्न तरीकों के महत्व को बताया
रेडियोलोजी विभाग एम्स पटना की डॉ उपसना सिंह ने कहा कि कैंसर की रोगियों की प्ररंभिक पहचान आमतौर पर यथाशिघ्र जांच कराने जैसे की मैमोग्राम, अल्ट्रासाउंड परीक्षण पर ध्यान केन्द्रित करके सफल उपचार की संभावना को बढ़ता है. इस अवसर पर एम्स पटना के ब्रेस्ट और इंडोक्राइन सर्जन डॉ चन्दन कुमार झा ने उपचार के शल्य चिकित्सा के विभिन्न तरीकों के महत्व पर प्रकाश डाला. वहीं एम्स पटना के पलास्टिक सर्जरी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ वीणा सिंह ने कैंसर रोगियों के उपचार के लिए इस महत्व पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार पूर्ण संरचानत्मक सर्जरी रोगियों को मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य प्रदान करती है.
मरीजों की देखभाल के बारे में जानकारी
एम्स पटना की रेडियोथेरेपी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीतांजली सिंह ने कहा कि रेडियोथेरेपी ब्रेस्ट कैंसर के प्रबंधन में महत्वपूर्ण घटकों में से एक है. एम्स पटना मेडिकल ऑन्कोलोजिस्ट डॉ अविनाष पांडेय ने ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों पर किमोथेरेपी, हारमोनलथेरेपी और टारगेटेडथेरेपी इत्यादि के उपयोग और महत्व पर प्रकाश डाला है. एम्स की भौतिक चिकित्सा विभाग की डॉ. रीना श्रीवास्तव ने उपचार के दौरान और बाद में रोगियों के उचित देखभाल के बारे में बताया.