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NMC बिल के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए डॉक्टर, चिकित्सा व्यवस्था ठप - पटना एम्स

इस हड़ताल में पटना एम्स के डॉक्टरों के साथ-साथ आईजीआईएमएस, पीएमसीएच और दरभंगा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने भी हड़ताल कर दिया है और शाम तक सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों की भी हड़ताल पर जाने की संभावना है.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर एम्स के डॉक्टर
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Published : Aug 2, 2019, 1:01 PM IST

पटना: लोकसभा में पारित नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) बिल के पास होने के बाद से डॉक्टरों का विरोध लगातार जारी है. इस बिल के विरोध में एक बड़ा फैसला लेते हुए पटना एम्स के सभी डॉक्टर गुरुवार की शाम 5 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं और बिल वापस लेने तक हड़ताल खत्म नहीं करने की बात कह रहे हैं.

एनएमसी बिल में है कई खामियां
लोकसभा में पारित एनएमसी बिल में कई खामियां है जिसको लेकर डॉक्टर नाराज हैं. उनका कहना है कि जिस दिन से ये बिल पारित हुआ है, उसी दिन से देशभर के डॉक्टर इसके विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले देशभर में इस बिल की प्रति जलाकर विरोध किया गया. उसके बाद आईएमए के आह्वान पर एक दिन का सांकेतिक हड़ताल किया गया. इसके बावजूद केंद्र सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंगी. लिहाजा अब बड़ा कदम उठाते हुए पटना एम्स के डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. जिसके बाद गुरुवार की शाम 5 बजे से एम्स के जूनियर, सीनियर और रेजिडेंट डॉक्टर सभी स्ट्राइक पर हैं.

aims doctor strike
एनएमसी बिल का विरोध

क्या कहते हैं डॉक्टर
इस हड़ताल से पटना एम्स की सारी सेवाएं गुरुवार से पूरी तरह से ठप हो गई हैं. डॉ विनय ने बताया कि हमने सरकार को हर तरह से मनाने की कोशिश की. लेकिन सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए डॉक्टरों के खिलाफ अपनी मनमानी चला रही है. डॉक्टरों का कहना है कि बिल के मुताबिक अब ऐसे लोग जिन्हें मेडिकल की जानकारी नहीं है वो भी 6 महीने का ब्रिज कोर्स कर हम एमबीबीएस डॉक्टरों की श्रेणी में आ जाएंगे. इसके अलावा बिल के मुताबिक निजी मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत बहाली का आदेश हो गया है. साथ ही नेक्स्ट की परीक्षा भी ली जाएगी जो डॉक्टरों के साथ सरासर अन्याय है.

एनएमसी बिल का विरोध

यह है मांग
उनकी मांग है कि नेक्स्ट की परीक्षा हटाई जाय और पीजी के लिए जैसे एक परीक्षा ली जाती थी वैसे ही परीक्षा ली जाय. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार बिल में मौजूद इन सारी खामियों को हटा दें, तो हम सारे डॉक्टर हड़ताल खत्म कर देंगे, अन्यथा हड़ताल जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में पटना एम्स के डॉक्टरों के साथ-साथ आईजीआईएमएस, पीएमसीएच और दरभंगा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने भी हड़ताल कर दिया है और शाम तक सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों की भी हड़ताल पर जाने की संभावना है. इसकी वजह से शाम होते-होते ही बिहार में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने की संभावना है. यानि मरीजों का हाल बेहाल होने वाला है. पटना एम्स में तो कल शाम से ही सारी चिकित्सकीय व्यवस्था ठप पड़ी हुई है.

पटना: लोकसभा में पारित नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) बिल के पास होने के बाद से डॉक्टरों का विरोध लगातार जारी है. इस बिल के विरोध में एक बड़ा फैसला लेते हुए पटना एम्स के सभी डॉक्टर गुरुवार की शाम 5 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं और बिल वापस लेने तक हड़ताल खत्म नहीं करने की बात कह रहे हैं.

एनएमसी बिल में है कई खामियां
लोकसभा में पारित एनएमसी बिल में कई खामियां है जिसको लेकर डॉक्टर नाराज हैं. उनका कहना है कि जिस दिन से ये बिल पारित हुआ है, उसी दिन से देशभर के डॉक्टर इसके विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले देशभर में इस बिल की प्रति जलाकर विरोध किया गया. उसके बाद आईएमए के आह्वान पर एक दिन का सांकेतिक हड़ताल किया गया. इसके बावजूद केंद्र सरकार की कान पर जूं तक नहीं रेंगी. लिहाजा अब बड़ा कदम उठाते हुए पटना एम्स के डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है. जिसके बाद गुरुवार की शाम 5 बजे से एम्स के जूनियर, सीनियर और रेजिडेंट डॉक्टर सभी स्ट्राइक पर हैं.

aims doctor strike
एनएमसी बिल का विरोध

क्या कहते हैं डॉक्टर
इस हड़ताल से पटना एम्स की सारी सेवाएं गुरुवार से पूरी तरह से ठप हो गई हैं. डॉ विनय ने बताया कि हमने सरकार को हर तरह से मनाने की कोशिश की. लेकिन सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए डॉक्टरों के खिलाफ अपनी मनमानी चला रही है. डॉक्टरों का कहना है कि बिल के मुताबिक अब ऐसे लोग जिन्हें मेडिकल की जानकारी नहीं है वो भी 6 महीने का ब्रिज कोर्स कर हम एमबीबीएस डॉक्टरों की श्रेणी में आ जाएंगे. इसके अलावा बिल के मुताबिक निजी मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत बहाली का आदेश हो गया है. साथ ही नेक्स्ट की परीक्षा भी ली जाएगी जो डॉक्टरों के साथ सरासर अन्याय है.

एनएमसी बिल का विरोध

यह है मांग
उनकी मांग है कि नेक्स्ट की परीक्षा हटाई जाय और पीजी के लिए जैसे एक परीक्षा ली जाती थी वैसे ही परीक्षा ली जाय. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार बिल में मौजूद इन सारी खामियों को हटा दें, तो हम सारे डॉक्टर हड़ताल खत्म कर देंगे, अन्यथा हड़ताल जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में पटना एम्स के डॉक्टरों के साथ-साथ आईजीआईएमएस, पीएमसीएच और दरभंगा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने भी हड़ताल कर दिया है और शाम तक सभी मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों की भी हड़ताल पर जाने की संभावना है. इसकी वजह से शाम होते-होते ही बिहार में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने की संभावना है. यानि मरीजों का हाल बेहाल होने वाला है. पटना एम्स में तो कल शाम से ही सारी चिकित्सकीय व्यवस्था ठप पड़ी हुई है.

Intro:लोकसभा में पारित नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) बिल के पास होने के बाद से डॉक्टरों का विरोध लगातार जारी है। इस बिल के विरोध में एक बड़ा फैसला लेते हुए पटना एम्स के सभी डॉक्टर गुरुवार की शाम 5 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है और बिल वापस लेने तक हड़ताल नही खत्म करने की बात कह रहे है।


Body:लोकसभा में पारित एनएमसी बिल में कई खामियां है जिसको लेकर डॉक्टर नाराज है,ये कहना है पटना एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विनय का। उनका कहना है कि जिस दिन से ये बिल पारित हुआ है उसी दिन से देश भर के डॉक्टर इसके विरोध में आंदोलन कर रहे है। उन्होंने बताया कि पहले देश भर में इस बिल की प्रति जलाकर बिल का विरोध किया गया फिर आईएमए के आह्वान पर एक दिन का सांकेतिक हड़ताल किया गया बावजूद इसके केंद्र सरकार के कान पर जूं तक नही रेंगी लिहाजा अब बड़ा कदम उठाते हुए पटना एम्स के डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है और गुरुवार की शाम 5 बजे से एम्स के जूनियर ,सीनियर और रेजिडेंट डॉक्टर सभी स्ट्राइक पर है ,पटना एम्स की सारी सेवाएं कल से पूरी तरह से ठप है। डॉ विनय ने बताया कि हम ने सरकार को हर तरह से मनाने की कोशिश की पर ये सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए डॉक्टरों के खिलाफ अपनी मनमानी चला रही है।


Conclusion:डॉक्टरों का कहना है कि इस बिल में कई खामियां है। उनका कहना है कि बिल के मुताबिक अब ऐसे लोग जिन्हें मेडिकल की जानकारी नही है वो भी 6 महीने का ब्रिज कोर्स कर हम एमबीबीएस डॉक्टरों की श्रेणी में आ जाएंगे। इसके अलावा बिल के मुताबिक निजी मेडिकल कॉलेजों को 50 प्रतिशत बहाली के आदेश हो गया है । साथ ही नेक्स्ट की परीक्षा भी ली जाएगी जो डॉक्टरों के साथ सरासर अन्याय है। उनकी मांग है कि नेक्स्ट की परीक्षा हटाई जाय और पीजी के लिए जैसे एक परीक्षा ली जाती थी वैसे ही ली जाय। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार बिल में मौजूद इन सारी खामियों को हटा दे हम सारे डॉक्टर हड़ताल खत्म कर देंगे। अन्यथा हड़ताल जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि इस हड़ताल में पटना एम्स के डॉक्टरों के साथ साथ आइजीआइएमएस,पीएमसीएच और दरभंगा मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ने भी हड़ताल कर दिया है और शाम तक सभी मेडिकल कॉलेजो के डॉक्टरों की भी हड़ताल पर जाने की संभावना है। मतलब शाम होते होते बिहार में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने की संभावना है यानि मरीजो का हाल बेहाल होने वाला है। पटना एम्स में तो कल शाम से ही सारी चिकित्सकीय व्यवस्था ठप पड़ी हुई है मरीज आकर लौट रहे है।
बाइट - डॉ विनय - अध्यक्ष - रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन

कुणाल सिंह....ईटीवी भारत...पटना
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