पटनाः बिहार सरकार के कृषि मंत्री सर्वजीत कुमार (Agriculture Minister Sarvjit Kumar) ने राज्य में खाद की समस्या (Fertilizers Crisis In Bihar) के लिए केंद्र को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि बिहार में जितनी खाद की जरूरत है, उतना ससमय केंद्र से नहीं मिलता है. खाद की जरूरत अभी है तो जनवरी में देने की बात कही जा रही है. मैं बोलता हूं तो बीजेपी के लोगों को मिरचा लगता है. किसानों को खाद दीजिए. समय पर मिल जाये तो कालाबजारी क्यों होगी. ये बातें कृषि मंत्री ने राजद कार्यालय में जनसुनवाई कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करने के दौरान कही.
ये भी पढ़ें-कृषि मंत्री का दावा-राज्य में इस बार बीज खाद की नहीं होगी परेशानी
"बिहार में जितनी खाद की जरूरत है, उतना ससमय केंद्र से नहीं मिलता है. और मैं जब बोलता हूं तो मिरचा लगता है. मिरचा लगाने का काम नहीं है. किसानों को खाद दीजिए. समय पर मिल जाये तो कालाबजारी क्यों होगी. किसान घरों में गैस सिलेंडर का भी उपयोग करते हैं. उसकी किल्लत तो नहीं होती है क्योंकि डिमांड के अनुरूप सप्लाई मिल रहा है. आज के समय जितनी खाद की जरूरत है, उसका आधा ही मिलता है."-सर्वजीत कुमार, कृषि मंत्री
पहले आओ-पहले पाओ के तहत बीज का वितरणः बिहार में खाद-बीज के किल्लत के मसले पर कृषि मंत्री सर्वजीत कुमान ने कहा कि जहां तक बीज वितरण की बात है, विभाग द्वारा पहले आओ-पहले पाओ के नियम के अनुसार किसानों के बीज का वितरण हो रहा है. जहां तक गेंहू के बीज की बात है उसकी कमी थी. जिसको लेकर विभाग की ओर से व्यवस्था किया गया है और किसानों को प्रखंड स्तर पर बंटवारा किया जा रहा है.
खाद की जरूरत अभी है, जनवरी में आपूर्ति की बातः उन्होंने आरोप लगाया की केंद्र सरकार की ओर से कोटे के हिसाब से बिहार को खाद नहीं दिया जा रहा है. इसीलिए बिहार में खाद की किल्लत हो रही है. उन्होंने कहा की यूरिया को जरूरत अभी है. केंद्र सरकार उसे जनवरी में भेजने को बात कर रही है. आपही बताइए हम कैसे किसानों को खाद देंगे.
शिकायतों का समाधान नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाईः कृषि मंत्री ने कहा कि जनसुनवाई के दौरान आमलोगों की समस्या और शिकायतों को सुना जाता है. शिकायतों के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को फोन किया है. उम्मीद है कि जो समस्या लेकर राजद कार्यालय में लोग पहुंच रहे हैं, उसका समाधान होगा. हमने अधिकारियों को फोन किया है और अगर अधिकारी इसको लेकर कार्रवाई नहीं करते हैं तो यह गंभीर मामला है. ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जायेगी.