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Kisan Pathashala : जैविक खाद के स्टाल पर किसानों की भीड़, यूरिया का विकल्प बनी Organic खाद

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Published : Feb 12, 2023, 5:32 PM IST

पटना में बिहार एग्रो मेला में (Kisan Pathashala In Patna) किसान पाठशाला का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें जैविक खेती को बढ़ावा देने को लेकर कृषि विभाग किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है. जिससे जैविक खाद की बिक्री खूब हो रही है. खाद ब्रिकी केंद्र में बड़ी संख्या में किसान जैविक खाद खरीद रहे हैं. पढे़ं पूरी खबर..

एग्रो बिहार मेला
एग्रो बिहार मेला
पटना में एग्रो मेला का आयोजन

पटना: केंद्र और बिहार सरकार जैविक खेती को बढ़ावा (Organic Farming In Bihar) देने के लिए किसानों को सहायता कर गंगा किनारे जैविक कोरिडोर बना रही है. वहीं बिहार सरकार पटना के गांधी मैदान में एग्रो बिहार मेला (Agro Bihar Fair In Patna) लगाया गया है. उसमें जैविक खेती को बढ़ावा देने को लेकर किसानों को जागरूक करने के लिए कई स्टॉल लगाए गए हैं. एग्रो बिहार मेला में जैविक खाद का जो स्टाल लगा है, वह किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है. जहां बड़ी संख्या में किसान जैविक खाद की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- नवादा कृषि विभाग ने किया कार्य बहिष्कार करने का एलान, SDM को निलंबित करने कि मांग

एग्रो बिहार मेला में जैविक खाद की बिक्री : किसानों का भी मानना है कि जैविक खाद से खेती करना बेहतर होगा. किसानों को जो आए दिन खाद की किल्लत से जूझना पड़ता है. जैविक खाद उन कमी को पूरा करेगी. एग्रो बिहार मेला में जैविक खाद के काउंटर लगाकर बिक्री करने वाले प्रियंका भारती का कहना है कि जैविक खाद से खेती करना बेहतर रहती है. जब उनसे पूछा गया जैविक खाद यूरिया की कमी की पूरा करती है तो उन्होंने कहा कि इस खाद का प्रयोग कर अपनी उपज ज्यादा बढ़ा सकते हैं. भागलपुर से आए किसान विशेश्वर कुमार का कहना है कि हम लोग जैविक खाद का प्रयोग करना शुरू कर दिए हैं.

"इस मेले में पहुंचे थे. हमने खरीदारी की है जैविक खाद कुछ महंगा जरूर है. लेकिन यूरिया, डीएपी जो हम लोगों को अलग-अलग देना होता है, यह एक ही खाद से काम चल जाता है. पूरे बिहार में अगर इस तरह का जैविक खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगा तो कभी भी किसानों को खाद की किल्लत नहीं होगी." - विशेश्वर कुमार, किसान

"हमारे इलाके में भी लोग जैविक खाद का काफी उपयोग कर रहे हैं और फसल अच्छी भी हो रही है. इसीलिए जैविक खाद अगर मिल रहा है तो वह बहुत अच्छा है. किसान को कभी भी खाद की किल्लत इससे नहीं होगी और फसल को जो पोषण चाहिए, वह इस जैविक खाद से मिल जाती है." - पवन कुमार, किसान

किसान पाठशाला का आयोजन : कुल मिलाकर देखें तो जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जो योजना बनाया है, उस को आगे बढ़ाने के लिए जैविक खाद को प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है. इस बार एग्रो बिहार मेला में बड़ी संख्या में जैविक खाद के काउंटर लगाए गए हैं. किसान भी जैविक खाद की खरीदारी खूब कर रहे हैं. आने वाले समय में किसान को अगर जैविक खाद के उपयोग करने से फसल अच्छी होगी तो वो जैविक खाद की ही उपयोग करेंगे. जिससे जो खाद की किल्लत रहती है उसे यह जैविक खाद पूरा कर सकती है.

पटना में एग्रो बिहार मेला का आयोजन : गौरतलब है कि राजधानी पटना के गांधी मैदान में कृषि विभाग द्वारा एग्रो बिहार मेला का आयोजन किया जा रहा है. 12 फरवरी तक यह मेला चलेगा.इस मेले की खासियत यह है कि विभाग द्वारा किसान पाठशाला भी लगाया गया है. जिसमें सूबे के विभिन्न जिलों से किसान इसमें शामिल हो रहे हैं. किसानों को फसलों की उपज कैसे बढ़े, फसलों को वह कैसे लगाएं जिससे अधिक फसल उपज हौ, किस तरह उसको मेंटेन रखें, इसकी जानकारी किसान पाठशाला में दी जा रही है.

पटना में एग्रो मेला का आयोजन

पटना: केंद्र और बिहार सरकार जैविक खेती को बढ़ावा (Organic Farming In Bihar) देने के लिए किसानों को सहायता कर गंगा किनारे जैविक कोरिडोर बना रही है. वहीं बिहार सरकार पटना के गांधी मैदान में एग्रो बिहार मेला (Agro Bihar Fair In Patna) लगाया गया है. उसमें जैविक खेती को बढ़ावा देने को लेकर किसानों को जागरूक करने के लिए कई स्टॉल लगाए गए हैं. एग्रो बिहार मेला में जैविक खाद का जो स्टाल लगा है, वह किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बिंदु बन गया है. जहां बड़ी संख्या में किसान जैविक खाद की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- नवादा कृषि विभाग ने किया कार्य बहिष्कार करने का एलान, SDM को निलंबित करने कि मांग

एग्रो बिहार मेला में जैविक खाद की बिक्री : किसानों का भी मानना है कि जैविक खाद से खेती करना बेहतर होगा. किसानों को जो आए दिन खाद की किल्लत से जूझना पड़ता है. जैविक खाद उन कमी को पूरा करेगी. एग्रो बिहार मेला में जैविक खाद के काउंटर लगाकर बिक्री करने वाले प्रियंका भारती का कहना है कि जैविक खाद से खेती करना बेहतर रहती है. जब उनसे पूछा गया जैविक खाद यूरिया की कमी की पूरा करती है तो उन्होंने कहा कि इस खाद का प्रयोग कर अपनी उपज ज्यादा बढ़ा सकते हैं. भागलपुर से आए किसान विशेश्वर कुमार का कहना है कि हम लोग जैविक खाद का प्रयोग करना शुरू कर दिए हैं.

"इस मेले में पहुंचे थे. हमने खरीदारी की है जैविक खाद कुछ महंगा जरूर है. लेकिन यूरिया, डीएपी जो हम लोगों को अलग-अलग देना होता है, यह एक ही खाद से काम चल जाता है. पूरे बिहार में अगर इस तरह का जैविक खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगा तो कभी भी किसानों को खाद की किल्लत नहीं होगी." - विशेश्वर कुमार, किसान

"हमारे इलाके में भी लोग जैविक खाद का काफी उपयोग कर रहे हैं और फसल अच्छी भी हो रही है. इसीलिए जैविक खाद अगर मिल रहा है तो वह बहुत अच्छा है. किसान को कभी भी खाद की किल्लत इससे नहीं होगी और फसल को जो पोषण चाहिए, वह इस जैविक खाद से मिल जाती है." - पवन कुमार, किसान

किसान पाठशाला का आयोजन : कुल मिलाकर देखें तो जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जो योजना बनाया है, उस को आगे बढ़ाने के लिए जैविक खाद को प्रचारित-प्रसारित किया जा रहा है. इस बार एग्रो बिहार मेला में बड़ी संख्या में जैविक खाद के काउंटर लगाए गए हैं. किसान भी जैविक खाद की खरीदारी खूब कर रहे हैं. आने वाले समय में किसान को अगर जैविक खाद के उपयोग करने से फसल अच्छी होगी तो वो जैविक खाद की ही उपयोग करेंगे. जिससे जो खाद की किल्लत रहती है उसे यह जैविक खाद पूरा कर सकती है.

पटना में एग्रो बिहार मेला का आयोजन : गौरतलब है कि राजधानी पटना के गांधी मैदान में कृषि विभाग द्वारा एग्रो बिहार मेला का आयोजन किया जा रहा है. 12 फरवरी तक यह मेला चलेगा.इस मेले की खासियत यह है कि विभाग द्वारा किसान पाठशाला भी लगाया गया है. जिसमें सूबे के विभिन्न जिलों से किसान इसमें शामिल हो रहे हैं. किसानों को फसलों की उपज कैसे बढ़े, फसलों को वह कैसे लगाएं जिससे अधिक फसल उपज हौ, किस तरह उसको मेंटेन रखें, इसकी जानकारी किसान पाठशाला में दी जा रही है.

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