पटना: बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं. भाजपा ने बेशक बढ़िया परफॉर्म किया और पार्टी के खाते में 74 विधानसभा सीटें आईं, लेकिन पार्टी नेता इतने से संतुष्ट नहीं हैं. कमजोर कड़ी की पहचान कर कमी को दूर करने की कोशिश शुरू हो गई है.
शाहबाद क्षेत्र एनडीए के लिए मजबूत किला माना जाता था. यहां भाजपा की पैठ गहरी थी. ज्यादातर सीटों पर भाजपा चुनाव जीतती आ रही थी, लेकिन इस बार पूरे शाहाबाद इलाके से एनडीए का सूपड़ा साफ हो गया. आरा सदर सीट से सिर्फ अमरेंद्र प्रताप सिंह चुनाव जीतने में सफल रहे.
शाहाबाद में पिछड़ गई भाजपा
इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा अपने पारंपरिक सीटों पर भी शाहाबाद इलाके में पिछड़ गई. बक्सर सीट लगातार दूसरी बार कांग्रेस के खाते में गई. वहीं, सासाराम सीट भी दूसरी बार महागठबंधन के खाते में चली गई. दोनों सीटों पर लंबे समय से भाजपा का कब्जा था.
शाहाबाद में मिली हार पर भाजपा के अंदर मंथन का दौर शुरू हो गया है. कमजोर कड़ी को पहचान कर कमी को दूर करने की कोशिश शुरू हो गई है. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कमान संभाल लिया है. वह शाहबाद इलाके का दौरा कर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. प्रदेश स्तर पर भी भविष्य में शीघ्र बैठक कर कमी को दूर किए जाने की योजना है.