ETV Bharat / state

सताने लगा लॉकडाउन का डर, घर लौटने लगे प्रवासी बिहारी - Migrant Workers At Patna Junction

कोरोना की तीसरी लहर में लोगों को लॉकडाउन का डर सताने लगा है. देश के करीब-करीब सभी हिस्सों में संक्रमितों (Corona In India) की संख्या बढ़ने के बाद बिहार के प्रवासी श्रमिक अब वापस अपने प्रदेश लौटने लगे हैं. लेकिन अभी से उन्हें रोजी रोटी की समस्या सताने लगी है. पढ़िए पूरी खबर..

Migrant Workers Are Returning To Bihar
Migrant Workers Are Returning To Bihar
author img

By

Published : Jan 6, 2022, 5:42 PM IST

पटना: कोरोना की तीसरी लहर ( Third Wave Of Corona Bihar) शुरू होते ही बिहार से बाहर काम कर रहे प्रवासी सहम गए हैं. दूसरी लहर के कटु अनुभव और लौटने में हुई परेशानियों को वे भूल नहीं पाये हैं. यही कारण कि, प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन (Migrant Workers Are Returning To Bihar) के डर से धीरे-धीरे अपने घर लौटने लगे हैं. पटना जंक्शन पर लौटे प्रवासियों में ज्यादातर दिल्ली, मुंबई, गुजरात ,पंजाब से लौटे मजदूर हैं.

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन ने छीना रोजगार, अब गुजरात से घर लौट रहे प्रवासी

पटना जंक्शन (Migrant Workers At Patna Junction) पर जैसे ही लोकमान्य तिलक गुवाहाटी एक्सप्रेस पहुंची हजारों की संख्या में श्रमिक मजदूर लौटते दिखे. सभी मजदूरों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही थी. लोग काफी डरे सहमे दिख रहे थे. प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन का डर सताने लगा है. यही वजह है कि पटना जंक्शन पर मुंबई से जब ट्रेन पहुंची तो यात्रियों से भरी पड़ी थी. मजदूरों के आने का सिलिसिला बढ़ गया है.

घर लौटने लगे प्रवासी बिहारी

यह भी पढ़ें- मंदिर जाने से पहले पढ़ लीजिए ये खबर.. कहीं 'भगवान का द्वार' बंद ना मिले

मुंबई से लौटे प्रवासी मजदूर राकेश ने बताया मुम्बई में मिस्त्री का काम करते हैं. लेकिन धीरे धीरे कोरोना के कारण परिस्थितियां खराब हो रही हैं. नाईट कर्फ्यू लगा दिया गया है. राकेश वैशाली के रहने वाले हैं. दूसरी लहर में हुए लॉकडाउन में राकेश को घर वापस आने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी.

"कोरोना संक्रमण की लगातार खराब स्थिति के कारण कभी भी लॉकडाउन की घोषणा हो सकती है. जिससे फिर परेशानी में पड़ सकते हैं. इस लिए पहले ही गांव लौट आए हैं. फिर से पुराने हालात न हो इसलिए एतिहात के तौर पर पहले ही घर आ गए हैं."- राकेश, प्रवासी श्रमिक

यह भी पढ़ें- बिहार में 7.5 गुना तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले, पटना में सबसे अधिक एक्टिव केस

वहीं खगड़िया जिले के रहने वाले आशिफ ने बताया कि, मुंबई में कपड़ा सिलने का काम करते थे. मुंबई में कभी भी लॉकडाउन की घोषणा हो सकती है. नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है. धारा 144 रात्रि में लगा हुआ है और ऐसे में परेशानी बढ़ गई है.

"कम ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और इसका सीधा असर रोजी-रोटी पर पड़ रहा है. काम भी बहुत कम ही चल रहा था. इस कारण से अपने गांव लौट आए हैं. अगर लॉकडाउन लग जाता तो ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया जाएगा. फिर से मजबूरी में अन्य माध्यमों से घर पहुंचना पड़ता. उस परेशानी को फिर से झेलना नहीं चाहते हैं. इस कारण से पहले ही घर लौट आए हैं."- आसिफ, प्रवासी श्रमिक

यह भी पढ़ें- मधुबनी में कोरोना विस्फोट: 20 SSB जवान समेत 24 पॉजिटिव, लोगों में बढ़ी दहशत

"मजदूरी करके प्रतिदिन 500 से 600 रुपये कमाते थे. उसी से घर परिवार चलता था. अब यहां पर रोजी रोटी का सवाल तो खड़ा होगा लेकिन जीवन भी बचाना है. यहीं पर कुछ भी काम करके अपने घर परिवार का भरण पोषण करेंगे."- आफताब, प्रवासी श्रमिक

यह भी पढ़ें- 2022 में पहली मौत! पटना में कोरोना से गई एक की जान.. 65 वर्षीय व्यक्ति ने NMCH में तोड़ा दम

बता दें कि, कोरोनावायरस की पहली लहर के दौरान देशभर में लॉकडाउन लगाया गया था. अमीर लोग अपने घरों में रहकर कोरोना से बचाव कर रहे थे. लेकिन बिहार की एक बड़ी आबादी जो रोजी रोटी के लिए बाहर प्रदेश में काम करते हैं फंसे थे. उसी वक्त लाखों मजदूर सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल तय करने को मजबूर हुए थे. उस मंजर को याद कर मजदूर आज भी कांप जाते हैं. इसी का नतीजा है कि, प्रवासी बिहारी तीसरी लहर में घर लौट रहे हैं.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: कोरोना की तीसरी लहर ( Third Wave Of Corona Bihar) शुरू होते ही बिहार से बाहर काम कर रहे प्रवासी सहम गए हैं. दूसरी लहर के कटु अनुभव और लौटने में हुई परेशानियों को वे भूल नहीं पाये हैं. यही कारण कि, प्रवासी श्रमिक लॉकडाउन (Migrant Workers Are Returning To Bihar) के डर से धीरे-धीरे अपने घर लौटने लगे हैं. पटना जंक्शन पर लौटे प्रवासियों में ज्यादातर दिल्ली, मुंबई, गुजरात ,पंजाब से लौटे मजदूर हैं.

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन ने छीना रोजगार, अब गुजरात से घर लौट रहे प्रवासी

पटना जंक्शन (Migrant Workers At Patna Junction) पर जैसे ही लोकमान्य तिलक गुवाहाटी एक्सप्रेस पहुंची हजारों की संख्या में श्रमिक मजदूर लौटते दिखे. सभी मजदूरों के चेहरे पर मायूसी साफ झलक रही थी. लोग काफी डरे सहमे दिख रहे थे. प्रवासी मजदूरों को लॉकडाउन का डर सताने लगा है. यही वजह है कि पटना जंक्शन पर मुंबई से जब ट्रेन पहुंची तो यात्रियों से भरी पड़ी थी. मजदूरों के आने का सिलिसिला बढ़ गया है.

घर लौटने लगे प्रवासी बिहारी

यह भी पढ़ें- मंदिर जाने से पहले पढ़ लीजिए ये खबर.. कहीं 'भगवान का द्वार' बंद ना मिले

मुंबई से लौटे प्रवासी मजदूर राकेश ने बताया मुम्बई में मिस्त्री का काम करते हैं. लेकिन धीरे धीरे कोरोना के कारण परिस्थितियां खराब हो रही हैं. नाईट कर्फ्यू लगा दिया गया है. राकेश वैशाली के रहने वाले हैं. दूसरी लहर में हुए लॉकडाउन में राकेश को घर वापस आने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी.

"कोरोना संक्रमण की लगातार खराब स्थिति के कारण कभी भी लॉकडाउन की घोषणा हो सकती है. जिससे फिर परेशानी में पड़ सकते हैं. इस लिए पहले ही गांव लौट आए हैं. फिर से पुराने हालात न हो इसलिए एतिहात के तौर पर पहले ही घर आ गए हैं."- राकेश, प्रवासी श्रमिक

यह भी पढ़ें- बिहार में 7.5 गुना तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले, पटना में सबसे अधिक एक्टिव केस

वहीं खगड़िया जिले के रहने वाले आशिफ ने बताया कि, मुंबई में कपड़ा सिलने का काम करते थे. मुंबई में कभी भी लॉकडाउन की घोषणा हो सकती है. नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है. धारा 144 रात्रि में लगा हुआ है और ऐसे में परेशानी बढ़ गई है.

"कम ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और इसका सीधा असर रोजी-रोटी पर पड़ रहा है. काम भी बहुत कम ही चल रहा था. इस कारण से अपने गांव लौट आए हैं. अगर लॉकडाउन लग जाता तो ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया जाएगा. फिर से मजबूरी में अन्य माध्यमों से घर पहुंचना पड़ता. उस परेशानी को फिर से झेलना नहीं चाहते हैं. इस कारण से पहले ही घर लौट आए हैं."- आसिफ, प्रवासी श्रमिक

यह भी पढ़ें- मधुबनी में कोरोना विस्फोट: 20 SSB जवान समेत 24 पॉजिटिव, लोगों में बढ़ी दहशत

"मजदूरी करके प्रतिदिन 500 से 600 रुपये कमाते थे. उसी से घर परिवार चलता था. अब यहां पर रोजी रोटी का सवाल तो खड़ा होगा लेकिन जीवन भी बचाना है. यहीं पर कुछ भी काम करके अपने घर परिवार का भरण पोषण करेंगे."- आफताब, प्रवासी श्रमिक

यह भी पढ़ें- 2022 में पहली मौत! पटना में कोरोना से गई एक की जान.. 65 वर्षीय व्यक्ति ने NMCH में तोड़ा दम

बता दें कि, कोरोनावायरस की पहली लहर के दौरान देशभर में लॉकडाउन लगाया गया था. अमीर लोग अपने घरों में रहकर कोरोना से बचाव कर रहे थे. लेकिन बिहार की एक बड़ी आबादी जो रोजी रोटी के लिए बाहर प्रदेश में काम करते हैं फंसे थे. उसी वक्त लाखों मजदूर सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल तय करने को मजबूर हुए थे. उस मंजर को याद कर मजदूर आज भी कांप जाते हैं. इसी का नतीजा है कि, प्रवासी बिहारी तीसरी लहर में घर लौट रहे हैं.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.