पटना: जाने माने वकील और सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर रह चुके हरीश साल्वे एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार उन्होंने पाकिस्तान जेल में कैद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को फांसी पर चढ़ने से बचा लिया.
आईसीजे में भारत की इस बड़ी जीत का अगर किसी को श्रेय जाता है तो वो हैं हरीश साल्वे. आपको बता दें कि साल 2015 में हरीश ने बॉलीवुड स्टार सलमान खान को भी जेल जाने से बचाया था और एक बार फिर वह हीरो बन गए हैं. आईये आपको बताते हैं कि कौन हैं हरीश साल्वे?
कौन हैं हरीश साल्वे?
22 जून 1955 को महाराष्ट्र के नागपुर में जन्मे हरीश साल्वे को आज दुनिया बतौर क्रिमिनल लॉयर जानती है. उनके पिता एनकेपी साल्वे भी प्रख्यात वकील थे. वकालत में उनकी दिलचस्पी उनके दादा पीके साल्वे के कारण हुई. साल 1976 में उन्होंने अपनी वकील नानी के साथ टैक्स लॉयर की प्रैक्टिस शुरू की. उसके बाद वह दिल्ली आ गए और साल 1992 में सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील बन गए. 1999 में वह सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल नियुक्त हुए.
एक दिन का करते हैं इतना चार्ज
बता दें कि हरीश साल्वे ने अबतक काफी हाई-प्रोफाइल लोगों का केस लड़ा है. उन्होंने वोडाफोन के टैक्स चोरी मामला, अंबानी भाईयों के बीच हुए रिलायंस गैस विवाद, सलमान के हिट एंड रन केस, योग गुरू बाबा रामदेव का पक्ष रखा. सभी में उन्हें जीत मिली. हरीश साल्वे देश के सबसे मंहगे वकीलों में गिने जाते हैं. चर्चा के मुताबिक वह एक पेशी के लिए कम से कम 4.5 लाख कीमत लेते हैं. उनके एक दिन की फीस तकरीबन 30 लाख है.
फिलहाल दिल्ली में रहते हैं
दिल्ली के भगवान दास रोड स्थित व्हाईट हाउस में वकील हरीश साल्वे का दफ्तर है. लेकिन, वह कुलीन पलाम मार्ग के 800 गज की कोठी में रहते हैं. जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये है. बता दें कि हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव का केस महज 1 रुपये में लड़ा है.
हेग में भारत को मिली बड़ी जीत, जाधव की फांसी पर रोक
पाकिस्तान के जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में भारत को जबर्दस्त राजनयिक जीत मिली है. नीदरलैंड के हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्याय न्यायालय (आईसीजे) ने बुधवार को भारत की याचिका में उठाए गए अधिकांश मुद्दों को सही ठहराया. आईसीजे ने इस मामले में पाकिस्तान को लताड़ भी लगाई है. अदालत ने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को उनके अधिकारों से अवगत नहीं कराया और ऐसा कर उसने वियना संधि के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. आईसीजे ने पाकिस्तान से कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करे. इसका अर्थ यह है कि जाधव की मौत की सजा पर आईसीजे ने जो रोक लगाई थी, वह जारी रहेगी.
क्या है कुलभूषण पर आरोप?
जाधव को पाकिस्तान ने साल 2016 में भारतीय जासूस बताते हुए मौत की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान का कहना है कि वह आतंकी गतिविधि में शामिल थे. जबकि भारत ने इसे गलत बताते हुए इसके खिलाफ आईसीजे में अपील की हुई है.