पटना: राजेंद्र नगर राजकीय बालक उच्च माध्यमिक विद्यालय में ठहराए गये सीआरपीएफ जवानों में से कुल 9 जवानों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद विद्यालय प्रशासन सकते में है. साथ ही इस विद्यालय भवन के प्रथम तले पर बापू स्मारक महिला उच्च विद्यालय भी संचालित होता है.
इंटर में नामांकन की प्रक्रिया
एक तरफ जहां विद्यालय में इंटर में नामांकन की प्रक्रिया चल रही है. वही दूसरी तरफ इस वर्ष मैट्रिक और इंटर परीक्षा उत्तीर्ण छात्र-छात्राएं अपने मार्क्ससीट, प्रोविजनल सर्टिफिकेट, स्थांतरण प्रमाण पत्र (टी.सी ) आदि लेने के लिये छात्रों के साथ उनके अभिभावकों की भी भीड़ लगी रहती है.
फॉर्म भरने की तिथि घोषित
बोर्ड ने मैट्रिक और इंटर परीक्षा 2021 में सम्मिलित होने वाले छात्र-छात्राओं के लिए फॉर्म भरने की तिथि भी घोषित कर दी है. इसके लिए भी बच्चे अपने अभिभावकों के साथ लगातार विद्यालय आ रहे हैं. दोनों ही विद्यालयों में इन कार्यों को सम्पन्न करने के लिए शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मी मजबूरन जान जोखिम में डाल कर विद्यालय आ रहे हैं.
संक्रमण फैलने का खतरा
अब विद्यालय प्रशासन यदि इन कार्यों को रोकता है तो, छात्र-छात्राओं के नामांकन, परीक्षा फॉर्म भरने सहित सभी कार्यों में बाधा होगी. वहीं दूसरी तरफ बोर्ड के निर्देश का भी पालन करना इनकी मजबूरी है. ऐसे में जिले के सुदूर इलाकों से इन विद्यालयों में पहुंचने वाले शिक्षकों, कर्मियों, छात्रों और उनके अभिभावकों में संक्रमण फैलता है, तो वो आने-जाने के क्रम में कई लोगों के साथ-साथ अपने परिवार वालों को भी संक्रमित करेगें.
प्रवेश के लिए एक ही द्वार
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस विद्यालय में प्रवेश के लिए एक ही द्वार है. विद्यालय भवन में भी प्रवेश करने के लिए एक ही रास्ता है. इसी रास्ते से दोनों विद्यालयों के छात्र-छात्रा, उनके अभिभावक, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मियों के साथ-साथ यहां ठहरे सीआरपीएफ के जवान भी आते-जाते हैं.
क्या कहते हैं प्रवक्ता
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि बार-बार बोर्ड प्रशासन को इस संबंध में ध्यान आकृष्ट कराया गया है. लेकिन बोर्ड ने एक साथ मैट्रिक और इंटर का अंकपत्र, प्रोविजनल, स्थानांतरण प्रमाण पत्र आदि के वितरण, इंटर का नामांकन, मैट्रिक और इंटर 2021 की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्र-छात्राओं के फार्म भरने का कार्य शुरू कर दिया है.
विद्यालयों में 4 से 5 फीट पानी
इसके कारण विद्यालयों में अत्यधिक भीड़ बढ़ गई है. बोर्ड प्रशासन ने विद्यालयों के शिक्षकों, कर्मियों, होनहार छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को कोरोना संक्रमित होने के लिए मजबूर कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य के 16 जिले बाढ़ की विभीषिका से अस्त व्यस्त हैं. विद्यालयों में 4 से 5 फीट पानी भरा है. वहीं आवागमन के साधन भी उपलब्ध नहीं है.
निर्णय पर करें विचार
संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग और बोर्ड प्रशासन अपने कीर्तिमान के लिए राज्य के शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों और होनहार छात्र-छात्राओं को संक्रमण की बलि पर ना चढ़ाएं. पुनः अपने निर्णय पर विचार करें.